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अश्लीलता पर क्‍या कहता है कानून? क्‍या रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना को होगी जेल?

Ranveer Allahabadia: कॉमेडियन समय रैना के शो इंडिया गॉट लैटेंट में रणवीर अल्लाहबादिया ने माता-पिता पर भद्दा कमेंट किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर रणवीर और समय को ट्रोल करने लगे. कई शहरों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ब सरकार ने मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर संसदीय समिति के समक्ष के पेश होने का नोटिस दिया है. जांच के दायरे में रणवीर और समय रैना दोनों हैं.

अश्लीलता पर क्‍या कहता है कानून? क्‍या रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना को होगी जेल?
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( Image Source:  ranveerallahbadia )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 13 Feb 2025 12:55 PM IST

Ranveer Allahbadia: कॉमेडियन समय रैना के शो इंडिया गॉट लैटेंट में पॉपुलर पॉडकास्टर और यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया भी शामिल हुए. वह शो के लेटेस्ट एपिसोड में बतौर जज बनकर शामिल हुए. रणवीर ने एक कंटेस्टेंट से पूछा, क्या आप अपने माता-पिता को पूरी जिंदगी हर दिन सेक्स करते देखना पसंद करेंगे या फिर एक बार इसमें शामिल होंगे और इसे हमेशा के लिए बंद कर देंगे? इसके बाद रणवीर ट्रोल्स के निशाने पर आ गए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रणवीर की माता-पिता पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. देश भर में उन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. मुंबई और असम में उन पर एफआईआर दर्ज की गई हैं. देश में अक्सर विवादित और भद्दे कमेंट करने के मामले सामने आते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि इस तरह के मामले में भारत का कानून क्या कहता है.

आपत्तिजनक बयानों पर क्या है कानूनी प्रावधान?

  • रणवीर अल्लाहबादिया ने विवादास्पद टिप्पणी की. अब सरकार ने मामले का संज्ञान लेते हुए उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर संसदीय समिति के समक्ष के पेश होने का नोटिस दिया है. जांच के दायरे में रणवीर और समय रैना दोनों हैं.
  • 2023 के बीएनएस की धारा 3(5) संयुक्त आपराधिक दायित्व स्थापित करती है जब कई लोग मिलकर अपराध करते हैं. इसका मतलब है कि प्रत्येक व्यक्ति अपराध के लिए इस तरह जिम्मेदार है जैसे कि उसने अकेले ही अपराध किया हो.
  • बीएनएस 2023 अधिनियम की धारा 79 के तहत शब्दों, इशारों, आवाज या वस्तुओं के माध्यम से किसी महिला की गरिमा का अपमान करना शामिल है. इसमें महिला की निजता में दखल देना भी शामिल है.
  • आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत ऑनलाइन अश्लील कंटेंट के पोस्ट करना अपराध है. इसमें अरोपी पर बीएनएस की धारा 294 के तहत पहली बार अपराध करने पर 3 साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने की सख्त सजा का प्रावधान है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2024 में आईपीसी की धारा 292 और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत यूट्यूब वेब-सीरीज़ 'कॉलेज रोमांस' के निर्माताओं के खिलाफ कार्यवाही को रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा, "अश्लीलता ऐसी सामग्री से संबंधित है जो यौन और कामुक विचारों को जगाती है, जो कि इस एपिसोड में इस्तेमाल की गई अपमानजनक भाषा या गलत शब्दों का बिल्कुल भी प्रभाव नहीं है."
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 में संशोधन के बाद धारा 66 ए, जिसका उपयोग पहले साइबरबुलिंग और उत्पीड़न जैसे ऑनलाइन अपराधों को संबोधित करने के लिए किया जाता था, को 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इसकी अस्पष्ट परिभाषाओं और दुरुपयोग की संभावना के कारण असंवैधानिक होने के कारण रद्द कर दिया था.
  • सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021- फरवरी 2021 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के विनियमन में एक महत्वपूर्ण बदलाव के रूप में पेश किया गया था क्योंकि यह उन्हें सोशल मीडिया मध्यस्थों, महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों और समाचार और वर्तमान मामलों की सामग्री के प्रकाशकों में वर्गीकृत करता है।
  • डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (DPDPB)- भारत में डेटा संरक्षण के लिए एक बनाया गया है. यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स का डेटा सेफ्टी के लिए दिशा-निर्देश स्थापित करने का प्रयास करता है, जिसमें यूजर्स की सहमति और डेटा गोपनीयता पर ध्यान केंद्रित किया जाता है.
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