पाकिस्तानी एक्टर की बेटी, तबस्सुम से बनी Tabu! शादी की बजाए चुनी सिंगल लाइफ; 53 साल की एक्ट्रेस की अनकही जर्नी
बॉलीवुड की ये मिस्ट्रियस क्वीन, जिसके लिंकअप्स की लिस्ट लंबी है संजय कपूर से पहला अफेयर, 90s में. फिर साजिद नादियाडवाला के साथ दोस्ती जो प्यार बनी, लेकिन उनकी पत्नी की मौत के बाद भी कुछ अधूरा रहा. सबसे चर्चित आक्किनेनी नागार्जुना दोनों ने साथ में 90के दशक में 'निन्ने पेल्लादथा' में काम किया जहाँ से नजदकियां बढ़ी.
  हैदराबाद की धूल भरी गलियों में, 4 नवंबर 1971 को एक छोटे से घर में तब्बू (Tabu) का जन्म हुआ. असली नाम ताबस्सुम फातिमा हाशमी. एक मुस्लिम परिवार की बेटी, जहां पिता जमाल अली हाशमी पाकिस्तानी फिल्मों के एक्टर थे, जो भारत आकर उनकी मां रिजवाना से मिले. रिजवाना एक स्कूल टीचर थीं, सख्त लेकिन प्यार भरी. लेकिन ये खुशहाल शुरुआत ज्यादा चली नहीं. जब ताबस्सू सिर्फ तीन साल की थीं, उनके पिता ने घर छोड़ दिया. वजहें अनकही रही शायद महत्वाकांक्षाओं का टकराव, शायद जिम्मेदारियों का बोझ. ये तलाक तब्बू के दिल में एक गहरी चोट छोड़ गया.
एक बच्ची जो पिता की गोद में सोना चाहती थी, वो अचानक मां की मजबूत कंधों पर झुक गई. बड़ी बहन फराह नाज़, जो बाद में एक्ट्रेस बनीं, और तब्बू दोनों बहनें मां के साथ संघर्ष करती रही. परिवार में शबाना आज़मी, तन्वी आज़मी और बाबा आज़मी जैसे रिश्तेदार थे, जो बॉलीवुड की चमक से जुड़े थे, लेकिन तब्बू का बचपन संघर्षों से भरा था. हैदराबाद के सेंट ऐन्स हाई स्कूल में पढ़ाई, फिर 1983 में मुंबई शिफ्ट. सेंट जेवियर्स कॉलेज में दो साल की पढ़ाई, लेकिन दिल कहता था कुछ और वो शर्मीली थीं, किताबों और सपनों में खोई रहती. अनकही बात ये कि बचपन से ही कैमरे का डर था, लेकिन किस्मत ने उन्हें उसी तरफ धकेल दिया.
ताबस्सुम से तब्बू
11 साल की उम्र में, 1982 की फिल्म बाज़ार में एक अनक्रेडिटेड रोल. बस एक झलक, लेकिन वो फिल्म का हिस्सा बन गईं. फिर 14 साल की उम्र में 'हम नौजवान' (1985) में देव आनंद की बेटी का किरदार. ये पहला क्रेडिटेड रोल था, लेकिन तब्बू को लगा ये तो बस शुरुआत है. वहीं देव साहब ने इसी फिल्म से ताबस्सुम को नाम दिया था तब्बू. असल ब्रेकथ्रू आया 1991 में तेलुगु फिल्म 'कूली नंबर 1 से. वेंकटेश के साथ, ये ब्लॉकबस्टर बनी और साउथ इंडस्ट्री में तब्बू को पहचान, लेकिन बॉलीवुड अभी दूर था.
'विजयपथ' से चमका सितारा
1994 में हिंदी डेब्यू पहला 'पहला पहला प्यार' से, लेकिन वो फिल्म चली नहीं, फिर आई अजय देवगन के साथ 'विजयपथ' जहां से तब्बू के करियर का सितारा चमका. उन्हें इस 'विजयपथ' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू अवॉर्ड मिला. ये वो पल था जब इंडस्ट्री ने कहा, 'ये लड़की अलग है.' उसके बाद (1996) में गुलजार की 'माचिस' के लिए उन्हें खूब पसंद किया गया. जिसमें पंजाब की आग में जलती एक सिख औरत का रोल था. जिसे नेशनल अवॉर्ड मिला, लेकिन तब्बू ने कन्फेस किया कि स्क्रिप्ट पढ़कर रोंगटे खड़े हो गए थे। 'ये मेरी ज़िंदगी बदल देगी," उन्होंने सोचा था.'
शादी क्यों नहीं?
बॉलीवुड की ये मिस्ट्रियस क्वीन, जिसके लिंकअप्स की लिस्ट लंबी है संजय कपूर से पहला अफेयर, 90s में. फिर साजिद नादियाडवाला के साथ दोस्ती जो प्यार बनी, लेकिन उनकी पत्नी की मौत के बाद भी कुछ अधूरा रहा. सबसे चर्चित आक्किनेनी नागार्जुना दोनों ने साथ में 90के दशक में 'निन्ने पेल्लादथा' में काम किया जहाँ से नजदकियां बढ़ी. यह रिश्ता 10 साल चला, लेकिन नागार्जुना पहले ही तलाक लेकर अमाला के साथ शादीशुदा थे. तब्बू ने कहा, 'दर्द हुआ, लेकिन प्यार में कोई शर्त नहीं.' ब्रेकअप के बाद उदासी, लेकिन वो लौटीं. अजय देवगन के साथ अफवाहें, लेकिन दोनों ने माना की उनके बीच एक गहरी बॉन्डिंग और दोस्ती है. हालांकि शादी न करने का उनका दूसरा पहलु यह भी था की वह बचपन से उन्हें तलाक का डर सताता था. उनका कहना था, 'मां ने अकेले हमें संभाला, मैं भी वैसा ही बनना चाहती हूं.'
मुझे शादी के बेस पर जज न करें
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, 'प्रेशर आया परिवार से, सोसाइटी से हर लड़की से पूछते हो, लेकिन खुशी सिर्फ शादी से नहीं आती.' तब्बू ने 2017 में हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, 'मैं किसी को जज नहीं करती उनके मैरिटल स्टेटस से, न चाहती हूं कि मुझे भी लोग ऐसे जज करें.' अजय ने मजाक में कहा, 'वो मुझ जैसा ढूंढ रही है, लेकिन ऐसा कोई है ही नहीं! तब्बू हंस पड़ीं, 'हां, तू जैसा सहनशील कोई नहीं.' तब्बू कभी करियर नहीं छोड़ना चाहती उन्हें घूमना, किताबें पढ़ना, दोस्तों के साथ हंसना बैठना पसंद है. उनका कहना है, 'मैं खुश हूं, सिंगल होना कोई कमज़ोरी नहीं, ये उनका मंत्र है.'





