प्लेन क्रैश में मारे गए लोगों में कितने शवों की हुई पहचान और DNA मिलान, कहां तक पहुंचा मामला?
Air India विमान हादसे के बाद अहमदाबाद के नरोड़ा पुलिस स्टेशन में एक असाधारण दृश्य देखने को मिला है. यहां “किड्स कॉर्नर” में प्लास्टिक के कंटेनरों में उन यात्रियों के निजी सामान रखे गए हैं, जो हादसे में मारे गए. इनमें जले हुए पासपोर्ट, गहने, मोबाइल और अन्य कीमती वस्तुएं शामिल हैं.

Air India विमान हादसे के बाद अहमदाबाद के नरोड़ा पुलिस स्टेशन में एक असाधारण दृश्य देखने को मिला है. यहां “किड्स कॉर्नर” में प्लास्टिक के कंटेनरों में उन यात्रियों के निजी सामान रखे गए हैं, जो हादसे में मारे गए. इनमें जले हुए पासपोर्ट, गहने, मोबाइल और अन्य कीमती वस्तुएं शामिल हैं. सभी सामान को फॉरेंसिक जांच और पंचनामा के बाद सील कर सुरक्षित रखा गया है. कुल 241 मृतकों की पहचान पूरी होने के बाद ये चीजें उनके परिवारों को सौंपी जाएंगी. पुलिस और एयर इंडिया मिलकर पहचान प्रक्रिया को अंजाम देंगे, जिसमें CCTV फुटेज का भी सहारा लिया जाएगा.
अहमदाबाद के नरोड़ा थाने में, जहां आमतौर पर बच्चों के खेलने के लिए एक छोटा सा "किड्स कॉर्नर" बना हुआ है, वहां इन दिनों कुछ और ही रखा गया है.प्लास्टिक के पारदर्शी ढक्कन वाले कंटेनरों में, नंबर लगे ताले हैं, और अंदर वे चीज़ें हैं जो कभी किसी की पहचान थीं. जले हुए पासपोर्ट, टूटी चूड़ियाँ, मोबाइल फोन, गहने और निजी सामान, जिन्हें एयर इंडिया विमान दुर्घटना के मलबे से बरामद किया गया. इन डिब्बों में बंद सामान फिलहाल "मुद्दामाल" के रूप में पुलिस की कस्टडी में हैं. फॉरेंसिक टीम ने हर एक वस्तु का पंचनामा किया है और उन्हें सुरक्षित रूप से सील कर दिया गया है.
241 शवों की पहचान के बाद लौटाए जाएंगे सपने
हादसे में मारे गए 241 यात्रियों और क्रू सदस्यों की पहचान के बाद, ये सभी सामान उनके परिजनों को सही जांच और मिलान प्रक्रिया के बाद सौंपे जाएंगे. यह निर्णय उच्च स्तर पर लिया गया है, सूत्रों के अनुसार. जो बैग विमान के कार्गो सेक्शन से बरामद हुए हैं, वे एयर इंडिया की कस्टडी में हैं. इन बैगों को उनके टैग्स और अन्य बचे हिस्सों से मिलाकर परिजनों को सौंपा जाएगा. इस प्रक्रिया में एयरपोर्ट की एंट्री गेट्स पर लगे CCTV कैमरों की फुटेज भी खंगाली जाएगी . ताकि यह देखा जा सके कि कौन यात्री कौन सा बैग लेकर आया था.
जिम्मेदारी अब नरोड़ा पुलिस पर
चूंकि मेघाणीनगर पुलिस हादसे के समय अन्य सुरक्षा ड्यूटीज़ में व्यस्त थी, इसलिए बॉडीज़ और सामान की पहचान से जुड़ा सारा प्रोसेस अब नरोड़ा थाने द्वारा संभाला जा रहा है. यह सब उस दर्द का हिस्सा है, जिसे न मापा जा सकता है, न समझा। पर हर नंबर लगे उस डिब्बे में, किसी का पूरा संसार बंद है और अब वो सिर्फ एक चीज़ चाहते हैं: पहचान और सम्मान के साथ वापसी.