Ahmedabad Plane Crash: पायलट ने खुद बंद की फ्यूल सप्लाई... एयर इंडिया प्लेन क्रैश पर अमेरिकी रिपोर्ट ने उड़ाया होश
अहमदाबाद विमान हादसे की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पायलट ने उड़ान के तुरंत बाद फ्यूल स्विच कटऑफ कर दिए थे, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए. इस हादसे में 260 से अधिक लोगों की मौत हुई। सरकार ने अंतिम रिपोर्ट तक निष्कर्ष न निकालने की अपील की है, जबकि पायलट संघ ने मीडिया रिपोर्टों को भ्रामक बताया है.

अहमदाबाद विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा और प्रशिक्षण के स्तर को कटघरे में खड़ा कर दिया है. एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि उड़ान भरते समय दोनों इंजनों का ईंधन सप्लाई अचानक बंद हो गया, जिससे 32 सेकंड के भीतर ही विमान क्रैश हो गया. अब नई रिपोर्ट ने बवाल खड़ा कर दिया है.
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट की वॉयस रिकॉर्डिंग से यह संकेत मिलता है कि वरिष्ठ पायलट सुमीत सभरवाल ने खुद फ्यूल स्विच को 'कटऑफ' पोजीशन में किया था. को-पायलट क्लाइव कुंदर की घबराई हुई प्रतिक्रिया रिकॉर्डिंग में दर्ज है, जिससे ये इशारा मिला कि यह कदम एक गंभीर तकनीकी या मानवीय चूक का नतीजा हो सकता है.
241 यात्रियों में सिर्फ एक बचा
इस हादसे ने न सिर्फ विमान में सवार यात्रियों की जिंदगी खत्म की, बल्कि ज़मीन पर भी 19 लोगों की जान ले ली. कुल 260 से अधिक लोगों की मौत ने विमानन सुरक्षा ढांचे को झकझोर दिया है. घटना के कुछ ही पलों में जो उड़ान सपनों से भरी थी, वह मातम में बदल गई.
'अंतिम रिपोर्ट का करें इंतजार': सरकार
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मीडिया और जनता से अपील की है कि शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर जल्दबाज़ी में निष्कर्ष न निकाले जाएं. उन्होंने पायलटों की भूमिका पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि भारत के पास विश्व स्तरीय क्रू है, और अंतिम रिपोर्ट आने तक संयम बनाए रखना चाहिए.
भारतीय पायलट संगठन की कड़ी प्रतिक्रिया
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट की आलोचना करते हुए उसे "अवांछनीय और भ्रामक" बताया. संगठन के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ईंधन नियंत्रण स्विच पायलट की गलती से बंद हुआ या तकनीकी खराबी के कारण. उन्होंने बिना अंतिम निष्कर्षों के मीडिया ट्रायल को अनुचित ठहराया.
सभी विमानों में जांच पूरी
DGCA के निर्देश के बाद एयर इंडिया ने अपने सभी बोइंग 787-8 विमानों के ईंधन नियंत्रण तंत्र का एहतियाती निरीक्षण किया. एयरलाइन ने जानकारी दी कि किसी भी विमान में कोई समस्या नहीं मिली है. साथ ही, थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को भी बदला जा चुका है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके.
अनुभवी पायलट भी कर सकते हैं चूक?
कैप्टन सभरवाल के पास 15,000 घंटे से अधिक और को-पायलट के पास 3,400 घंटे से अधिक का अनुभव था. ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि क्या सिस्टम में कोई भ्रम की स्थिति थी, या फिर इंसानी थकान जैसे कारकों ने भी भूमिका निभाई? हादसे का विश्लेषण केवल तकनीक या चूक तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे ऑपरेशनल सिस्टम को देखना होगा.
रिपोर्ट को लेकर छिड़ी बहस
‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया हाउस द्वारा दी गई रिपोर्ट से हादसे को लेकर अंतरराष्ट्रीय बहस छिड़ गई है, लेकिन इससे जुड़े तथ्यों पर स्पष्टता अभी भी अधूरी है. यही वजह है कि जांच एजेंसियों, पायलट संगठनों और सरकार का एक सुर में यह कहना वाजिब लगता है, “जवाब देने से पहले पूरे सवाल को समझना ज़रूरी है.”