कौन हैं मलयाली एक्टर Dileep जो 2017 के मलयालम एक्ट्रेस के अपहरण और रेप के आरोप से हुए बरी? जानें क्या था पूरा मामला
8 दिसंबर 2025 को एर्नाकुलम प्रधान सत्र न्यायालय ने 2017 की चर्चित मलयालम एक्ट्रेस अपहरण एवं यौन उत्पीड़न मामले में अपना अंतिम फैसला सुना दिया. न्यायाधीश हनी एम. वर्गीस ने एक्टर दिलीप को साजिश रचने के सभी आरोपों से बरी कर दिया, जबकि मुख्य आरोपी पल्सर सुनी (सुनील कुमार) सहित छह लोगों को अपहरण, यौन हमला और अन्य धाराओं में दोषी ठहराया गया.
लगभग 9 साल से केरल की अदालतों में एक बहुत बड़ा और चर्चित केस चल रहा है. यह केस एक प्रसिद्ध मलयालम फिल्म एक्ट्रेस के साथ हुई बहुत भयानक घटना का है. 17 फरवरी 2017 की रात को कोच्चि में उनकी गाड़ी को रास्ते में रोककर कुछ लोगों ने उनका अपहरण कर लिया और चलती गाड़ी के अंदर उनका यौन उत्पीड़न किया. अपराधियों ने इस पूरी घटना को अपने मोबाइल में वीडियो भी बना लिया था.
यह मामला सिर्फ एक अपराध की कहानी नहीं है, बल्कि यह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की काली सच्चाई को भी सामने लाया. बाद में पता चला कि इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश थी और उस साजिश में खुद एक्ट्रेस के पुराने को-एक्टर और बहुत बड़े स्टार एक्टर दिलीप का नाम भी जुड़ा. आज यानी 8 दिसंबर 2025 को एर्नाकुलम की सत्र अदालत इस केस में अपना अंतिम फैसला सुनाया. जिसमें आरोपी एक्टर दिलीप को दोषी नहीं पाया गया. यह फैसला एर्नाकुलम जिला एवं प्रधान सत्र न्यायाधीश हनी एम वर्गीस ने सुबह 11 बजे फैसला सुनाया.
2017 में हुई यह घटना
त्रिशूर से कोच्चि अपनी गाड़ी से आ रही थी. रास्ते में कुछ लोग उनकी गाड़ी के आगे अपनी गाड़ी लगाकर रास्ता रोका. ड्राइवर को धमकाकर गाड़ी से उतार दिया और मुख्य आरोपी पल्सर सुनी (सुनील कुमार) खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गया. करीब 2 घंटे तक गाड़ी को इधर-उधर घुमाया और एक्ट्रेस के साथ जबरदस्ती यौन उत्पीड़न किया. पूरी घटना को 8 छोटी-छोटी वीडियो क्लिप में रिकॉर्ड किया गया.
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पुलिस केस और शुरुआती गिरफ्तारियां
अगले दिन 18 फरवरी को एक्ट्रेस ने पुलिस में शिकायत की. पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और मुख्य आरोपी पल्सर सुनी और उसके साथियों को पकड़ना शुरू किय. 18 से 23 फरवरी तक सुनील कुमार, मार्टिन एंटनी, वदिवल सलीम, प्रदीप, मणिकंदन, विजेश आदि को एक-एक करके गिरफ्तार कर लिया गया. अप्रैल 2017 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की जिसमें पल्सर सुनी को पहला आरोपी बताया गया.
फिल्म इंडस्ट्री का रिएक्शन
19 फरवरी को ही पूरे मलयालम फिल्म जगत ने कोच्चि में एक बड़ा प्रदर्शन किया. मोहनलाल, ममूटी, मंजू वारियर जैसे बड़े स्टार मौजूद थे. मंजू वारियर (जो दिलीप की पूर्व पत्नी भी हैं) ने कहा, 'यह सिर्फ किड्नैपनिंग नहीं, एक सोची-समझी साजिश है.' उस समय दिलीप भी उसी मीटिंग में मौजूद थे.
साजिश का पता चलना और दिलीप की गिरफ्तार
रीजून 2017 में पल्सर सुनी का एक लैटर लीक हुआ जिसमें उसने कहा कि उसने दिलीप के कहने पर यह काम किया था. पुलिस को पता चला कि सुनी कई बार दिलीप से मिला था. 10 जुलाई 2017 को दिलीप को गिरफ्तार कर लिया गया. यह पूरे केरल के लिए बहुत बड़ा झटका था. फिल्म संगठन AMMA ने दिलीप को तुरंत निकाल दिया. 85 दिन जेल में रहने के बाद अक्टूबर 2017 में उन्हें जमानत मिली.
बीच-बीच में हुए बड़े विवाद
2018 में जब मोहनलाल AMMA के अध्यक्ष बने तो उन्होंने दिलीप को वापस लेने का फैसला किया. इससे पीड़िता और WCC (Women in Cinema Collective) की महिलाएं बहुत नाराज हुईं और इस्तीफा दे दिया. 2020 में ट्रायल शुरू हुआ लेकिन 22 गवाह अपने बयान से मुकर गए, जिनमें सिद्दीकी, भामा जैसे कलाकार भी शामिल थे. पीड़िता ने जज पर पक्षपात का आरोप लगाया, लेकिन हाई कोर्ट ने केस ट्रांसफर करने से मना कर दिया. दिसंबर 2021 में निर्देशक बालचंद्रकुमार ने बड़ा खुलासा किया कि उन्होंने दिलीप के घर पर पल्सर सुनी को देखा और दिलीप ने वीडियो भी दिखाया था. 2022 में दिलीप के कुछ ऑडियो लीक हुए जिनमें वे पुलिस अधिकारियों को धमकी दे रहे थे. इन सबके कारण दिलीप पर पुलिस वालों को नुकसान पहुंचाने की साजिश का भी केस दर्ज हुआ.
2024 में मुख्य गवाह की मौत
अगस्त 2024 में केरल सरकार ने जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट जारी की, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ भेदभाव और उत्पीड़न की बातें सामने आईं. दिसंबर 2024 में मुख्य गवाह बालचंद्रकुमार की मौत हो गई. फरवरी 2025 में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हुईं और आज 8 दिसंबर 2025 को अदालत अपना अंतिम फैसला सुनाने जा रही है. यह केस सिर्फ एक एक्ट्रेस के साथ हुए अपराध का नहीं रहा, बल्कि यह केरल और पूरे दक्षिण भारतीय सिनेमा के लिए एक बहुत बड़ा सबक बन गया है. इसमें पावर, साजिश, गवाहों का मुकरना, इंडस्ट्री की चुप्पी, महिलाओं की लड़ाई सब कुछ शामिल है.





