Air India की फ्लाइट में एक युवक ने की फिर घिनौनी हरकत, चर्चा में आ गया पेशाब कांड; क्या एक्शन लेगा DGCA?
दिल्ली से बैंकॉक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2336 में आज एक शर्मनाक घटना सामने आई, जब एक नशे में धुत भारतीय यात्री ने एक सहयात्री पर पेशाब कर दिया. बताया जा रहा है कि पीड़ित व्यक्ति एक प्रतिष्ठित कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं.

दिल्ली से बैंकॉक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2336 में आज एक शर्मनाक घटना सामने आई, जब एक नशे में धुत भारतीय यात्री ने एक सहयात्री पर पेशाब कर दिया. बताया जा रहा है कि पीड़ित व्यक्ति एक प्रतिष्ठित कंपनी के प्रबंध निदेशक हैं. हालांकि एयर इंडिया ने इस घटना की पुष्टि " गलत व्यवहार" बताया. लेकिन उसने घटना की पूरी जानकारी साझा नहीं की. एयरलाइन ने कहा कि फ्लाइट क्रू ने नियमानुसार सभी प्रक्रियाएं अपनाईं और पीड़ित यात्री को बैंकॉक में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कराने की पेशकश की, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया.
एयर इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'क्रू ने आरोपी यात्री को तत्काल चेतावनी दी और पीड़ित को हरसंभव सहायता देने की पेशकश की. इस मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति गठित की जाएगी, जो यह तय करेगी कि आरोपी पर क्या कार्रवाई की जाए. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने कहा कि मंत्रालय इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। उन्होंने कहा, 'ऐसी घटनाओं पर हमारी नजर रहती है. हम एयरलाइन से बात करेंगे और यदि कोई चूक पाई जाती है तो सख्त कदम उठाए जाएंगे.'
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले?
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं. मार्च 2023 में एक भारतीय छात्र आर्य वोहरा को अमेरिका की एक एयरलाइन ने प्रतिबंधित कर दिया था, जब उसने फ्लाइट में एक यात्री पर पेशाब कर दिया था. नवंबर 2024 में भी एयर इंडिया की एक फ्लाइट में एक बुजुर्ग महिला के साथ ऐसी ही घटना हुई थी. इन घटनाओं ने हवाई यात्रा में यात्रियों की गरिमा और सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है और विमानन कंपनियों की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
यह घटना साल 2022 में हुई उस चर्चित 'पेशाब कांड' की याद भी ताज़ा कर देती है, जब न्यूयॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट में शंकर मिश्रा नामक व्यक्ति ने एक बुज़ुर्ग महिला पर पेशाब कर दी थी. मिश्रा, जो वेल्स फारगो इंडिया का वाइस प्रेसिडेंट था, उस मामले में यौन उत्पीड़न और अश्लीलता के आरोपों में गिरफ्तार हुआ था. अब एक बार फिर से सवाल उठते हैं—क्या एक महीने की नो-फ्लाई बैन जैसी मामूली सजा ऐसे यात्रियों के लिए पर्याप्त है? क्या एयरलाइंस को ऐसे यात्रियों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई नहीं करनी चाहिए? और सबसे जरूरी बात—क्या हवाई यात्राओं में महिलाओं और सह-यात्रियों की गरिमा और सुरक्षा को लेकर हम वाकई गंभीर हैं?