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20 साल बाद शाहरुख खान की इस आइकॉनिक फिल्म को 100 करोड़ी क्लब में मिली जगह

वीर ज़ारा एक रोमांटिक फिल्म है. इस फिल्म शाहरुख खान के साथ प्रीति जिंटा, रानी मुखर्जी और मनोज बाजपेयी ने काम किया है. वहीं, इस फिल्म को यश राज ने डायरेक्ट किया है. फिल्म की कहानी से लेकर डायलॉग्स तक, हर एक चीज दर्शकों को बेहद पसंद आई थी.

20 साल बाद शाहरुख खान की इस आइकॉनिक फिल्म को 100 करोड़ी क्लब में मिली जगह
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credit- Yash Raj Films
हेमा पंत
By: हेमा पंत

Updated on: 20 Sept 2024 3:31 PM IST

साल 2004 में यशराज चोपड़ा की फिल्म वीर जारा रिलीज हुई थी. इस फिल्म की कहानी ने सभी को रूला दिया था. इस फिल्म के लीड रोल में शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और रानी मुखर्जी थे. जब यह फिल्म रिलीज हुई थी, तब कॉम्पिटिशन के बावजूद शाहरुख की फिल्म ने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर उस साल सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई थी. अब यह फिल्म 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो चुकी है.

फिल्म ने अपने ओरिजनल रन में ग्लोबल लेवल पर 98 करोड़ रुपये की कमाई की थी. इसमें भारत में 61 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया और इंटरनेशनल बाजार में 37 करोड़ रुपये कमाए थे.

फिल्म हुई 100 करोड़ के क्लब में शामिल

पिंकविला के मुताबिक 2005 से 2023 तक फिल्म ने अलग-अलग री-रिलीज़ के जरिए से 2.50 करोड़ रुपये की कमाई की. वहीं, फरवरी 2023 में फिल्म ने एक्स्ट्रा 30 लाख रुपये का कलेक्शन किया. हाल ही में सितंबर 2024 में फिल्म ने अपनी री-रिलीज़ के सिर्फ पांच दिनों में 1.45 करोड़ रुपये इकट्ठा किए.17 सितंबर, 2024 तक, वीर-ज़ारा का टोटल वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस 102.25 करोड़ रुपये है.

99 रुपये में मिलेगी टिकट

वर्ल्ड सिनेमा डे पर वीर जारा की फिल्म की टिकटें केवल 99 रुपये में मिल जाएंगी. लैला मजनू, रहना है तेरे दिल में, रॉकस्टार जैसी फिल्मों के रि-रिलीज ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है. इसके बाद से ही कई आइकॉनिक फिल्मों को बॉक्स ऑफिस पर री-रिलीज किया जा रहा है.

फिल्म की कहानी

"वीर जारा" एक रोमांटिक फिल्म है, जिसमें वीर यानी शाहरुख़ खान एक भारतीय वायुसेना का अधिकारी होता है. वहीं ज़ारा प्रीति जिंटा एक पाकिस्तानी लड़की होती है. दोनों की मुलाकात भारत में होती है और वे एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं, लेकिन ज़ारा की शादी तय हो जाती है और वह वापस पाकिस्तान लौट जाती है. वीर उसे भूल नहीं पाता और उसकी मदद करने के लिए पाकिस्तान पहुंच जाता है, लेकिन गलतफहमी और राजनीतिक परिस्थितियों के कारण उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है और कई सालों तक जेल में रहना पड़ता है. कहानी में एक वकील राधा वीर की मदद करने की कोशिश करती है. अंत में, प्रेम, बलिदान और मानवीय रिश्तों की गहराई को दिखाते हुए वीर और ज़ारा एक-दूसरे को मिल जाते हैं.

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