कर्नाटक में एक महीने से सामाजिक बहिष्कार झेल रहे 250 दलित परिवार, जानें क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक स्थित यादगीर जिले में पिछले 1 महीने से 50 दलित परिवार सामाजिक बहिष्कार की प्रताड़ना को झेल रहे हैं. यह सिलसिला पिछले एक महीने से जारी है. आलम यूं है कि इन परिवारों को रोजमर्रा की चीजें भी खरीदने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

कर्नाटकः कर्नाटक स्थित यादगीर जिले में पिछले 1 महीने से 50 दलित परिवार सामाजिक बहिष्कार की प्रताड़ना को झेल रहे हैं. यह सिलसिला पिछले एक महीने से जारी है. आलम यूं है कि इन परिवारों को रोजमर्रा की चीजें भी खरीदने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अब ऐसे में आपके जहन में भी कई सवाल सामने आ रहे होंगे कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? तो बता दें कि लड़की के परिजनों ने लड़के पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को वापस लेने से इंकार कर दिया है. दरअसल एक नाबालिग दलित बच्ची के परिवार ने 23 साल के उच्च जाति के लड़के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप वापस लेने से इनकार कर दिया है. जिसके कारण 50 दलित परिवारों को समाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है.
झांसा देकर बनाया यौन संबंध
दरअसल कर्नाटक के यादगीर में एक 23 वर्षीय लड़के ने 15 वर्षीय युवती के साथ पहले एक रिश्ता बनाया. इसके बाद उसे अपने प्यार के जाल में फंसाकर उसके साथ यौन संबंध बनाये. अब इस कारण 15 वर्षीय युवती प्रेगन्नेंट हुई. इसकी सूचना परिजनों को 5 महीनें के बाद लगी जब लड़की पांच महीने गर्भवती हुई. युवती ने इस पूरी घटना की सूचना अपने परिजनों को दी. साथ ही लड़के द्वारा शादी करने का वादा करने का भी बताया था. हालांकि युवती के गर्भवती हो जाने के बाद लड़ने ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. परिवार ने कार्रवाई का फैसला किया है. वहीं 12 अगस्त को इस पूरे मामले पर पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. वहीं लड़के के गिरफ्तारी के बाद दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया गया.
गुस्साए लोगों ने लिया एक्शन
लड़के की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में लड़के की ओर से गुस्सा जाहिर किया गया. जिसके बाद लड़की के माता पिता से बातचीत के लिए परिजनों ने बुलाया.लेकिन युवती के परिजन लड़के के खिलाफ कर्रवाई चाहते थे. जिसके कारण लड़के की पक्ष की ओर से गुस्सा हो गए. वहीं अब इस मामले में कुछ नेताओं इस बात से इतने नाराज हो गए कि उन्होंने गांव के दलित परिवारों का बहिष्कार कर दिया. आपको बता दें कि कर्नाटक के बेंगलुरु से करीब 500 किमी दूर यादगीर के बप्पारागा गांव की दो कॉलोनियों में करीब 250 दलित लोग रहते हैं. जिनका सामाजिक बहिष्कार किया गया है.
जरुरतों का सामान लेना हुआ मुश्किल
बता दें कि 250 परिवार का सामाजिक बहिष्कार होने के बाद उन्हें रोजमर्रा की जरुरी चीजें जैसे, किराने और स्टेशनरी की दुकानों, मंदिरों, सैलून और सार्वजनिक जगहों तक जाने नहीं दिया जा रहा है.