4 पुराने बिल होंगे ख़त्म, 5 साल की जेल से लेकर मिलेगी कठोर सजा; इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल में क्या-क्या?
भारत सरकार जल्द ही इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश करने वाली है, जिसका उद्देश्य आव्रजन कानूनों को मजबूत और आधुनिक बनाना है. इस विधेयक से पासपोर्ट, वीजा, विदेशी नागरिकों के पंजीकरण और यात्रा दस्तावेजों को लेकर नए नियम बनेंगे. गृहमंत्री अमित शाह इसे लोकसभा में पेश करेंगे, जिससे आव्रजन प्रक्रिया अधिक प्रभावी और पारदर्शी होगी.

4 पुराने बिल होंगे ख़त्म, 5 साल की जेल से लेकर कठोर है सजा; इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल में क्या-क्या?लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किए जाने की संभावना है, जिसका उद्देश्य भारत के मौजूदा आव्रजन कानूनों को अधिक सशक्त और आधुनिक बनाना है. इस विधेयक के तहत केंद्र सरकार को यह अधिकार मिलेगा कि वह भारत में प्रवेश और यहां से बाहर जाने वाले व्यक्तियों के लिए पासपोर्ट, वीजा और अन्य यात्रा दस्तावेजों को लेकर नियम बनाए.
इसके अलावा, यह विधेयक विदेशी नागरिकों के पंजीकरण और संबंधित मामलों को सही करने के लिए भी कानूनी ढांचा तैयार करेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस विधेयक को लोकसभा में पेश करने के लिए प्रस्ताव लाने वाले हैं, जिससे भारत की आव्रजन नीतियों को नई दिशा मिलेगी. केंद्र सरकार को यह अधिकार मिलेगा कि वह इमिग्रेशन नियमों को सख्त और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक संशोधन कर सके, जिससे अवैध इमिग्रेशन पर रोक लगाई जा सके.
इमिग्रेशन अधिकारी का अंतिम निर्णय
इस बिल के तहत, इमिग्रेशन अधिकारी का फैसला अंतिम और बाध्यकारी माना जाएगा. पहले भी अधिकारियों को विदेशियों को भारत में प्रवेश से रोकने का अधिकार था, लेकिन यह स्पष्ट रूप से कानून में दर्ज नहीं था. अब यह प्रावधान लिखित कानून में शामिल किया जाएगा.
पुराने कानून होंगे खत्म
इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के लागू होने के बाद चार पुराने कानून निरस्त हो जाएंगे. इनमें फॉरेनर्स एक्ट 1946, पासपोर्ट एक्ट 1920, रजिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेनर्स एक्ट 1939 और इमिग्रेशन एक्ट 2000 शामिल है. यह विधेयक भारत में विदेशियों के प्रवेश, वीजा नियम, पंजीकरण और प्रवास से जुड़े नियमों को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगा. राष्ट्रीय सुरक्षा और इमीग्रेशन प्रक्रिया के सुचारू संचालन को ध्यान में रखते हुए यह कानून प्रस्तावित किया गया है.
कहीं से नहीं होगी देश में अवैध एंट्री
भारत में प्रवेश को लेकर सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए नए इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 के तहत सख्त प्रावधान किए गए हैं. इस विधेयक के अनुसार, कोई भी व्यक्ति भारत में हवाई, जल या थल मार्ग से बिना वैध पासपोर्ट, वीजा या अन्य यात्रा दस्तावेजों के प्रवेश नहीं कर सकेगा. इससे सरकार को विशेष शक्तियां मिलेंगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को प्राथमिकता देते हुए विदेशी नागरिकों के प्रवेश और निवास को नियंत्रित किया जाएगा. यह विधेयक इमिग्रेशन नियमों को आधुनिक और कठोर बनाने की दिशा में एक अहम कदम होगा.
कितने साल की होगी सजा?
सुरक्षा की दृष्टि से यह विधेयक बेहद जरूरी माना जा रहा है, क्योंकि इसमें बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करने पर पांच साल की जेल और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. पहले भी भारत में किसी नागरिक को प्रवेश से रोकने के अधिकार थे, लेकिन कोई स्पष्ट कानून नहीं था. अब नए प्रावधानों के तहत इमिग्रेशन अधिकारियों के निर्णय को अंतिम और बाध्यकारी माना जाएगा. यदि कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत की नागरिकता प्राप्त करता है या उसकी मौजूदगी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.