पाकिस्तान के साथ भाईचारा निभा रहा था बांग्लादेश, जयशंकर ने सुना दी खरी- खरी
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां अब जगजाहिर हो चुकी हैं. वहीं, अब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है. भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कारण यह मामला लंबे समय से लंबित पड़ा था.

शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियां अब जगजाहिर हो चुकी हैं. वहीं, अब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है. भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कारण यह मामला लंबे समय से लंबित पड़ा था, लेकिन अब बांग्लादेश की मांग पर भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसे आतंकवाद का समर्थक नहीं बनना चाहिए.
बैठक के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार के साथ बातचीत मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों और बिम्सटेक (BIMSTEC) पर केंद्रित थी. रतलब है कि विदेश मंत्री ने 16 फरवरी को मस्कट में हिंद महासागर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों के अपने समकक्षों के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें की थीं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा,"जहां तक सार्क (SAARC) पर चर्चा की बात है, तो यह मुद्दा बांग्लादेश की ओर से उठाया गया था, जब विदेश मंत्री ने मस्कट में ढाका के विदेश सलाहकार से मुलाकात की थी। इस दौरान यह स्पष्ट किया गया कि दक्षिण एशिया में हर कोई जानता है कि कौन सा देश और किन गतिविधियों की वजह से सार्क बाधित हुआ है.'
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