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हाजमोला पर GST का हाजमा खराब! दवा है या कैंडी – अब सरकार तय करेगी

डाबर की मशहूर हाजमोला ने अब स्वाद के साथ-साथ टैक्स अधिकारियों का भी ध्यान खींच लिया है! जी हां, अब सवाल ये है कि हाजमोला वाकई आयुर्वेदिक दवा है या सिर्फ एक चटपटी कैंडी? GST इंटेलिजेंस की कोयंबटूर टीम जांच कर रही है कि Dabur Hajmola पर 12% टैक्स लगे (दवा की तरह) या 18% (कैंडी की तरह).

हाजमोला पर GST का हाजमा खराब! दवा है या कैंडी – अब सरकार तय करेगी
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 12 April 2025 8:37 AM

देशभर में लोकप्रिय Dabur Hajmola अब सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, टैक्स को लेकर भी चर्चा में है. जीएसटी खुफिया निदेशालय (DGGI) की कोयंबटूर यूनिट ने हाजमोला की वर्गीकरण प्रक्रिया को लेकर जांच शुरू कर दी है. सवाल यह है – क्या हाजमोला एक आयुर्वेदिक दवा है, जिस पर 12% जीएसटी लगता है, या फिर एक स्वादिष्ट कैंडी, जिस पर 18% टैक्स देना होगा?

डाबर की दलील: दवा, न कि सिर्फ कैंडी

CNBC-TV18 की रिपोर्ट के मुताबिक, Dabur India का कहना है कि हाजमोला सिर्फ चीनी में लिपटी कोई आम कैंडी नहीं, बल्कि आयुर्वेद आधारित पाचन औषधि है. कंपनी का यह भी दावा है कि पूर्व जीएसटी व्यवस्था में भी सुप्रीम कोर्ट ने हाजमोला को दवा की श्रेणी में रखा था, और अब वही स्टैंड दोहराया जा रहा है.

पुराना मामला, नया मोड़

गौरतलब है कि GST लागू होने से पहले भी Dabur को इस तरह की कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ा था, जिसमें अदालत ने हाजमोला को ‘कनफेक्शनरी’ के बजाय ‘आयुर्वेदिक औषधि’ माना था. लेकिन अब जीएसटी के तहत टैक्स की दरें अलग होने के कारण, यह मामला फिर से तूल पकड़ रहा है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी दबाया टैक्स का बटन

सिर्फ GST ही नहीं, डाबर को आयकर विभाग से भी नोटिस मिला है। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कंपनी पर 110.33 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड रखी गई है. आरोप है कि डाबर ने इन-हाउस R&D और सेक्शन 14A के तहत गलत टैक्स छूट का दावा किया है.

मार्च तिमाही में स्लोडाउन की मार

बाजार की चाल भी Dabur के लिए आसान नहीं रही. कंपनी ने जानकारी दी है कि शहरी क्षेत्रों में बिक्री धीमी रही और ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में 150-175 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट देखने को मिल सकती है. मार्च तिमाही (Q4 FY25) के लिए कंपनी का समेकित राजस्व ‘लगभग स्थिर’ रहने की संभावना है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार से उम्मीदें बरकरार

हालांकि भारत में FMCG सेगमेंट सुस्त हो सकता है, लेकिन MENA रीजन, बांग्लादेश और मिस्र जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में Dabur की पकड़ मजबूत बनी हुई है. यहां डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद की जा रही है. Dabur की कुल कमाई का लगभग एक-चौथाई हिस्सा विदेशी बाजारों से आता है.

नजरें अब GST काउंसिल के फैसले पर

अब देखना ये होगा कि GST अथॉरिटी हाजमोला को दवा मानती है या सिर्फ कैंडी. फैसला जो भी हो, इसका असर देशभर के रिटेलर्स और कंज्यूमर्स पर जरूर पड़ेगा.

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