सब पवित्र कर डालेंगे! माननीय जेल गए तो कुर्सी भी गई- नया कानून क्यों? 130वां संविधान संशोधन विधेयक Detail में
भारत सरकार ने राजनीति से अपराधीकरण रोकने के लिए 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है. इसके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री जैसे पदों पर बैठे लोग, यदि 5 साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराध में 30 दिन से ज्यादा जेल में रहते हैं, तो पद से स्वतः हटा दिए जाएंगे. यह कानून सत्ता में बैठे नेताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करेगा और भ्रष्टाचार पर सख्त प्रहार करेगा.

भारत में राजनीति और अपराध का गठजोड़ लंबे समय से चिंता का विषय रहा है. अक्सर ऐसा देखा गया है कि मुख्यमंत्री, मंत्री या सांसद जैसे उच्च पदों पर बैठे नेता गंभीर अपराधों या भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल तक चले गए, लेकिन फिर भी अपने पद से नहीं हटे. इससे न केवल जनता के भरोसे को ठेस पहुंची, बल्कि राजनीतिक व्यवस्था की साख पर भी सवाल उठे. लोकतंत्र की बुनियाद तभी मजबूत हो सकती है जब सत्ता में बैठे लोगों पर जवाबदेही तय हो और वे कानून से ऊपर न हों.
इसी चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 130वां संविधान संशोधन विधेयक (130th Constitutional Amendment Bill) संसद में पेश किया. यह विधेयक प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों सहित किसी भी जनप्रतिनिधि को तब पद से हटाने का प्रावधान करता है, जब वह 5 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध में 30 दिन से अधिक जेल या न्यायिक हिरासत में रहे. यह प्रावधान खुद प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि देश की सर्वोच्च कार्यपालिका भी जवाबदेही से परे नहीं है.
यह विधेयक राजनीति से अपराधीकरण खत्म करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. इससे शासन में पारदर्शिता और नैतिकता बढ़ेगी, और जनता का भरोसा लोकतांत्रिक संस्थाओं पर और मजबूत होगा. यह कानून भारतीय लोकतंत्र को भ्रष्टाचार-मुक्त और जवाबदेह बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है.
भारत में नए क़ानून की ज़रूरत क्यों पड़ी?
- कई बार ऐसे राजनेता रहे जिन्होंने गंभीर अपराधों के आरोपों के बावजूद राजनीतिक पद बनाए रखे.
- इससे न केवल न्याय प्रणाली पर असर पड़ा, बल्कि जनता में भी शासन व्यवस्था को लेकर चिंता और भ्रष्टाचार की भावना बढ़ी.
- उदाहरण के लिए दिल्ली में मुख्यमंत्री, मंत्री ऐसे गंभीर आरोपों में कई दिन हिरासत में रहे, फिर भी पद से इस्तीफा नहीं दिया गया.
- इससे यह आवश्यक हो गया कि किसी भी लोकप्रशासक की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए ताकि वह बिना दाग के कार्य कर सके.
130वां संविधान संशोधन विधेयक क्या है?
- यह विधेयक संसद में लोकसभा में अगस्त 2025 में पेश हुआ
- इसका मुख्य उद्देश्य है गंभीर अपराधों में आरोपित प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री जैसे पदों पर बैठे लोगों को जवाबदेह बनाना
- यह संशोधन अनुच्छेद 75 (प्रधानमंत्री एवं मंत्रिमंडल गठन), 164 (राज्य मंत्री), और 239AA में बदलाव करता है
- प्रावधान के अनुसार, यदि कोई मंत्री 5 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध में 30 दिन तक जेल या न्यायिक हिरासत में रहता है, तो वह 31वें दिन अपने पद से अपने आप हट जाएगा या, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर उसे पद से हटा सकते हैं.
- प्रधानमंत्री खुद भी इस प्रावधान के दायरे में आएंगे, अर्थात यदि वे 30 दिन तक ऐसे आरोपों में जेल में रहें तो उन्हें पद छोड़ना होगा.
इस कानून का महत्व
- यह कानून अपराधीकरण को रोकने के लिए बड़ा और सख्त कदम है.
- इससे राजनीतिक पदों पर बैठे अपराधी नेताओं का पद संभालना मुश्किल होगा.
- इससे जनता को सरकार और प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही का संदेश जाएगा.
- इस विधेयक को लेकर अन्य बिल भी संसद में पेश किए गए हैं जैसे कि केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक.
130वां संविधान संशोधन विधेयक भारतीय लोकतंत्र में एक नया अध्याय खोलता है, जिसमें भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ सख्त कानून बनाकर सत्ता में बैठे लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी. इस कानून से उम्मीद है कि राजनीति में पारदर्शिता और नैतिकता का स्तर बढ़ेगा, और आम जनता का न्याय व्यवस्था पर विश्वास मजबूत होगा. यह विधेयक भारत की राजनीतिक प्रणाली में सुधार का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो लोकतंत्र की मजबूती और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है.