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Birth of Universe: यूनिवर्स में दिखता सिर्फ 5%, बाकी छिपा हुआ, क्या है डार्क मैटर और इसकी थ्योरी?

डार्क मैटर ब्रह्मांड का 27% हिस्सा है, जो नज़र नहीं आता, लेकिन इसकी ग्रेविटी ब्रह्मांड को बांधकर रखती है. जानिए, डार्क मैटर का रहस्य, इसके सबूत और ब्रह्मांड में इसकी भूमिका.

Birth of Universe: यूनिवर्स में दिखता सिर्फ 5%, बाकी छिपा हुआ, क्या है डार्क मैटर और इसकी थ्योरी?
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ब्रह्मांड में जो कुछ भी हम देख सकते हैं—जैसे तारे, ग्रह, आकाशगंगाएं और अन्य खगोलीय वस्तुएं—वह ब्रह्मांड का केवल 5% हिस्सा है. बाकी 95% अभी भी एक पहेली है. इसमें से 27% हिस्सा डार्क मैटर का है, और 68% डार्क एनर्जी का. डार्क मैटर नज़र नहीं आता, लेकिन यह ब्रह्मांड के हर कोने में मौजूद है और इसके बिना आकाशगंगाओं और तारों का अस्तित्व संभव नहीं होता. यह रहस्यमयी पदार्थ ब्रह्मांड को एक साथ बांधकर रखता है.

डार्क मैटर को 'डार्क' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह किसी भी रोशनी को रिफ्लेक्ट या एमिट नहीं करता. इसे सीधे देखा या मापा नहीं जा सकता, लेकिन इसकी उपस्थिति का पता ग्रेविटी के प्रभाव से चलता है. वैज्ञानिकों को इसका पता तब चला जब उन्होंने गैलेक्सियों की स्पीड का अध्ययन किया और पाया कि उनकी स्पीड को समझाने के लिए विज़िबल मैटर से अधिक कुछ होना चाहिए.

डार्क मैटर की खोज का सफर

डार्क मैटर का पहला संकेत 1930 के दशक में खगोलशास्त्री फ्रिट्ज ज़्विकी (Fritz Zwicky) ने दिया. उन्होंने गैलेक्सी क्लस्टर्स की गति का अध्ययन करते हुए पाया कि गैलेक्सियों को एक साथ बांधने के लिए दृश्य मैटर पर्याप्त नहीं था. इसके बाद, 1970 के दशक में वेरा रुबिन (Vera Rubin) ने स्पाइरल गैलेक्सियों की रोटेशनल स्पीड को मापा. उन्होंने देखा कि गैलेक्सी के किनारे के तारे इतनी तेज़ गति से घूम रहे थे कि वे बिना किसी अतिरिक्त मैटर के, गैलेक्सी से दूर चले जाने चाहिए थे.

ये ऑब्ज़र्वेशन डार्क मैटर की उपस्थिति को प्रमाणित करते हैं. यह छिपा हुआ पदार्थ न केवल गैलेक्सियों को स्थिर रखता है, बल्कि ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में इसकी संरचना को भी आकार देता है.

डार्क मैटर का ब्रह्मांड में रोल

डार्क मैटर ब्रह्मांड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके बिना न तो गैलेक्सियां बनतीं और न ही तारे. यह पदार्थ ब्रह्मांड के विकास के हर चरण में भूमिका निभाता है.

डार्क मैटर को ब्रह्मांड का "ग्लू" कहा जा सकता है क्योंकि यह गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से हर चीज़ को बांधता है. उदाहरण के लिए, आकाशगंगाओं के क्लस्टर्स, जिनमें हज़ारों गैलेक्सियां होती हैं, डार्क मैटर की ग्रेविटी के कारण एक साथ रहते हैं. यह उन गैस क्लाउड्स को भी एकत्रित करता है, जिनसे नए तारे बनते हैं. इसके बिना, गैलेक्सियां इतनी तेज गति से घूमतीं कि वे बिखर जातीं.

क्या है डार्क मैटर का असली रूप?

डार्क मैटर क्या है, यह सवाल आज भी वैज्ञानिकों के लिए पहेली बना हुआ है. हालांकि कई थ्योरीज़ इसका उत्तर देने की कोशिश करती हैं.

WIMPs (Weakly Interacting Massive Particles):

यह सबसे पॉपुलर थ्योरी है. WIMPs ऐसे पार्टिकल्स हो सकते हैं, जो साधारण मैटर के साथ कम इंटरेक्ट करते हैं.

Axions:

कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि डार्क मैटर बहुत हल्के वजन वाले पार्टिकल्स से बना है, जिन्हें एक्सियन्स कहा जाता है.

Modified Gravity Theory:

एक और थ्योरी यह कहती है कि डार्क मैटर का कोई अस्तित्व नहीं है, बल्कि हमें ग्रेविटी के नियमों को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है.

डार्क मैटर को मापने के प्रयास

डार्क मैटर को डिटेक्ट करना आसान नहीं है, क्योंकि यह साधारण मैटर के साथ बहुत ही कमजोर इंटरेक्शन करता है. लेकिन वैज्ञानिक इसे समझने और मापने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं.

पार्टिकल डिटेक्टर्स:

अंडरग्राउंड प्रयोगशालाओं में ऐसे डिटेक्टर्स लगाए गए हैं, जो डार्क मैटर पार्टिकल्स से होने वाले किसी भी हल्के इंटरेक्शन को पकड़ सकें.

एस्ट्रोनॉमिकल स्टडी:

खगोलविद टेलीस्कोप्स का उपयोग करके गैलेक्सी क्लस्टर्स और उनकी गति का अध्ययन कर रहे हैं.

सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन:

वैज्ञानिक सुपरकंप्यूटर का उपयोग करके यह सिमुलेट कर रहे हैं कि डार्क मैटर ने ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में संरचना को कैसे प्रभावित किया.

क्या डार्क मैटर और डार्क एनर्जी जुड़े हैं?

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी दोनों ब्रह्मांड के बड़े रहस्य हैं. हालांकि, इन दोनों के रोल एकदम अलग हैं.

  • डार्क मैटर ब्रह्मांड को एक साथ बांधता है.
  • डार्क एनर्जी ब्रह्मांड के विस्तार को तेज करती है.

कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के बीच कोई गहरा कनेक्शन हो सकता है, लेकिन इसके लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है.

डार्क मैटर ब्रह्मांड का वह हिस्सा है जिसे हम न देख सकते हैं, न सीधे महसूस कर सकते हैं. लेकिन इसकी मौजूदगी का प्रभाव ब्रह्मांड की हर संरचना में देखा जा सकता है. यह हमारी गैलेक्सियों, तारों और आकाशगंगाओं को बांधकर रखता है और ब्रह्मांड को स्थिरता देता है. वैज्ञानिकों के लिए यह एक ऐसा रहस्य है, जिसे सुलझाना ब्रह्मांड के सबसे बड़े सवालों का जवाब हो सकता है

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