कुर्सी का किस्सा: दिल्ली की CM आतिशी ने खुद को बताया रामायण का ये पात्र, सियासी पारा हुआ हाई
सोमवार को AAP नेता अतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया. इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में अपने बगल में एक कुर्सी खाली रखी थी जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. आतिशी ने खुद को राम का भरत बताया. इस मामले पर बीजेपी ने आतिशी और आप को घेरा और इसे चापलूसी करार दिया.

सोमवार को आप (AAP) नेता अतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया, लेकिन इस मौके पर एक खाली कुर्सी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. यह कुर्सी अतिशी की अपनी कुर्सी के बगल में रखी गई थी, जो उनके अरविंद केजरीवाल के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक के तौर पर पेश किया गया. मीडिया से बात करते हुए, 43 वर्षीय अतिशी, जो दिल्ली की अब तक की सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं, ने अपनी स्थिति की तुलना रामायण के पात्र भरत से की.
उन्होंने कहा, "आज मैं वही बोझ उठा रही हूं जो भरत ने उठाया था. जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं सिंहासन पर रखकर राज्य किया, वैसे ही मैं अगले चार महीने तक दिल्ली का शासन उसी भावना से चलाऊंगी."
आगामी चुनावों में केजरीवाल की वापसी का विश्वास
अतिशी ने यह भी कहा कि दिल्ली के लोग जल्द ही अरविंद केजरीवाल को सत्ता में वापस लाएंगे. उन्होंने कहा, "यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है, और मुझे पूरा विश्वास है कि फरवरी के चुनावों में दिल्ली की जनता उन्हें फिर से मुख्यमंत्री चुनेगी. तब तक यह कुर्सी इस कार्यालय में रहेगी, उनके वापस लौटने का इंतजार करते हुए."
दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं अतिशी
शनिवार को अतिशी ने दिल्ली की आठवीं और तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इससे पहले कांग्रेस की शीला दीक्षित और बीजेपी की सुषमा स्वराज इस पद को संभाल चुकी हैं. उनके साथ पांच अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें चार पहले की सरकार से हैं और एक नया चेहरा शामिल है.
अतिशी का नाम तब मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया, जब अरविंद केजरीवाल ने शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम जमानत आदेश के बाद इस्तीफा देने की घोषणा की थी. अतिशी ने केजरीवाल सरकार में जो 13 विभाग संभाले थे, उन्हें उन्होंने अपनी नई सरकार में भी बरकरार रखा, जिनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और PWD शामिल हैं.
खाली कुर्सी पर बीजेपी ने जताई नाराजगी
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अतिशी द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय में अरविंद केजरीवाल के लिए खाली कुर्सी रखने पर कड़ा विरोध जताया. उन्होंने इसे संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन और मुख्यमंत्री के कार्यालय का अपमान बताया.
सचदेवा ने एक बयान में कहा, "मुख्यमंत्री की मेज पर दो कुर्सियां रखना संविधान, नियमों और मुख्यमंत्री के कार्यालय का अपमान है. यह अतिशी द्वारा आदर्शवाद का दावा नहीं, बल्कि स्पष्ट चापलूसी है."
सचदेवा ने अतिशी पर मुख्यमंत्री पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने और दिल्ली के नागरिकों की भावनाओं को आहत करने का भी आरोप लगाया.
सबसे युवा मुख्यमंत्री और दूसरा महिला नेतृत्व
43 साल की उम्र में अतिशी दिल्ली की अब तक की सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं. वह वर्तमान में देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री भी हैं, जो पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के साथ इस सूची में शामिल हैं. हालांकि, अतिशी का कार्यकाल छोटा होगा क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने वाले हैं.