Blood Moon 2025: भारत में दिखेगा अद्भुत खगोलीय नज़ारा, जानिए कब और कैसे देखें यह शानदार चंद्र ग्रहण
रविवार, 7 सितंबर 2025 की रात भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण यानी ‘ब्लड मून’ दिखेगा. यह तब होता है जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और उसका रंग गहरा लाल हो जाता है. यह दृश्य पूरे एशिया, विशेषकर भारत और चीन में बेहतरीन रूप से दिखाई देगा. इसे देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की जरूरत नहीं है. वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम लोग भी इसे देखकर पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच के संबंधों को समझ सकते हैं.

भारत के खगोल प्रेमियों के लिए एक रोमांचक और दुर्लभ खगोलीय घटना सामने आने वाली है. रविवार की रात भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण, जिसे आमतौर पर 'ब्लड मून' कहा जाता है, दिखेगा. यह घटना तब होती है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे उसका रंग गहरा लाल दिखाई देता है. यह दृश्य न केवल रोमांचक होता है, बल्कि सदियों से वैज्ञानिकों और आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है.
यह पूर्ण चंद्र ग्रहण रविवार, 7 सितंबर 2025 की रात 11:00 बजे (IST) से शुरू होकर 8 सितंबर को 12:22 बजे (IST) तक चलेगा. चंद्रमा सबसे पहले 10:01 बजे (IST) पर पृथ्वी की बाहरी छाया, यानी पेनुम्ब्रा में प्रवेश करेगा. इसके बाद धीरे-धीरे वह पृथ्वी की मुख्य छाया में जाएगा और पूरी तरह लालिमा लिए दिखाई देगा.
कब और कहां दिखेगा ब्लड मून?
भारत के साथ-साथ चीन सहित पूरे एशिया में इस घटना को बेहतरीन तरीके से देखा जा सकेगा. इसके अलावा पूर्वी अफ्रीका और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के हिस्सों में भी इसका दृश्य मिलेगा. यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में चंद्रमा के उगते समय थोड़ी देर का आंशिक ग्रहण दिखाई देगा, जबकि अमेरिका महाद्वीप इस घटना को पूरी तरह से देखने से चूक जाएगा.
ब्लड मून क्यों दिखाई देता है?
चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा का रंग लाल दिखाई देना एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है, जो पृथ्वी के वातावरण की भूमिका से जुड़ी है. जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंचती. इसके बजाय, यह रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरती है. इस दौरान वायुमंडल में मौजूद कण और गैसें नीली रोशनी को बिखेर देती हैं, जबकि लाल रंग की किरणें अपेक्षाकृत आसानी से पार होकर चंद्रमा तक पहुंचती हैं. इसी वजह से चंद्रमा पर लाल, तांबे जैसा या गहरा रंग दिखाई देता है. इस पूरी प्रक्रिया को विज्ञान की भाषा में “रेले स्कैटरिंग” कहा जाता है, जिसमें छोटी वेवलेंथ वाली रोशनी अधिक बिखरती है और लंबी वेवलेंथ वाली लाल रोशनी चंद्रमा तक पहुंचती है. ग्रहण के दौरान यह दृश्य पृथ्वी के वायुमंडल की संरचना और प्रकाश के व्यवहार को समझने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है.
कैसे सुरक्षित तरीके से देखें ब्लड मून?
सौर ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती. यदि आसमान साफ है और स्थान खुला है, तो इसे बिना किसी सुरक्षा चश्मे के सीधे देखा जा सकता है. यह खगोलीय घटना बच्चों और बड़ों दोनों के लिए समान रूप से सुरक्षित है और दूरबीन या टेलीस्कोप से देखने पर दृश्य और भी आकर्षक लगेगा.
इस वर्ष का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण
यह ग्रहण इस साल का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. इससे पहले मार्च 2025 में भी एक पूर्ण चंद्र ग्रहण देखा गया था. यह 2022 के बाद पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण है. मिलिगन इसे अगले साल होने वाले एक बड़े सौर ग्रहण का संकेत भी मानते हैं.
12 अगस्त 2026 को यूरोप के कुछ हिस्सों में एक दुर्लभ पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा. स्पेन और आइसलैंड में यह घटना विशेष रूप से दिखाई देगी. स्पेन में मैड्रिड और बार्सिलोना के बीच लगभग 160 किलोमीटर की पट्टी में यह सबसे अच्छे से दिखेगा, हालांकि कोई बड़ा शहर पूरी तरह ग्रहण नहीं देख पाएगा. यूरोप में यह पहली बार है कि 2006 के बाद इतने बड़े पैमाने पर पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा.
खगोल प्रेमियों के लिए विशेष अवसर
इस बार का ब्लड मून न केवल वैज्ञानिकों के लिए अध्ययन का विषय है, बल्कि आम जनता के लिए भी यह एक अनूठा अवसर है. खगोल विज्ञान के छात्र, विज्ञान प्रेमी और सामान्य लोग इसे देखकर पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के संबंधों को समझ सकते हैं. भारत में दूरस्थ इलाकों से लेकर महानगरों तक इस दृश्य को देखने की उत्सुकता है. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आसमान साफ हो और किसी खुले क्षेत्र में जाकर इस घटना का आनंद लिया जाए.