दो घंटे तक हवा में अटकी रहीं 141 यात्रियों की सांसें, Air India के पायलट की सूझबूझ से टल गया बड़ा हादसा
शुक्रवार को हाइड्रोलिक खराबी आने की वजह से फ्लाइट में सवार 141 यात्री दो घंटे तक हवा में घूमते रहे. फिर फायर ब्रिगेड के साथ-साथ एबुलेंस को भी किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए तैनात किया गया. सूचना मिलते ही त्रिचि एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट जारी किया गया. इसके बाद फ्लाइट की बेली लैंडिंग हुई.

Air India Flight Emergency: देश भर में एयर इंडिया की त्रिची से शारजाह जाने वाली फ्लाइट नंबर AXB613 में तकनीती खराबी की खबर से हड़कंप मच गया. शुक्रवार को हाइड्रोलिक खराबी आने की वजह से फ्लाइट में सवार 141 यात्री दो घंटे तक हवा में घूमते रहे.
विमान में सवार यात्री हादसे के दौरान काफी डरे हुए थे. सभी की सांसें अटकी पड़ी थी और हर कोई सुरक्षित लैंड होने की भगवान से प्रार्थना कर रहा था. इसके बाद पायलट की समझदारी से फ्लाइट की सेफ लैंडिंग हुई. इसने कल शाम करीब 5.43 मिनट पर उड़ान भरी थी. इसके कुछ देर बाद ही इसमें खराबी आ गई.
सुरक्षित फ्लाइट से उतरे यात्री
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर शुक्रवार को एअर इंडिया का विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. फ्लाइट के दोनों पहिये में खराबी का पता चला और हवा में करीब 2 घंटे फ्लाइट घूमती रही. इस दौरान 141 यात्री सफर कर रहे थे. सूचना मिलते ही त्रिचि एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट जारी किया गया. फिर फायर ब्रिगेड के साथ-साथ एबुलेंस को भी किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए तैनात किया गया. इसके बाद फ्लाइट की बेली लैंडिंग हुई.
कैसे हुई लैंडिंग?
जानकारी के अनुसार एयर इंडिया के विमान में 141 यात्री सफर कर रहे थे. जिन्हें त्रिची से शारजाह लेकर जाना था. पायलट को विमान में हाइड्रोलिक फेल होने का पता चला. ऐसे में फ्लाइट की सेफ लैंडिंग कराना आसान नहीं था. अगर विमान को लैंड किया जाता तो उसमें आग लगने का डर रहता. ऐसी परिस्थिति में बेली लैंडिंग की जाती है. पायलट को इसके लिए विमान का ईंधन खत्म करना होता है. इसके खत्म होने के बाद पायलट विमान की लैंडिंग विमान के बेली को रनवे पर घिसकर उतारता है.
कब खराब होता है हाइड्रोलिक सिस्टम?
फ्लाइट के लिए हाइड्रोलिक सिस्टम एक जरूरी प्रणाली है. यह उड़ान के दौरान कई कार्यों को कंट्रोल करता है. इन कार्यों में लैंडिंग गियर का संचालन, फ्लैप्स का मूवमेंट, एयरलॉन और रडर को कंट्रोल करना शामिल है. अगर यह फेल हो जाता है तो काफी परेशानी होती है. इसमें सुरक्षा का खतरा भी बढ़ जाता है. ये फ्यूल फ्लाइट हैंगर के दरवाजों के साथ ही फ्लाइट कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.