50 विमानों को बम से उड़ाने की धमकी, एक्शन मोड में केंद्र सरकार, एक फ्लाइट को होता है इतने करोड़ का नुकसान
Bomb threat: शनिवार तक 13 दिनों में भारतीय एयरलाइंस के 300 से अधिक उड़ानों को बम की झूठी धमकी मिली है. इसे लेकर सरकार एक्शन मोड में है. इसी बीच एक बार फिर से 50 विमानों को बम की धमकी दी गई थी.

Bomb threat: रविवार यानी 27 अगस्त को भारतीय एयरलाइन्स के करीब 50 उड़ानों को बम की धमकी मिली. इसके साथ ही 14 दिनों में भारतीय एयरलाइन्स के 350 से अधिक उड़ानों को बम की झूठी धमकी मिली है. ज्यादातर धमकियां सोशल मीडिया के ज़रिए दी गईं. रविवार को अकासा एयर ने कहा कि उसकी 15 उड़ानों को सुरक्षा अलर्ट मिले और गहन जांच के बाद सभी विमानों को परिचालन के लिए छोड़ दिया गया. मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इंडिगो को 18 और विस्तारा को 17 उड़ानों के लिए धमकियां मिलीं.
एयरलाइनों को बम से उड़ाने की झूठी धमकियों की बाढ़ आ गई है. इस बीच केंद्र सरकार इसे लेकर कड़े कदम उठाने की तैयारी में है. आईटी मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि वे उचित सावधानी बरतें और आईटी नियमों के तहत निर्धारित सख्त समयसीमा के भीतर गलत सूचनाओं को तुरंत हटा दें या उन तक पहुंच को अक्षम कर दें. इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय एयरलाइनों को बम से उड़ाने की झूठी धमकियों से निपटने के लिए विधायी कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है.
सरकार की इसे लेकर सख्त प्लानिंग
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने आज यानी 27 अक्टूबर 2024 कहा कि केंद्र सरकार उन अपराधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रही है जो बम की झूठी धमकियां देते हैं. विशाखापट्टनम और विजयवाड़ा के बीच दो उड़ानों का औपचारिक उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि इन फर्जी धमकियों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों, कानून प्रवर्तन शाखाओं और खुफिया ब्यूरो से सहायता लेने के अलावा, केंद्र सरकार दो नागरिक उड्डयन कानूनों में संशोधन करने पर भी विचार कर रही है.
अधिकांश धमकियां सोशल मीडिया के माध्यम से दी गई. नायडू ने आगे कहा कि इन फर्जी धमकियों की गंभीरता से जांच चल रही है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' का सहयोग भी लिया जा रहा है.
फर्जी धमकी से होता है नुकसान
लगातार आ रह फर्जी धमकी की वजह से एयरलाइन्स कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. घरेलू उड़ानों में 1.5 करोड़ रुपये, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए यह नुकसान 5 करोड़ से 5.5 करोड़ रुपये तक होता है. औसतन, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों में व्यवधान के कारण लगभग 3.5 करोड़ रुपये का नुकसान होता है.