CM चंद्रबाबू नायडू के गढ़ में हैवानियत: कर्ज़ नहीं चुकाया तो महिला को पेड़ से बांधा और फिर जमकर की पिटाई, देखें VIDEO
CM चंद्रबाबू नायडू के गढ़ कुप्पम मंडल में हैवानियत की सारी हदें पार हो गई, जब कर्ज न चुकाने के चलते उनकी ही पार्टी के एक सदस्य ने महिला को घर से घसीटकर पेड़ पर बांधा. इसके बाद उस शख्स के घरवालों ने मिलकर महिला की पिटाई की.

एक महिला, दो मासूम बच्चे, और उसके ऊपर ढाया गया ऐसा कहर, जिसने पूरे गांव को हिला कर रख दिया. आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के एक छोटे से गांव में हुआ यह दर्दनाक मामला सिर्फ़ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि उस सामाजिक क्रूरता का आईना है जो आज भी हमारे समाज में ज़िंदा है.
यह भयावह घटना चित्तूर ज़िले के कुप्पम मंडल के नारायणपुरम गांव की है, जो संयोग से मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का निर्वाचन क्षेत्र भी है. 28 साल के सिरीशा अपने दो बच्चों के साथ बेंगलुरु में रह रही थी, लेकिन सोमवार को अपने बच्चों के स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने के लिए गांव लौटी. यही वापसी उसके लिए बुरा सपना बन गया.
पति का लिया कर्ज़ बना वजह
सिरीशा के पति आर. तिमप्पा ने दो साल पहले गांव के ही एस. मणिकप्पा से 80,000 का कर्ज़ लिया था. वह इसे छोटी-छोटी किश्तों में चुका रहा था, लेकिन हाल ही में वह बेंगलुरु चला गया, जहां उसे निर्माण मजदूर का काम मिल गया. उसके बाद से उसने कर्ज़ चुकाना बंद कर दिया.
टीडीपी कार्यकर्ता का कहर- घसीटकर पेड़ से बांधा
पुलिस के मुताबिक, टीडीपी सदस्य मणिकप्पा ने सोमवार को सिरीशा को उसके ही घर से घसीटकर बाहर निकाला और पेड़ से बांध दिया. सबसे दुखद बात ये कि यह सब कुछ उसके दो मासूम बच्चों के सामने हुआ. इस अमानवीय घटना का वीडियो मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें मणिकप्पा की पत्नी मुनेम्मा को सिरीशा को थप्पड़ और लाठी से पीटते हुए देखा जा सकता है. ग्रामीणों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन मुनेम्मा और परिवार के अन्य सदस्य हमलावर बने रहे.
पुलिस ने छह लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मणिकप्पा, उसकी पत्नी मुनेम्मा और चार अन्य रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है. इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराएं लगाई गए हैं. यह घटना केवल एक महिला के साथ हुई हिंसा नहीं है, यह एक प्रशासनिक विफलता और सामाजिक संवेदनहीनता का संकेत भी है. सिरीशा ने न सिर्फ कर्ज़ की सज़ा भुगती, बल्कि अपने बच्चों के सामने अपमान और हिंसा का सामना भी किया.