तबाही मचाने आ रहा है मोंथा! आंध्र तट पर शुरू हुआ लैंडफॉल, भारी बारिश और तेज हवाओं से तटीय इलाके तबाह- Updates
चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ ने सोमवार देर रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और मछलीपट्टनम के बीच लैंडफॉल किया. तेज हवाओं और भारी बारिश से कई तटीय जिलों में जनजीवन ठप हो गया. बिजली आपूर्ति बाधित है, पेड़ और खंभे गिर गए. राज्य सरकार ने 7 जिलों में यातायात रोक दिया और राहत-बचाव दल तैनात किए हैं.
आंध्र प्रदेश के तट से टकराने वाला चक्रवाती तूफान 'मोंथा' (Cyclone Montha) धीरे-धीरे तांडव मचा रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, मोंथा का लैंडफॉल प्रोसेस आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और काकीनाडा के बीच शुरू हो चुका है, जो अगले तीन से चार घंटे तक जारी रहेगा. इस दौरान 110 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं, साथ ही कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं.
राज्य सरकार ने सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है. मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित इलाकों में तुरंत राहत कार्य शुरू करें. एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत टीमें तटीय जिलों में तैनात की गई हैं.
तीन घंटे में पूरी तरह तट पार करेगा ‘मोंथा’
आईएमडी के ताज़ा अपडेट के अनुसार, तूफान उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है और मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच, काकीनाडा के पास, गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में तट को पार करेगा. इस दौरान हवाओं की गति 90 से 100 किमी प्रति घंटा तक रहने और झोंकों की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है.
तटीय जिलों में तबाही- बिजली गुल, पेड़ उखड़े, यातायात ठप
पूर्वी गोदावरी, कोनसीमा और काकीनाडा जैसे जिलों में तूफान की रफ्तार ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. जगह-जगह बिजली आपूर्ति ठप है, सड़कों पर पेड़ और खंभे गिर चुके हैं, जबकि परिवहन सेवाएं पूरी तरह बाधित हैं. समुद्र में ऊंची लहरों को देखते हुए मछुआरों को किनारे पर ही रहने की सलाह दी गई है. काकीनाडा और कृष्णपट्टनम बंदरगाहों पर सभी परिचालन रोक दिए गए हैं.
सरकार ने 7 जिलों में वाहनों की आवाजाही पर लगाई रोक
राज्य सरकार ने मंगलवार रात 8:30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक सात जिलों- कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, काकीनाडा, डॉ. बीआर अंबेडकर कोनसीमा और अल्लूरी सीताराम राजू (चिंतूर और राम्पाचोडावरम डिविजन)- में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी है. केवल आपातकालीन मेडिकल सेवाओं को छूट दी गई है. जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को सभी मुख्य मार्गों, यहां तक कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी ट्रैफिक रोकने के निर्देश दिए गए हैं.
मूसलाधार बारिश और अलर्ट पर निगरानी टीमें
तूफान के प्रभाव से मछलीपट्टनम में 5.2 मिमी, नारसापुर में 9.8 मिमी, तूनी में 15.6 मिमी, काकीनाडा में 5.7 मिमी और विशाखापट्टनम में 0.2 मिमी बारिश दर्ज की गई है. नेल्लोर जिले में लगातार 36 घंटे से बारिश हो रही है. पिछले 24 घंटे में औसतन 5 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जबकि कुछ हिस्सों में 7 सेंटीमीटर तक पानी गिरा है. अधिकारियों ने बताया कि अगले 12 घंटे तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.
एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर
राज्य के 39 विधानसभा क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिए गए हैं. राहत शिविरों में भोजन, दवाइयां और अस्थायी ठहराव की व्यवस्था की गई है. स्कूल, कॉलेज और दफ्तर बंद कर दिए गए हैं. आईएमडी ने कई तटीय जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों को घरों में रहने तथा अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है.
आगे क्या- कमजोर पड़ेगा तूफान, लेकिन बारिश जारी रहेगी
लैंडफॉल के बाद मोंथा धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगेगा, लेकिन इसके प्रभाव से अगले 24 घंटे तक तेलंगाना, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भारी वर्षा हो सकती है. अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और आधिकारिक एडवाइजरी का पालन करने की अपील की है.
मुख्य बातें संक्षेप में
- मोंथा तूफान ने आंध्र तट पर किया लैंडफॉल.
- हवाओं की रफ्तार 110 किमी/घंटा तक.
- 7 जिलों में यातायात पर रोक.
- तटीय जिलों में बिजली और संचार बाधित.
- एनडीआरएफ और SDRF की टीमें राहत कार्य में जुटीं.





