यूएस में बैन लेकिन भारत में क्यों बिक रहा रेनिटिडिन, देश में क्या है नियम?
भारत में रेनिटिडिन अब भी बिक रहा है क्योंकि यहां की नियामक संस्था, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने इस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय अभी तक नहीं लिया है. भारत में इस दवा के उपयोग के संबंध में अधिक साक्ष्य और विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता बताई जाती है.

रेनिटिडिन को अमेरिका में बैन कर दिया गया है क्योंकि इसमें एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलअमाइन नामक संभावित कैंसरजन्य पदार्थ की मौजूदगी पाई गई थी. अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इस पदार्थ के लंबे समय तक सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों के कारण इसे बाजार से वापस ले लिया.
भारत में रेनिटिडिन अब भी बिक रहा है क्योंकि यहां की नियामक संस्था, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय अभी तक नहीं लिया है. भारत में इस दवा के उपयोग के संबंध में अधिक साक्ष्य और विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता बताई जाती है. इसके अलावा, कुछ डॉक्टर और फार्मास्युटिकल कंपनियां इसे सुरक्षित मानते हुए इसका उपयोग जारी रखती हैं.
राज्यसभा में सरकार ने क्या कहा?
सीने में जलन की लोकप्रिय दवा रेनिटिडिन जो लंबे समय से जांच के दायरे में थी अब भारत में बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगी. सरकार ने स्पष्ट किया है कि इसके निर्माण या बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की कोई योजना नहीं है. इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा को जानकारी दी गई थी कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने रेनिटिडिन में एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन (एनडीएमए) नामक संभावित हानिकारक अशुद्धि की उपस्थिति से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं.
रेनिटिडिन का क्या है काम?
रेनिटिडिन एक दवा है जो मुख्य रूप से पेट में एसिड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाती है. इसे पेट और आंतों से संबंधित समस्याओं जैसे गैस्ट्रिक अल्सर, डुओडेनल अल्सर, गैस्ट्रोएसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज और अन्य एसिडिटी से जुड़ी स्थितियों के उपचार में उपयोग किया जाता है. यह हिस्टामिन-2 (H2) रिसेप्टर एंटागोनिस्ट के रूप में काम करती है, जो पेट में एसिड उत्पादन को कम करती है.
क्या है साइड इफेक्ट?
इस दवा का सेवन आमतौर पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाता है और यह टैबलेट, सिरप या इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध होती है. रेनिटिडिन का सेवन खाली पेट या भोजन के साथ किया जा सकता है. हालांकि, कुछ दुष्प्रभाव जैसे सिरदर्द, चक्कर आना, मतली या पेट में गड़बड़ी हो सकते हैं. हाल ही में रेनिटिडिन से जुड़े कुछ विवाद हुए हैं, क्योंकि इसमें संभावित कैंसरजन्य पदार्थ एन-नाइट्रोसोडिमिथाइलअमाइन (NDMA) की मौजूदगी पाई गई थी. इस वजह से कई देशों में इसे वापस लिया गया है या इसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है. ये दवा यूएस में बैन है लेकिन भारत में बिक रहा है.
कब बनी थी ये दवा?
रेनिटिडीन को सबसे पहले 1981 में यूरोप में ग्लैक्सो होल्डिंग्स लिमिटेड द्वारा बनाया गया था, जो अब ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन PLC का हिस्सा है. इसे 1983 में 31 अन्य देशों के साथ पहली बार अमेरिका में स्वीकृति मिली थी. इसे ज़ैंटैक नाम से प्रिस्क्रिप्शन दवा के रूप में लॉन्च किया गया था.
कब कब विवादों में रहा रेनिटिडीन?
2020 में अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (FDA) ने रेनिटिडीन दवा की बिक्री और निर्माण पर रोक लगा दी थी. 2019 में यह जानकारी सामने आई कि रेनिटिडीन समय के साथ प्रभावी नहीं रह सकती और यह एक कैंसरकारी रसायन एन नाइट्रोसोडिमिथाइलमाइन बना सकती है. NDMA को कैंसरकारक माना जाता है और यह पेट, अन्नप्रणाली, मूत्राशय और अन्य अंगों के कैंसर से जुड़ा हुआ है. FDA ने कहा कि खाने-पीने में NDMA का स्तर सामान्यतः सुरक्षित होता है, लेकिन अगर इसका उच्च स्तर लंबे समय तक संपर्क में रहे तो कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
अक्टूबर 2023 में जीएसके ने घोषणा की कि वह अमेरिका में हजारों मुकदमों को सुलझाने के लिए 2.2 बिलियन डॉलर का भुगतान करेगी, क्योंकि इन मुकदमों में आरोप था कि ज़ैंटैक से कैंसर होता है. कंपनी ने 80,000 दावेदारों के साथ समझौते किए जिससे 93% मुकदमे निपट गए. इसके अलावा, जीएसके को एक अन्य मुकदमे में 70 मिलियन डॉलर का भुगतान भी करना होगा, जिसमें आरोप है कि कंपनी ने कैंसर के खतरे को छिपाया. हालांकि, जीएसके ने किसी भी गलत काम को स्वीकार नहीं किया और कहा कि ज़ैंटैक को कैंसर से जोड़ने के लिए कोई ठोस प्रमाण नहीं है.
FDA के फैसले के बाद कई देशों ने भी रैनिटिडीन पर रोक लगा दी. भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2022 में रेनिटिडीन को आवश्यक दवाओं की सूची से हटा दिया था. हालांकि, जीएसके ने 2019 में ही भारत से ज़ैंटैक वापस ले लिया था, लेकिन रेनिटिडीन के अन्य ब्रांड और जेनेरिक संस्करण अभी भी बिक रहे हैं.