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अडानी ग्रुप ने आंध्र प्रदेश के अधिकारी को दी 1750 करोड़ की रिश्वत! मामले पर क्यों चुप है TDP सरकार

अमेरिका सरकार ने अडानी ग्रुप 2100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि गौतन अडानी, उनते भतीजे सागर और सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारें के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है. अब विपक्ष का कहना है कि इस मामले पर तेलुगू देशम पार्टी (TDP) क्यों चुप है.

अडानी ग्रुप ने आंध्र प्रदेश के अधिकारी को दी 1750 करोड़ की रिश्वत! मामले पर क्यों चुप है TDP सरकार
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( Image Source:  @Forbes )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 22 Nov 2024 9:37 AM IST

Gautam Adani: देश के दूसरे बड़े कारोबारी गौतम अडानी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब उन पर करोड़ों की रिश्वत का दूसरा आरोप लगाया गया है. गुरुवार को देश में यह मुद्दे पर घमासान देखने को मिला है. आरोप में सामने आया कि अडानी ग्रुप ने आंध्र प्रदेश के अधिकारी को 1750 करोड़ की रिश्वत दी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका सरकार ने अडानी ग्रुप 2100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि गौतन अडानी, उनते भतीजे सागर और सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारें के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है. अब विपक्ष का कहना है कि इस मामले पर तेलुगू देशम पार्टी (TDP) क्यों चुप है.

अधिकारी को रिश्वत देने का आरोप

अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया कि कथित रिश्वत का 85 प्रतिशत से अधिक हिस्सा यानी 2,029 करोड़ रुपये में से करीब 1,750 करोड़ रुपये आंध्र प्रदेश के एक उच्च अधिकारी को दिया गया था. इस खुलासे के बाद विपक्षी पार्टियों ने सत्तारुढ़ पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है. टीडीपी सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं. हालांकि पार्टी के प्रवक्ता के पट्टाभि राम ने इंडियन एक्सप्रेस ने कहा कि 'हमने अमेरिकी कोर्ट केस के बारे में सुना है. हम इसे एक-दो दिन में देखेंगे.' वहीं मंत्री नारा लोकेश नायडू ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा न होने की बात कही.

पूर्व रेड्डी सरकार ने दी सफाई

इस मामले पर जगन मोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने एक्स पोस्ट पर बयान दिया है. पार्टी ने कहा 'एपी डिस्कॉम और अदानी समूह से संबंधित किसी भी अन्य संस्थाओं के बीच कोई सीधा समझौता नहीं है.' इसलिए राज्य सरकार पर लगाए गए आरोप गलत हैं. पार्टी ने आगे बताया कि तत्कालीन राज्य सरकार को भारत सरकार के उद्यम एसईसीआई से सबसे कम कीमत पर 7,000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करने का प्रस्ताव मिला था. आईएसटीएस शुल्क की छूट सहित 2.49 प्रति किलोवाट. आंध्र प्रदेश सरकार ने SECI से बिजली खरीदने की व्यवस्था की है. यह बाना जरूरी है कि SECI भारत सरकार का उद्यम है.

TDP की चुप्पी का ये है कारण

सूत्रों के अनुसार, टीडीपी ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया न देने या चुप्प रहने का कारण बताया है. रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी ने आंध्र प्रदेश में एक बड़े अधिकारी से मुलाकात की. उन्होंने यह मीटिंग SECI और राज्य विद्युत वितरण कंपनियों के बीच PSA डील की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए की थी. कुल 2,029 करोड़ रुपये की रिश्वत में से 1,750 करोड़ रुपये एक बड़े अधिकारी को दिए गए थे.

पहला कारण- पार्टी आने वाले दिनों में स्थिति को समझने के बाद ही कोई रिएक्शन देगी. आरोप लगाया गया है कि अडानी ग्रुप ने मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के शासनकाल में सौर ऊर्जा के ठेके लेने के लिए रिश्वत दी थी. टीडीपी के एक नेता ने कहा कि हमें किसी कदम को उठाने से पहले लाभ और हानि का आकलन करना होगा. हम समझदारी और सतर्कता से काम लेना होगा.

दूसरा कारण- मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और अडानी ग्रुप के बीच निवेश को लेकर बातचीत हो रही है. हाल में सीएम ने अडानी पोर्ट्स एंड सीईजेड लिमिटेड को के प्रबंध निदेशक से मुलाकात की थी. आंध्र प्रदेश को सौर ऊर्जा की आवश्यकता है और ग्रुप सोलर के साथ किए गए पावर पर्चेज एग्रीमेंट्स रद्द करने की स्थिति में नहीं है.

तीसरा कारण- ऐसा कहा जा रहा है कि अडानी ग्रुप रिश्वत मामले पर टीडीपी सरकार की चुप्पी का एक बड़ा कारण पीएम मोदी और बीजेपी के साथ अपने रिश्तों को खराब न करना है. डिप्टी सीएम पवन कल्याण के साथ अपने रिश्तों को फिर से मजबूत करने के प्रयास में हैं. केंद्र में टीडीपी एनडीएन की सहयोगी है.

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