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डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट क्या है, जिसके तहत हिंदू महिला ने मुस्लिम को बेची प्रॉपर्टी तो कलेक्टर ने कर दिया सील?

Surat: डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट के तहत, जिला कलेक्टर किसी शहर या कस्बे के किसी विशेष क्षेत्र को 'डिस्टर्ब्ड एरिया' के रूप में अधिसूचित करता है. इसके बाद उन क्षेत्रों में अचल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए कलेक्टर की अनुमति की आवश्यकता होती है.

डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट क्या है, जिसके तहत हिंदू महिला ने मुस्लिम को बेची प्रॉपर्टी तो कलेक्टर ने कर दिया सील?
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Surat
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 10 Feb 2025 9:01 AM IST

Surat: कई घटनाएं हमें अलग-अलग कानून की जानकारी देता है, जिससे आम लोग अनजान रहते हैं. ऐसे ही एक बार फिर से सुर्खियों में आया है डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट. दरअसल, हाल ही में सूरत के जिला कलेक्टर ने पुराने शहर के सलाबतपुरा क्षेत्र में एक संपत्ति को सील कर दिया. इसकी वजह ये है कि इसकी मालिक एक हिंदू महिला ने इसे एक मुस्लिम महिला को बेच दिया था, जिसे कलेक्टर ने डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट के आर्टिकल 5A और B का उल्लंघन बताया है. हालांकि, यह बिक्री अधूरी थी.

डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट के आर्टिकल 5A और B के तहत संपत्ति बेचने का क्या इरादा है, इसे लेकर कलक्टर को आवेदन करना होता है और कलेक्टर इसे मंजूरी देता है. कलेक्टर सौदे के मंजूरी और इसे रोकने का भी अधिकार रखता है.

डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट क्या है?

डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट के तहत जिला कलेक्टर किसी शहर या कस्बे के किसी खास इलाके को 'डिस्टर्ब्ड एरिया' के तौर पर अधिसूचित करता है. यह आमतौर पर उस इलाके में सांप्रदायिक दंगों के इतिहास के आधार पर होता है. गुजरात सरकार के अनुसार, इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को रोकना है.

इस अधिसूचना के बाद उन क्षेत्रों में अचल संपत्ति के हस्तांतरण के लिए कलेक्टर की अनुमति की आवश्यकता होती है. आवेदन में विक्रेता को एक हलफनामा देना होगा, जिसमें कहा गया हो कि उसने अपनी स्वतंत्र इच्छा से संपत्ति बेची है और उसे उचित बाजार मूल्य मिला है. अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माना हो सकता है.

डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट के अंतर्गत कौन से क्षेत्र शामिल हैं?

अहमदाबाद , वडोदरा, सूरत , आनंद, अमरेली, भावनगर, पंचमहल और अन्य जिलों के कई इलाके अभी भी इस एक्ट के दायरे में हैं. और नए क्षेत्रों को भी इसमें जोड़ा जा रहा है. गुजरात सरकार ने पिछले महीने आनंद जिले के मौजूदा इलाकों में इस अधिनियम के लागू होने की अवधि को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया था.

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