अब बंगाल की थाली में नहीं दिखेगी हिल्सा मछली, बांग्लादेश ने एक्सपोर्ट पर लगाई रोक
हिल्सा मछली भारत ही नहीं अन्य देशों में भी खूब पसंद की जाती है. यह मछलियों की लिस्ट में सबसे ऊपर रहने वाली मछलियों में से एक है. लेकिन अब इसे लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद छिड़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकी बांग्लादेश ने भारत में हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है.

नई दिल्लीः हिल्सा मछली भारत ही नहीं अन्य देशों में भी खूब पसंद की जाती है. यह मछलियों की लिस्ट में सबसे ऊपर रहने वाली मछलियों में से एक है. लेकिन अब इसे लेकर भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद छिड़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकी बांग्लादेश ने भारत में हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसके बाद यह कहा जा सकता है कि मछली का कांटा नहीं बल्कि मछली ही दोनों देशों के लिए कांटा बन गई है.
हिल्सा के बिना अधूरी दुर्गा पूजा
दुर्गा पूजा से पहले बांग्लादेश सरकार का यह फैसला गलत समय पर आया है. ऐसा इसलिए क्योंकी हिल्सा व्यंजन के बिना दुर्गा पूजा अधूरी मानी जाती है. जबकि हिल्सा भारत में उपलब्ध है, पद्मा नदी में पाई जाने वाली बांग्लादेश की किस्म दुनिया में सबसे अच्छी मानी जाती है. बता दें कि दुनिया के हिल्सा भंडार का 70 फीसदी हिस्सा बांग्लादेश में है. News18 की एक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश की मत्स्य पालन मंत्री फरीदा अख्तर ने कहा कि 'हम माफी मांगते हैं लेकिन हम हिल्सा को भारत जाने की इजाजत नहीं दे सकते. बातचीत के दौरान उन्होंने आगे कहा कि यह एक महंगी मछली है और हम देखते हैं कि हमारे अपने लोग इसे खाने में असमर्थ हैं क्योंकि सब कुछ भारत में जाता है और जो बच जाता है वह हमारे लोगों के लिए बहुत महंगा है. उन्होंने कहा कि हम लोग भी दुर्गा पूजा मनाते हैं, हमारे यहां भी लोग इसे बड़े चाव और आनंद के साथ खाते हैं.
इतने नाजुक संबंध नहीं निर्यात रुकने से हो प्रभावित
इस मुद्दे पर बांग्लादेश में सरकारी सूत्रों ने कहा कि यह एक सद्धभावना का संकेत हैं. जिसकी ऐसे में समय में बहुत आवश्यकता थी. हालांकि इस समय शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश और भारत के बीच स्थिति तनानपूर्ण है. लेकिन ऐसे चीजों को भारत फिलहाल मुद्दा नहीं बनाना चाहता है. बांग्लादेश मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत सरकार को इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए. मुझे नहीं लगता कि हमारे राजनयिक संबंध इतने नाजुक होने चाहिए कि हिल्सा के निर्यात न होने से यह प्रभावित हो. अगर भारत चाहता है कि हालात में सुधार हो तो तीस्ता मुद्दे का समाधान होना चाहिए.