लेबनान पेजर अटैक से भारत अलर्ट, चीनी सुरक्षा उपकरणों पर रोक लगाने की तैयारी
लेबनान पेजर अटैक से भारत एलर्ट हो गया है. गैजैट नोटिफिकेशन के द्वारा भारत ने चीनी उपकरणों पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइंस लाने की तैयारी में हैं. सरकार घरेलू बाजार को बढ़ावा देने के लिए प्लानिंग कर रही है. इसका मकसद एक्सप्लोजन वाले उपकरणों की निगरानी से ज्यादा डेटा लीक की समस्या को टारगेट करना है.

हाल ही में लेबनान में हुए पेजर अटैक के बाद, भारत सरकार देश में चीनी में बने हुए निगरानी उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है. इसके पीछे सुरक्षा चिंताएं हैं, और सरकार लोकल डिस्ट्रीब्यूट्रर के लिए गाइडलाइंस को लागू करने की तैयारी कर रही है.
सरकार देश में बनने वाले उपकरणों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कदम उठा रही है. विशेष रूप से, सीसीटीवी कैमरों पर नया गाइडलाइंस 8 अक्टूबर से लागू करने की तैयारी कर रही है. इस कदम के जरिए भारत सरकार चीनी कंपनियों को बाजार से निकलने के लिए मजबूर करना चाहती है.
इसका असर
भारत में हुए रिसर्च के अनुसार, फिलहाल Hikvision, Dahua और CP Plus निगरानी बाजार का 60% हिस्सा कवर करते हैं. CP Plus भारत की कंपनी है पर इसमें इस्तेमाल होने वाले पार्ट्स ज्यादातर बाहरी होते हैं जिसमें स्थानीयकरण को बढ़ावा देने की जरूरत है.
अमेरिका का उदाहरण
Hikvision और Dahua कंपनियों पर नेशनल सेक्योरिटी के लिए खतरा मानते हुए अमेरिका ने पहले ही इन पर रोक लगा दी है और अब भारत सरकार भी इसी तरह की नीतियों को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. हाल में चीनी उपकरणों को मिले कॉन्ट्रैक्ट को खारिज किया जा रहा है.
सुरक्षा चिंता
सरकार की ओर से एक अधिकारी ने बताया कि अभी फिलहाल एक्सप्लोजन से ज्यादा इसका ध्यान रखा जा रहा है कि इन उपकरणों में डेटा लीक करने वाली समस्या न हो. अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में नोटिफिकेशन मार्च में आया था पर इसकी शुरूआत अक्टूबर से की जाएगी. सरकार की ये कोशिश है कि फिलहाल सीसीटीवी केवल भरोसेमंद जगहों से ही आएं. वैसे अभी जो बाजार में या जो किसी संस्थान में लगे हुए हैं उनको पूरी तरह से हटाने का कोई प्लान नहीं है.
इन बदलावों से भारत में निगरानी विशेषकर सीसीटीवी बाजार में बड़ा बदलाव लाने की कोशिश कर रही है जो घरेलू उत्पाद में बढ़ोतरी में मदद करेगा.