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Paatal Lok Season 2 Review: नगालैंड की राजनीति, मर्डर मिस्ट्री और जयदीप अहलावत की दमदार परफॉर्मेंस

पाताल लोक सीज़न 2, मर्डर और रहस्यों से भरपूर, नागालैंड की गहरी सियासी सच्चाइयों को उजागर करता है. हर मोड़ पर सस्पेंस, बदला और दिलचस्प किरदारों की टकराहट आपको बांधे रखेगी.

Paatal Lok Season 2 Review: नगालैंड की राजनीति, मर्डर मिस्ट्री और जयदीप अहलावत की दमदार परफॉर्मेंस
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भाई, Amazon Prime का पाताल लोक सीज़न 2 एकदम धमाकेदार है! पहली सीज़न से तो ये अलग है, लेकिन उतना ही जबरदस्त. इस बार कहानी नागालैंड में सेट है, और वहां का कल्चर, पॉलिटिक्स और लाइफ को इतने रियल और ईमानदार तरीके में दिखाया गया है कि आप बस स्क्रीन से चिपक जाओगे.

ओपनिंग सीन से ही पकड़ लिया!

शो की शुरुआत होती है एक ब्रूटल मर्डर के साथ. एक हाई-प्रोफाइल बिजनेसमैन-पॉलिटिशियन जोनाथन थॉम को मार दिया जाता है, और ये केस इंस्पेक्टर हाथी राम चौधरी (जयदीप अहलावत) और एसीपी इमरान अंसारी (इश्वाक सिंह) के हाथ लगता है. हाथी राम अब भी अपने आउटर जमुना पार पुलिस स्टेशन में अटका हुआ है, पर जब अंसारी उसे केस में शामिल करता है, तो कहानी एक अलग ही लेवल पर चली जाती है.

दिल्ली से दीमापुर तक का सफर सिर्फ इन्वेस्टिगेशन का नहीं, बल्कि एक अलग दुनिया को समझने का भी है. नागालैंड का पॉलिटिक्स, युवाओं का स्ट्रगल, और वहाँ की कल्चर की कॉम्प्लेक्सिटीज़ इतनी रॉ और रियल लगती हैं कि लगता है आप वहीं हो.

हाथी राम की शानदार एक्टिंग और नागालैंड के लोगों का जादू

जायदीप अहलावत फिर से अपना जलवा दिखाते हैं. हाथी राम के स्ट्रगल, गिल्ट, और डिटरमिनेशन को इतना रियल बनाया है कि लगता है एक्टर और कैरेक्टर एक ही हैं. इश्वक सिंह एस अंसारी भी फुल सॉलिड लगता है. तिलोत्तमा शोम एस एसपी मेघना बरुआ का रोल थोड़ा छोटा है, लेकिन जितना है, वो कमाल है.

सबसे बड़ा हाइलाइट है नागालैंड के एक्टर्स का इन्क्लूजन. ये लोग कहानी को इतना ऑथेंटिक और कलरफुल बनाते हैं कि आपको लगेगा कि बस वहीं का एक हिस्सा हो गए. अलग-अलग लैंग्वेज का इस्तेमाल (हिंदी, नागामीज़, असमीज़, इंग्लिश) तो आइसिंग ऑन द केक है.

कहानी में ट्विस्ट्स और रियलिज़्म का तड़का

एक तरफ मर्डर का इन्वेस्टिगेशन चल रहा है, तो दूसरी तरफ कहानी डीपर सोशल-पॉलिटिकल इश्यूज़ को टच करती है. युवाओं के फ्रस्ट्रेशन, ग्रीड, और मॉरल डाइलेमाज को इतने इम्पैक्टफुल तरीके में दिखाया गया है कि दिल पर लगती है. महिलाओं के किरदार का एंगल भी काफी स्ट्रॉन्ग है, चाहे वो रोज़ लिज़ो हो या असेंला थॉम. एक-एक कैरेक्टर अपने-अपने फ्लॉज़ के साथ रिलेटेबल लगता है.

और भाई, एक्शन और थ्रिलर सीन तो फुल पैसा वसूल हैं! हाथी राम और अंसारी के दिमाग और गट्स दोनों का टेस्ट होता है. साथ ही, नागालैंड का कल्चर और पॉलिटिक्स एक अलग ही वर्ल्ड एक्सप्लोर करने का मौका देता है.

क्या ये सीज़न 1 से बेहतर है?

ये तुलना थोड़ी अनफेयर होगी, क्योंकि सीज़न 1 का साइकोलॉजिकल डेप्थ और डार्क दिल्ली वाइब्स अलग लेवल का था. लेकिन सीज़न 2 की ऑथेंटिसिटी और नागालैंड का नया कैनवास इसे उतना ही पावरफुल बनाता है. बस एक चीज़ मिस होती है - दिल्ली के ग्रिट्टी पॉलिटिक्स का वो साइकोलॉजिकल ऐज.

वर्डिक्ट: एक बार ज़रूर देखो

अगर तुम्हें ग्रिपिंग थ्रिलर, रियलिस्टिक स्टोरीटेलिंग, और देसी कल्चर का तड़का पसंद है, तो पाताल लोक सीज़न 2 मिस मत करना. जायदीप अहलावत और कास्ट का काम आपका दिल जीत लेगा, और नागालैंड की कहानी आपका दिमाग खोल देगी. एकदम बिंज-वर्दी कंटेंट है!

रेटिंग: 🌟🌟🌟🌟✨ (4.5/5)

पाताल लोक एक बार फिर साबित करता है कि इंडियन वेब सीरीज़ वर्ल्ड-क्लास हो सकती है!

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