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21 दिन में 3 राज्यों का सफर, कैसे पकड़ी गई सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भागी बाघिन ‘जीनत’? VIDEO

सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व से भटककर पश्चिम बंगाल के एक जंगली इलाके में पहुंची बाघिन "जीनत" को 21 दिनों की तलाश के बाद रविवार को बेहोश कर पिंजरे में बंद कर लिया गया. ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी.के. झा ने बताया कि बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही उसे सिमिलिपाल लौटाया जाएगा.

21 दिन में 3 राज्यों का सफर, कैसे पकड़ी गई सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भागी बाघिन ‘जीनत’? VIDEO
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 30 Dec 2024 9:22 AM

ओडिशा के सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य (STR) से भटक कर पश्चिम बंगाल के बांकुरा पहुंची बाघिन 'जीनत' को आखिरकार रविवार को पकड़ लिया गया. उसे बेहोशी का इंजेक्शन देकर सुरक्षित कब्जे में लिया गया. 21 दिनों तक चली इस खोज के दौरान बाघिन ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के तीन राज्यों में 300 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की. बाघिन के पकड़े जाने की जानकारी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट के जरिए दी और इसके साथ ही एक वीडियो भी साझा किया. इस घटना ने बाघों के संरक्षण और उनके सुरक्षितt आवास को लेकर चर्चा को फिर से हवा दी है.

कहां पकड़ी गई बाघिन ‘जीनत’?

माना जा रहा है कि पकड़ी गई बाघिन को कुछ समय तक निगरानी में रखने के बाद उसे वापस सिमिलिपाल बाघ अभयारण्य (STR) भेजा जाएगा. STR से निकलने के बाद, इस बाघिन ने दो राज्यों के वन्यजीव अधिकारियों को काफी परेशानी में डाला था. मुख्य वन संरक्षक देबव रॉय ने जानकारी दी कि बाघिन को बेहोश करने के लिए किए गए पिछले प्रयास असफल रहे थे. अंततः रविवार शाम 4 बजकर 9 मिनट पर एक डार्ट शॉट के जरिए उसे शांत किया गया. बाघिन की स्वास्थ्य जांच पूरी होने के बाद ही उसके अस्थायी आवास और आगे के कदम का फैसला किया जाएगा.

ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी.के. झा ने बताया कि बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है और जल्द ही उसे सिमिलिपाल लौटाया जाएगा. उन्होंने बताया कि ओडिशा वन विभाग की 15 सदस्यीय टीम ने पश्चिम बंगाल वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर इस तीन साल की बाघिन को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाया. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 'हम बाघिन को सिमिलिपाल कोर क्षेत्र के भीतर एक नरम बाड़े में रखेंगे. वहां उसे लंबे समय तक रखा जाएगा ताकि वह इस क्षेत्र में बेहतर तरीके से समायोजित हो सके. बाड़े में उसकी हर गतिविधि को उसके गले में लगे रेडियो कॉलर के जरिए ट्रैक किया जाएगा.

पी.के. झा ने बताया कि बाघिन को सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में वापस लाने के बाद अधिकारी इसे रिजर्व के दक्षिणी हिस्से में छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, बजाय उत्तरी हिस्से के, जहां इसे पहली बार छोड़ा गया था. इससे पहले एक अन्य बाघिन, जमुना, जिसे ताडोबा-अंधारी रिजर्व से लाया गया था, को भी सिमिलिपाल के दक्षिणी हिस्से में छोड़ा गया था.

सिमिलिपाल से बाहर निकलने के बाद, जीनत ने 21 दिनों के भीतर ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के तीन राज्यों में लगभग 300 किलोमीटर की यात्रा की. इस लंबी यात्रा के दौरान बाघिन ने कई चुनौतियों का सामना किया, और अब इसे सिमिलिपाल के अनुकूल माहौल में पुनः बसाने की योजना बनाई जा रही है.

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