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खूनी राजतिलक! महाराणा प्रताप के वंशज दो फाड़, उदयपुर राज परिवार की लड़ाई की पूरी कहानी

Mewar Dynasty battle: भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के 77वें महाराणा के तौर पर राज्याभिषेक के बाद उदयपुर के राजपरिवार के गुटों के बीच झड़प हो गई. अपने चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के नियंत्रण वाले सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ मंदिर में प्रवेश न मिलने पर विश्वराज सिंह के समर्थकों ने पथराव किया.

खूनी राजतिलक! महाराणा प्रताप के वंशज दो फाड़, उदयपुर राज परिवार की लड़ाई की पूरी कहानी
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Mewar Dynasty battle
सचिन सिंह
By: सचिन सिंह

Updated on: 26 Nov 2024 12:42 PM IST

Mewar Dynasty battle: उदयपुर में मेवाड़ राजवंश की लड़ाई हिंसक हो चुकी है. यहां सोमवार यानी 25 नवंबर 2024 पूर्व राजपरिवार के दो गुटों और महाराणा प्रताप के अपने खून के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके बाद तीखी झड़प देखने को मिली. इस दौरान ऐतिहासिक सिटी पैलेस में पथराव हुआ और तनाव पैदा हो गया. यहां विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चचेरे भाई डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ के बीच विरासत की लड़ाई है.

राजसमंद से भाजपा विधायक और मेवाड़ के नए महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके समर्थकों को महल में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद वे सिटी पैलेस के बाहर डेरा जमाए बैठे हैं. ये लड़ाई विरासत की लड़ाई जैसी है, जहां अगला महाराणा न बनने का खुन्नस भी है.

उदयपुर में हुआ क्या?

सिटी पैलेस के गेट पर विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चचेरे भाई डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच तनाव बढ़ गया. मेवाड़ के 77वें महाराणा विश्वराज सिंह को कथित तौर पर महल में प्रवेश करने से मना कर दिया गया. मना करने के बाद विधायक के समर्थकों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और महल में जबरन घुसने की कोशिश की. महल के अंदर मौजूद लोगों ने भी इसका जवाब दिया, जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई.

राजपरिवार में विवाद कथित तौर पर भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में राज्याभिषेक के बाद शुरू हुआ. यह झड़प उस दिन चित्तौड़गढ़ किले में राज्याभिषेक के बाद हुई थी. विश्वराज सिंह मेवाड़ का राज्याभिषेक उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के हाल ही में निधन के बाद हुआ था.

राज्याभिषेक बना खूनी राजतिलक

हालांकि, यह राज्याभिषेक का शानदार जश्न महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच लंबे समय से चल रहे झगड़े के कारण फीका पड़ गया. दोनों ही महान राजपूत राजा महाराणा प्रताप के वंशज हैं. अरविंद सिंह ने राज्याभिषेक के बाद की रस्मों के तहत विश्वराज सिंह के महल में आने का विरोध करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया. इसके बाद ही ये पारिवारिक विवाद और बढ़ गया.

जब विश्वराज सिंह और उनके समर्थकों ने सिटी पैलेस में प्रवेश करने का प्रयास किया प्रशासन ने कदम उठाया स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप किया. उदयपुर के जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने लोगों को आश्वासन दिया कि कानून और व्यवस्था बहाल कर दी गई है.

लंबे समय से चल रहा पारिवारिक लड़ाई

लंबे समय से चल रहा पारिवारिक झगड़ा यह विवाद शाही परिवार के भीतर लंबे समय से चली आ रही 'हम राजा तो हम राजा' का एक नया अध्याय शुरू हो गया है. विश्वराज सिंह के महाराणा बनने से विभाजन और गहरा हो गया है. अरविंद सिंह के प्रति वफादार गुट उनके सिंहासनारूढ़ होने का विरोध कर रहे हैं. नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह के समर्थकों ने प्रवेश न होने के बाद सिटी पैलेस से कुछ किलोमीटर दूर जगदीश चौक पर डेरा डाल दिया, जिससे टकराव और बढ़ गया.

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