'जल बिन मछली की तरह सत्ता के लिए तड़प रहे केजरीवाल...', बीजेपी-कांग्रेस ने क्यों कसा यह तंज?
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के 92 विधायकों के साथ 11 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के साथ मीटिंग की. इस बैठक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने केजरीवाल पर तंज कसा है. उनका कहना है कि केजरीवाल जल बिन मछली की तरह सत्ता के लिए तड़प रहे हैं. वे सत्ता से दूर नहीं हो सकते हैं. इसीलिए अब वे पंजाब का सीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं.

Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के AAP विधायकों के साथ बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान और 91 विधायक शामिल हुए. अब इस बैठक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने केजरीवाल पर तंज कसा है. दोनों ने दावा किया है कि दिल्ली में मिली हार के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दबाव में हैं.
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भगवंत मान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि केजरीवाल ने पंजाब का सीएम बदलने के लिए विधायकों की बैठक बुलाई थी, लेकिन आज मीडिया में कुछ और ही कहानी सामने आ रही है. उन्होंने कहा कि क्या आपने कभी मान को कैबिनेट मंत्रियों के साथ देखा है. वे मीडिया के सामने अकेले ही बोलते थे.
'तीन साल तक मान के साथ कोई मंत्री नजर नहीं आया'
बिट्टू ने कहा कि तीन साल तक भगवंत मान के साथ कोई मंत्री मीडिया के सामने नहीं नजर आया, लेकिन आज बड़ी संख्या में मंत्री मौजूद थे. वे गर्व से खड़े थे. यह तस्वीर बताती है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के भीतर चल क्या रहा है.
'केजरीवाल अब पंजाब का सीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं'
पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन से बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि केजरीवाल अब पंजाब का सीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं. पानी से बाहर मछली की तरह केजरीवाल सत्ता के बिना नहीं रह सकते. सिरसा ने कहा कि पंजाब के लोग स्वाभिमानी हैं. उन्होंने कई लोगों के अहंकार को शांत कर दिया है. इसलिए केजरीवाल को पंजाब का सीएम बनने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए.
दिल्ली में हार के बाद पंजाब के विधायकों के साथ केजरीवाल क्यों कर रहे बैठक?
कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने दावा किया कि पंजाब में AAP सरकार में जल्द ही बदलाव देखने को मिल सकता है. उन्होंने हैरानी जताई कि दिल्ली में हार के बाद पंजाब के विधायकों को बैठक के लिए क्यों बुलाया गया. औजला ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली हार चुके हैं. इसलिए उन्हें दिल्ली के नेताओं को बुलाकर मंथन करना चाहिए, लेकिन पंजाब के विधायकों को बुलाया गया है. उनके दोनों मॉडल, पंजाब और दिल्ली विफल हो गए हैं.
'क्या केजरीवाल पंजाब का सीएम बनना चाहते हैं'
गुरजीत सिंह औजला ने सवाल पूछा कि क्या केजरीवाल पंजाब का सीएम बनना चाहते हैं या कुछ बदलाव चाहते हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग AAP से तंग आ चुके हैं, चाहे वह कितनी भी बैठकें कर लें. इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दावा किया कि केजरीवाल की पंजाब के विधायकों के साथ बैठक करना यह दर्शाता है कि AAP जल्द ही टूट जाएगी. उन्होंने कहा कि रिजल्ट 8 फरवरी को घोषित किए गए थे और आंदोलन पहले ही शुरू हो चुका है. इतनी जल्दी बैठक बुलाना दर्शाता है कि वे जल्द ही टूट जाएंगे. पंजाब में मध्यावधि चुनाव होंगे. जब कोई पार्टी हारती है, तो राज्य के भीतर चर्चा होती है, अन्य राज्यों को नहीं बुलाया जाता है. उन्हें चिंता है कि दिल्ली में जो हुआ, वह पंजाब में दोहराया जा सकता है.
'केजरीवाल पंजाब में अपनी खोई जमीन तलाश रहे हैं'
पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि AAP के अंदर कलह मची हुई है. 200 से ज्यादा गाड़ियों के साथ बुलावा भेजकर केजरीवाल भगवंत मान को दिखाना चाहते थे कि वे खुद ही बॉस हैं. केजरीवाल पंजाब में अपनी खोई जमीन तलाश रहे हैं जबकि मान अपनी कुर्सी से चिपके हुए हैं. वे भूल गए कि वहां के 92-93 विधायक वहां की जनता के गुस्से से परेशान हैं. मुझे उम्मीद है कि पंजाब के लोग अगले 2 सालों में सीख लेंगे कि ऐसे हल्की मानसिकता वाले लोग फिर कभी देश या पंजाब पर कब्जा नहीं कर पाएंगे.
भगवंत मान ने AAP में असंतोष की अटकलों को किया खारिज
पंजाब के विधायकों के साथ केजरीवाल की यह मुलाकात पार्टी की राज्य इकाई में असंतोष की अफवाहों के बीच हुई. केजरीवाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए भगवंत मान ने AAP की राज्य इकाई में असंतोष की अटकलों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं का पार्टी बदलने का इतिहास रहा है, जबकि AAP नेता समर्पित हैं. मान की यह टिप्पणी पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा के इस दावे के बाद आई है कि AAP के 30 से अधिक विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं.
'पाला बदलना कांग्रेस का कल्चर'
मान ने कहा कि पाला बदलना कांग्रेस का कल्चर है. वे दूसरों के बारे में बात करते हैं, लेकिन खुद की चिंता नहीं करते. मैं प्रताप सिंह बाजवा से पूछूंगा कि दिल्ली में उनके कितने विधायक हैं. बाजवा ने सालों से ऐसे दावे किए हैं, उन्हें कहने दीजिए... उन्हें हमारे विधायकों की गिनती नहीं करनी चाहिए और इसके बजाय यह देखना चाहिए कि दिल्ली में कांग्रेस के कितने विधायक हैं.
दिल्ली हारने के बाद AAP की सरकार केवल पंजाब में है. ऐसी अटकलें हैं कि केजरीवाल पंजाब की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि, AAP नेताओं ने ऐसी खबरों को खारिज कर दिया है.
दिल्ली में 10 साल बाद सत्ता से बाहर हुई AAP
बता दें कि दिल्ली में 10 साल तक राज करने वाली AAP को इस बार केवल 22 सीटों पर जीत मिली. वहीं, बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस का लगातार तीसरा बार खाता नहीं खुलासा. पंजाब में करीब दो साल बाद यानी 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. पिछली बार 92 सीटें जीतकर AAP सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई. उसने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया. हालांकि, अब उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.