Kota Srinivasa Rao का निधन, साउथ सिनेमा के दिग्गज अभिनेता ने 83 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
साउथ सिनेमा के महान अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का 83 वर्ष की उम्र में हैदराबाद स्थित निवास पर निधन हो गया. वे उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे. 750 से अधिक फिल्मों में अभिनय कर चुके कोटा को पद्मश्री सहित कई पुरस्कार मिले. उनके निधन से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है.

तेलुगू सिनेमा के महान अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. गुरुवार, 11 जुलाई की सुबह उन्होंने हैदराबाद स्थित अपने निवास पर सुबह लगभग 4 बजे अंतिम सांस ली. सूत्रों के अनुसार वे पिछले कुछ दिनों से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे और उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा था.
कोटा श्रीनिवास राव की गिनती उन कलाकारों में होती है जिन्होंने अपने दम पर अभिनय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. 750 से अधिक फिल्मों में उन्होंने अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया. वे खलनायक, हास्य कलाकार और चरित्र अभिनेता के रूप में समान रूप से सफल रहे. उनकी दमदार आवाज़, स्पष्ट उच्चारण और स्क्रीन पर गहरी पकड़ ने उन्हें एक ऐसा कलाकार बनाया जिसे दर्शक कभी भूल नहीं सकते.
'पद्मश्री' से थे सम्मानित
कोटा श्रीनिवास राव को उनके बेहतरीन अभिनय के लिए भारत सरकार द्वारा 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें तेलुगू राज्य सरकार की ओर से कई ‘नंदी अवॉर्ड्स’ भी प्राप्त हुए. फिल्मों के अलावा उन्होंने राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाई और एक बार आंध्र प्रदेश विधानसभा के विधायक भी बने.
एक्टिंग से ज्यादा जीवनशैली ने छोड़ी छाप
कोटा श्रीनिवास राव सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक प्रेरणा थे. उनकी अनुशासित जीवनशैली, स्पष्टवादी सोच और कला के प्रति समर्पण ने उन्हें सहकर्मियों और नए कलाकारों के बीच आदर्श बना दिया. वे हमेशा साफ-साफ बोलते थे और अपने काम में पूरी निष्ठा रखते थे.
तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर
उनके निधन की खबर सुनते ही तेलुगू सिनेमा और पूरे भारत के फिल्म प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई. फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े सितारे, निर्देशकों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. हर कोई इस बात को स्वीकार कर रहा है कि कोटा श्रीनिवास राव जैसे कलाकार सदियों में एक बार पैदा होते हैं.
कला की विरासत छोड़ गए पीछे
कोटा श्रीनिवास राव अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने जो अभिनय की विरासत छोड़ी है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनी रहेगी. उनके संवाद, उनके दृश्य और उनकी भाव-भंगिमाएं सिनेमा प्रेमियों के दिलों में हमेशा अमर रहेंगी. उनका जाना सिनेमा के एक स्वर्णिम अध्याय के समाप्त होने जैसा है.