सावधान! कैशबैक का लालच, 5,000 करोड़ रुपये की ठगी, क्या है गुरुग्राम का मेगा वॉलेट घोटाला?
Gurugram Wallet Scam: गुरुग्राम में कैशबैक का लालच देकर टॉकचार्ज नाम की कंपनी ने कई वॉलेट घोटाले को अंजाम दिया है. 2017 में ग्राहकों के लिए कई ई-वॉलेट विकल्प उपलब्ध थे.

Gurugram Wallet Scam: ऑनलाइन स्कैम के कई मामलों ने लोगों का ई-वॉलेट मनी ट्रांसफर को लेकर डरा दिया है. एक ऐसा ही मामले राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम से आ रही है, जहां एक ई-वॉलेट कंपनी ने कैशबैक के नाम पर कई कस्टमर को चुना लगाया है. इस सनसनीखेज खबर ने सभी को हैरान कर रख दिया है.
गुरुग्राम से संचालित एक कंपनी ने एक बड़े वॉलेट घोटाले में लोगों को 5,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया है. न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, TalkCharge नामक कंपनी के खिलाफ की गई जांच में पता चला कि कैशबैक के नाम पर कुछ ही महीनों में यूजर्स को चौंका देने वाले रिटर्न का ऑफर दिया जा रहा था. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी पूरे देश से 800 से अधिक लोगों को अपने जाल में फंसाने में कामयाब रही. टॉकचार्ज के प्रमोटरों के खिलाफ पूरे भारत में कई शिकायत और FIR दर्ज हैं.
निवेश को कई गुना बढ़ाने का वादा
रिपोर्ट में आगे खुलासा किया गया कि मामले से जुड़े पीड़ितों का आरोप है कि यह 5,000 करोड़ रुपये का घोटाला है. अप्रैल 2024 में TalkCharge का संचालन बंद कर दिया गया. इस कंपनी को गुरुग्राम में अंकुश कटियार नाम के व्यक्ति ने स्थापित किया था. माना जा रहा है कि निवेश को कई गुना बढ़ाने का वादा करने वाले इस ऐप ने देश भर में सैकड़ों लोगों को ठगा है. इसकी रेटिंग बहुत खराब होने के बावजूद इसके लगभग 2 मिलियन डाउनलोड हैं, जो सबसे बड़ी समस्या थी.
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि राजस्थान के दौसा के एक पीड़ित रामावतार शर्मा ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनकी मेहनत की कमाई और उनकी सारी बचत लूट ली जाएगी. ऐप पर उनका भरोसा इतना था कि उन्हें सिर्फ़ लाभ की उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐप में पैसे लगाने के लिए बैंकों से लोन भी लिया था, लेकिन अब उन्हें मरने जैसा महसूस हो रहा है.
कैसे टॉकचार्ज ने पहले दिए लालच और फंसाया?
शुरुआत में प्रीपेड पैमेंट सर्विस के तौर पर लॉन्च किए गए टॉकचार्ज ने यूजर्स को शानदार कैशबैक ऑफ़र का वादा किया. इस ऑफर के लालच में आकर कई लोगों ने इनवेस्ट करने के लिए आकर्षित हुए. इसे ऑफर में टॉकचार्ज वॉलेट में 4,999 रुपये की जमा राशि पर 1,666 रुपये का कैशबैक और 59,999 रुपये जमा करके बैंक खाते में 7,50,000 रुपये का कैशबैक कमाने की बात कही गई थी.
2017 में ग्राहकों के लिए कई ई-वॉलेट ऑप्शन उपलब्ध थे और टॉकचार्ज ने बाजार मानकों से कहीं ज्यादा कैशबैक देने का दावा कर रहा था. कंपनी ने कोविड के समय में भी काम किया. 2023 तक सब कुछ ठीक रहा. इसी साल कंपनी ने कुछ बड़े पैसे वाले ऑफर लॉन्च किए. इसके जरिए यूजर्स का भरोसा जीतने में कामयाब रहे और वह धीरे-धीरे लालच में फंस गए.
सुविधा शुल्क, ऑफर और फिर धोखाधड़ी
जुलाई 2023 में कंपनी ने 20 प्रतिशत सुविधा शुल्क लेना शुरू कर दिया, जो कई मायनों में असामान्य था. यहां भी कंपनी ने एक नई चाल चली और अगस्त 2023 में कंपनी ने 20 प्रतिशत सुविधा शुल्क से बचने और निकासी को आसान बनाने के लिए 1,49,999 रुपये के टैग के साथ एक प्रोमो कोड 'नो फीस' लॉन्च कर दिया और फिर जनवरी 2024 में धोखाधड़ी वाले लेनदेन शुरू हो गया.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि इसे लेकर आरबीआई, सेबी, आयकर और जीएसटी विभाग में कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन इनमें से किसी भी जगह से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. इसमें और भी बड़े स्कैम के होने का आशंका जताई जा रही है, जिसका खुलासा गहन जांच के बाद ही होगा.