महाराष्ट्र में नवंबर के दूसरे सप्ताह में हो सकता है विधानसभा चुनाव: सीएम एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव नवंबर के दूसरे सप्ताह में होने की उम्मीद है और सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे की बात को जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, 'नवंबर के दूसरे सप्ताह में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव नवंबर के दूसरे सप्ताह में होने की उम्मीद है और सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे की बात को जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
सीएम शिंदे ने मुंबई में अपने आवास 'वर्षा' में अनौपचारिक बातचीत में कहा कि 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा वाली महायुति सरकार विकास और कल्याणकारी उपायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "नवंबर के दूसरे सप्ताह में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। दो चरणों में चुनाव कराना बेहतर होगा। महायुति सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के लिए योग्यता और अच्छा स्ट्राइक रेट ही मापदंड होगा।" उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को 8 से 10 दिनों में अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
शिंदे ने कहा कि वह महिलाओं के बीच सरकार के प्रति समर्थन देख सकते हैं और उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार आम आदमी की सरकार है। उन्होंने कहा कि हमने विकास और योजनाओं के बीच संतुलन कायम किया है।
सीएम ने योजनाओं की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 1.5 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं, जिसके लिए उन्हें 6,000 रुपये से 10,000 रुपये तक का वजीफा मिलेगा। इस कार्यक्रम में 10 लाख युवाओं को शामिल करने का लक्ष्य है।
शिंदे ने कहा कि सरकार की लड़की बहन योजना के तहत अब तक 1.6 करोड़ महिलाओं को वित्तीय सहायता मिली है। उन्होंने कहा, "हमारी योजना 2.5 करोड़ महिलाओं तक पहुंचने की है।"
वर्तमान में सरकार की प्रमुख 'मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना' की महिला लाभार्थियों को 1,500 रुपये प्रति माह मिलते हैं।
सीएम शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य मुंबई को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त बनाना और सभी के लिए सस्ता आवास सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र आवास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण, महाराष्ट्र नगर एवं औद्योगिक विकास निगम और मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) जैसी सभी सरकारी एजेंसियों को मलिन बस्तियों के पुनर्विकास के लिए शामिल किया गया है।