इडली खाने वाले हो जाएं सावधान! हो सकते हैं कैंसर का शिकार, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
क्या आप भी इडली खाने के शौकीन हैं? सुबह के नाश्ते में इडली खाते हैं, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि ये डिश अब आपकी जान के लिए खतरा बन सकती है. दरअसल बेंगलुरु के हेल्थ डिपार्टमेंट ऑफिसर ने खुलासा किया है कि इडली खाने से कैंसर हो सकता है.

इडली-सांभर साउथ इंडियन डिश है, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. यह कहना गलत नहीं होगा कि इडली खाने के शौकीन लोगों की कमी नहीं है. यह एक हेल्दी फूड है, जो आसानी से डाइजेस्ट हो जाती है. साथ ही, इस बनाने में तेल और मसाले का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
हालांकि, बेंगलुरु के हेल्थ ऑफिसर का कहना है कि जिस तरह से रेस्टोरेंट और वेंडर्स इडली बनाते हैं, यह हेल्थ के लिए हार्मफुल हो सकता है. साथ ही, इडली कैंसर का कारण बन सकती है.
रिपोर्ट में हुआ खुलासा
बेंगलुरू के हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स ने एक स्टडी की, जिसमें अलग-अलग होटलों और सड़क किनारे की दुकानों पर इडली बनाने के सैंपल लिए. लेबोरेटरी टेस्टिंग के बाद कुछ सैंपल में कार्सिनोजेनिक केमिकल्स मिले हैं. इस स्टडी में होटल और रोड साइड दुकानों से करीब 500 सैंपल लिए गए. इसके बाद लेबोरेटरी में पाया गया कि इनमें से 35 सैंपल में कार्सिनोजेनिक केमिकल्स थे, जिससे कैंसर हो सकता है. वहीं, ऑफिसर अभी बाकि बचे हुए सैंपल के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं.
प्लास्टिक शीट है कारण
इस रिजल्ट के बाद ऑफिसर्स ने होटल और वेंडर्स का फिर से दौरा किया, ताकि वह जान सके कि इडली कैसे बनाई जा रही है. इडली के बैटर को साफ सूती के कपड़े पर रख जाता है. इसके बाद इडली ट्रे में बैटर डाल भाप से पकाया जाता है. हालांकि, लोग कपड़े की जगह प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल करने लगे हैं. लगातार हीट के कारण प्लास्टिक से केमिकल रिलीज होता है, जिनमें से कुछ का नेचर कार्सिनोजेनिक हो सकता है.
मंत्री ने कही ये बात
इस मामले पर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव से सवाल पूछा गया. जहां उन्होंने कहा कि सरकार फूड इंडस्ट्री में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाने पर सोच रही है. वहीं, इस खुलासे के बाद होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष पीसी राव ने कहा कि कोई भी अच्छे होटल इडली बनाने में प्लास्टिक कवर का इस्तेमाल नहीं करता है.