मैं कौन होता हूं उन्हें गिराने वाला...जब Lamhe के सेट पर Farhan Akhtar की वजह से गिर पड़ी थी Sridevi
फरहान को वह पल आज भी स्लो-मोशन में याद आता है. वे बताते हैं, 'श्रीदेवी जी हवा में उड़ीं और फिर धड़ाम से जमीन पर गिर गईं. पूरा सेट एकदम शांत हो गया. हर कोई सहम गया मुझे लगा बस अब मेरा फिल्मी करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया.
बॉलीवुड के सबसे बड़े और मशहूर फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बनने से बहुत पहले, फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) सिर्फ एक डरे-सहमे 17 साल के एक नौजवान थे. वे फिल्मों की दुनिया में अभी-अभी कदम रख रहे थे और सेट पर छोटे-मोटे काम करके सीख रहे थे. साल था 1991 का, और उस वक्त यश चोपड़ा की बहुत बड़ी फिल्म 'लम्हे' बन रही थी. इस फिल्म में श्रीदेवी और अनिल कपूर मुख्य भूमिका में थे. फरहान उस फिल्म में कैमरा डिपार्टमेंट में काम कर रहे थे. वे प्रसिद्ध सिनेमेटोग्राफर मनमोहन सिंह जी के असिस्टेंट थे, और असिस्टेंट भी सबसे छोटे वाले मतलब सातवें या आठवें नंबर के!फिल्म का एक बहुत बड़ा और जोरदार डांस सीक्वेंस शूट हो रहा था. फरहान जिनकी फिल्म '120 बहादुर' जल्द ही सिनेमाघरों में आने वाली है. वह रजत शर्मा के शो आपकी अदालत में पहुंचे और श्रीदेवी से जुड़ा से मजेदार किस्सा शेयर किया.
उन्होंने कहा, 'लम्हें का एक डांस सीक्वेंस कोरियोग्राफर सरोज खान जी ने तैयार किया था. सब लोग व्यस्त थे, रिहर्सल चल रही थी. श्रीदेवी जी पूरा जोश के साथ डांस की प्रैक्टिस कर रही थी. तभी मनमोहन सिंह जी की नजर लकड़ी के फर्श पर एक गंदे दाग पर पड़ी. उन्होंने जोर से कहा, 'कोई इस दाग को जल्दी से साफ करो! फरहान सबसे पास में खड़े थे, इसलिए वे फौरन दौड़े। उनके हाथ में एक कपड़ा था, और वे झुककर उस दाग को रगड़-रगड़कर साफ करने लगे. जल्दबाजी इतनी थी कि उन्हें कुछ पता ही नहीं चला कि श्रीदेवी जी ठीक उसी जगह की ओर बढ़ रही थी. अचानक श्रीदेवी जी का पैर उस गीले जगह पर फिसला और वे जोर से गिर पड़ीं.'
धड़ाम से जमीन पर गिरी थी श्रीदेवी
फरहान को वह पल आज भी स्लो-मोशन में याद आता है. वे बताते हैं, 'श्रीदेवी जी हवा में उड़ीं और फिर धड़ाम से जमीन पर गिर गईं. पूरा सेट एकदम शांत हो गया. हर कोई सहम गया मुझे लगा बस अब मेरा फिल्मी करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया! मैं तो सोचने लगा कि अब कोई मुझे दोबारा सेट पर नहीं आने देगा.' फरहान बहुत डर गए थे. उनका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था. लेकिन जो हुआ, वह बिलकुल अलग था. श्रीदेवी जी उठीं, अपना कपड़ा झाड़ा, और सबसे प्यारी मुस्कान के साथ बोली- अरे कोई बात नहीं बेटा, ऐसा तो होता रहता है.....चलो, फिर से शुरू करते हैं!.'
अब मेरा करियर गया
उनकी यह बात सुनकर पूरा सेट हंस पड़ा सबका टेंशन एकदम खत्म हो गया. फरहान को पहली बार चैन की सांस आई. वे कहते हैं, 'उस दिन मुझे समझ आ गया कि बड़े स्टार होना सिर्फ एक्टिंग से नहीं, दिल से भी होता है. श्रीदेवी जी ने मुझे न सिर्फ बचा लिया, बल्कि जीवन की सबसे बड़ी सीख दी गलती हो जाए तो डरने की नहीं, हंसकर आगे बढ़ने की जरूरत होती है.' आज फरहान अख्तर 'दिल चाहता है', 'जिंदगी न मिलेगी दोबारा','डॉन' जैसी सुपरहिट फिल्में बना चुके हैं. वे मल्टी-टैलेंटेड स्टार हैं डायरेक्टर, एक्टर, सिंगर, राइटर सब कुछ. लेकिन जब भी वे अपनी शुरुआत की बात करते हैं, तो सबसे पहले श्रीदेवी जी को शुक्रिया कहते हैं. वे मजाक में कहते हैं, "मैं कौन होता हूं श्रीदेवी को गिराने वाला! उल्टा, मेरा पूरा करियर तो उन्हीं की वजह से बचा और बना. मैं हमेशा-हमेशा उनका आभारी रहूंगा।'





