अश्नीर ग्रोवर और BharatPe का हुआ समझौता, कंपनी से पूरी तरह बाहर हुए को-फाउंडर
Bharat Pay और बिजनेसमैन अश्नीर ग्रोवर के बीच लंबे समय से विवाद जारी है. दोनों के बीच जारी विवाद पर विराम लगा है. अशनीर और कंपनी के बीच में एक आपसी समझौता हुआ है. जिसकी जानकारी खुद बिजनेसमैन ने अपने सोशल मीडिया पर दी है. उन्होंने बताया कि अब किसी भी तरह से कंरनी का हिस्सा नहीं रहने वाले हैं.

नई दिल्लीः Bhart-Pay के पूर्व कॉ- फाउंडर अश्नीर ग्रोवर का नाम अकसर सुर्खियों में शुमार रहता है. वहीं अब बिजनेसमैन ने कंपनी के साथ चल रही लड़ाई को लेकर एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि 'वह अब आधिकारिक तौर पर भारत-पे कंपनी का हिस्सा नहीं रहने वाले हैं. न ही वह कंपनी की कैपिटल टेबल (शेयरहोल्डिंग) का हिस्सा रहेंगे'
दरअसल Bharat-Pay कंपनी ने अश्नीर ग्रोवर के खिलाफ कंपनी के धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद यह मामला काफी लंबा चला था. वहीं ताजा जानकारी के अनुसार दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौता हुआ है. जिसके बाद अशनीर ने कंपनी से अलग होने का फैसला लिया है.इस समझौते में अशनीर के कुछ शेयर को Ressilent Growth Trust को ट्रांसफर किया जाएगा. बाकी के उनकी फैलिली ट्रस्ट को ट्रांसफर किया जाएगा. वहीं दोनों पक्षों के बीच इस मामले को और अधिक न बढ़ाने पर समझौता हुआ है.
समझौते की दी जानकारी
वहीं सोशल मीडिया एक्स पर अशनीर ने इस समझौते को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने Bharat-Pay के साथ चल रहे मामलों को निपटाने के लिए एक समझौता किया है. उन्होंने कहा कि 'मुझे मैनेजमेंट और बोर्ड के ऊपर पूरा भरोसा है कि वे अपनी कंपनी को आगे बढ़ाने में काम कर रहे हैं. अशनीर ने कहा कि मैं कंपनी की सफलता और ग्रोथ को देखना चाहता हूं. साथ ही उन्होंने ये भी खुलासा किया कि मैं अब किसी भी रूप में भारत पे से जुड़ा नहीं रहूंगा, न ही शेयरहोल्डिंग का हिस्सा रहूंगा. उन्होंने कहा कि मेरे बचे हुए शेयर का मैनेजमेंट मेरे पारिवारिक ट्रस्ट करेगा. दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है. मुझे उम्मीद है कि BharatPe अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा'. अशनीर के साथ-साथ कंपनी ने भी अपनी प्रतिक्रिया इस समझौते को लेकर दी है.
क्या बोला भारत-पे
भारत-पे कंपनी ने भी इसी समझौते को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि अशनीर ग्रोवर के साथ कंपनी एक निश्चित समझौते पर पहुंची है. जिसके बाद किसी भी तरह से वे कंपनी के साथ या फिर कंपनी के शेयरहोल्डर का हिस्सा नहीं रहने वाले हैं.