1 करोड़ की नौकरी छोड़ बिजनसमैन बना बेंगलुरु का ये इंजीनियर, सोशल मीडिया पर शेयर की स्ट्रगल स्टोरी
बेंगलुरु के एक इंजीनियर ने अमेजॉन में नौकरी छोड़कर स्टार्टअप की शुरुआत की. कुछ कर दिखाकर अपने सपने को पूरा करने के जुनून ने उन्हें ऐसा करने की हिम्मत दी. ऐसा करना आसान नहीं था, इस दौरान उन्हें किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा की है.

किसी भी चीज को पूरा करने के लिए ललक, उस कार्य को करने की इच्छा और उसके प्रति प्रतिबद्धता चाहिए होती है. अगर ये सभी क्वालिटी आप में हो तो आपके सपनों को आपसे कोई छीन नहीं सकता. बेंगलुरु में रहने वाले एक इंजीनियर ने भी इन्हीं सबके बलबूते पर अपने सपनों को उड़ान दी है. जानकारी के अनुसार इंजीनियर का सपना था कि वो एक सफल और बड़ा बिजनैसमैन बने.
वहीं अपने इस सपने को उसने पूरा करके दिखाया. अपनी नौकरी छोड़कर कुछ नया स्टार्ट किया. उसने अपनी अमेज़ॅन की नौकरी छोड़ दी और स्टार्टअप डाला, लेकिन बह बुरी तरह फेल हो गया. इसकी जानकारी बिजनैसमैन शक्ति मनी त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी है.
लोगों को किया मोटीवेट
वहीं अपनी सक्सेस स्टोरी से शक्ती ने लोगों को मोटीवेट किया है. अपने करियर में उन्होंने किन चीजों का सामना किया. इसकी जानकारी दी और उनके सामने कौन सी चुनौतिया इस दौरान उन्हें आई इसकी जानकारी दी. फिलहाल रिफ्लेक के को-फाउंडर और चीफ टेक्नोलॉजी अधिकारी हैं शक्ति. जो संगठनों के व्यवसाय और परिचालन वर्कफ़्लो को चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया एक एआई टूल है.
अपनी नौकरी छोड़ किया बिजनेस शुरू
शक्ति ने बताया कि अपनी अमेजॉन की नौकरी छोड़कर उन्होंने स्टार्टअप शुरू किया. जिस समय उन्होंने ये फैसला लिया उस दौरान उनके पास कोई बैकअप नहीं था. बिना बैकअप के उन्होंने एक करोड़ रुपये की नौकरी छोड़ दी. उनका पहला वेंचर जिसका नाम हूबाहू एआई है. इसका मकसद एक एआई एजेंट के साथ मिलकर बिजनेस के वर्कफ्लो को मैनेज करना है. शक्ति ने बताया कि जब उन्होंने इसे शुरू किया तब सब कुछ अच्छा चला. शुरुआत का समय उनके लिए बेहद अच्छा रहा. तीन हफ्तों में उन्होंने लगभग 3,000 कस्टमर्स को इस कंपनी की ओर खींचा.
इस दौरान कई बड़ी कंपनियां जैसे एलिवेशन कैपिटल और आईक्यू को पिच किया. लेकिन उन्हें पिच करने के बाद भी कुछ कामियाबी नहीं मिली. हालांकि यहां भी शक्ति ने हार नहीं मानी. फंडिंग पाने के लिए उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा, और एक समय उन्हें अपनी इस कंपनी को बंद करना पड़ा. उन्होंने हार नहीं मानी और नए इंजीनियर से मुलाकात की.
मिला नया को-फाउंडर
वहीं इस असपलता के बाद हिम्मत नहीं हारी. एक समय उन्हें YC को फाउंडर मैचिंग प्रोग्राम के तहत अपना को-फाउंडर मिला कुणाल. इनके साथ मिलकर कहां लैक कर रहे हैं. किन चीजों की कमी है उन्हें देखा गया. इसके बाद B2B SaaS प्रोडक्शन पर काम करना शुरू किया. सभी मुश्किलों को ध्यान में रखने के बाद एक बार फिर से काम शुरू किया. उतार-चढ़ाव भरे सफर पर विचार करते हुए त्रिपाठी ने कहा, मुझे उम्मीद है कि 2025 मुझे अपनी यात्रा छोड़कर एक बार फिर कर्मचारी बनने के लिए मजबूर नहीं करेगा.