'विमान में बम की फर्जी धमकी देने वाले अब कभी नहीं कर पाएंगे हवाई यात्रा', नियमों में बदलाव की है तैयारी
मोदी सरकार में मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और वह असुविधा को कम करने का प्रयास कर रही है. सरकार दोषी की पहचान करेगी और उन्हें नो फ्लाई जोन में लिस्टेड किया जाएगा. इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है.

Airlines Bomb threat Culprits in No Fly List: देश में 14 अक्टूबर से अब तक सात दिनों में लगभग 100 उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. इसे लेकर भारत सरकार एक्शन मोड में है. सरकार उन पर कड़ी कार्रवाई की प्लानिंग में है जो बम की अफवाह फैला रहे हैं. इन दिनों बम की धमकियों से एयरलाइन कंपनियों को करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और ऐसे फोन कॉल करने वालों को नो-फ्लाई सूची में डालने के लिए नियमों में संशोधन किया जा रहा है.
झूठी धमकियों से हो रहा है नुकसान
राम मोहन नायडू ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भले ही ये धमकियां झूठी साबित हुई हों, लेकिन उनके विभाग और एयरलाइंस को एक सख्त प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ता है. उन्होंने कहा, 'जब ऐसी धमकियों की बात आती है तो यह एक बहुत ही संवेदनशील स्थिति होती है, एक अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया है जिसका हमें पालन करना होता है.'
नियमों में बदलाव की तैयारी
मंत्री ने कहा कि विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन पर विचार किया जा रहा है, ताकि इस तरह की धमकियां देने वाले लोगों की पहचान होने के बाद उन्हें नो-फ्लाई सूची में डाला जा सके. उन्होंने आगे कहा कि दूसरा उपाय नागरिक विमानन सुरक्षा के विरुद्ध गैरकानूनी कृत्यों का दमन (SUASCA) अधिनियम, 1982 में संशोधन करना है और इस संबंध में अन्य मंत्रालयों के साथ परामर्श किया जा रहा है.
धमकियों के बाद बढ़ाई गई सुरक्षा
राम मोहन नायडू ने कहा, 'हम सुरक्षा और संरक्षा से भी समझौता नहीं कर रहे हैं। हालांकि उनमें से अधिकांश फर्जी धमकियां हैं, लेकिन हम उन्हें हल्के में नहीं ले सकते. यात्रियों का जीवन महत्वपूर्ण है, सुरक्षा स्थिति महत्वपूर्ण है और प्रोटोकॉल महत्वपूर्ण है. हमने हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी है.'
उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते कि एक भी विमान का मार्ग बदला जाए या देरी हो... किसी तरह की रोकथाम होनी चाहिए और हम नियमों और अधिनियम में अपने नियोजित संशोधनों के साथ यही कर रहे हैं. हम खतरों की जांच में तेजी लाने के लिए गृह मंत्रालय और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ काम कर रहे हैं. यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुविधाजनक यात्रा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.'