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बॉलीवुड की मशहूर 'कथक क्वीन' Sitara Devi जिन्होंने ठुकरा दिया था पद्म विभूषण सम्मान,खुद के लिए मांगा था भारत रत्न

हिंदी सिनेमा जगत की मशहूर एक्ट्रेस,सिंगर और डांसर सितारा देवी ने अपनी प्रतिभा से कई लोगों को प्रभावित किया. जिसमें से एक रबीन्द्रनाथ टैगोर भी है. लेकिन सितारा के लिए इंडस्ट्री का सितारा बनना इतना आसान नहीं था.

बॉलीवुड की मशहूर कथक क्वीन Sitara Devi जिन्होंने ठुकरा दिया था पद्म विभूषण सम्मान,खुद के लिए मांगा था भारत रत्न
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रूपाली राय
by: रूपाली राय

Published on: 5 Sept 2024 6:07 PM

हिंदी सिनेमा जगत की मशहूर एक्ट्रेस,सिंगर और डांसर सितारा देवी को आज भी 'कथक क्वीन' के नाम से जाना जाता है. सितारा देवी ने फिल्मों में अपने महत्वपूर्ण योगदान के अलावा,उन्होंने न्यूयॉर्क के कार्नेगी हॉल और लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल सहित दुनिया भर के कई मंचों पर अपने कौशल का प्रदर्शन किया है.उनके निर्त्य कला से रबीन्द्रनाथ टैगोर इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने सितारा देवी को 'नृत्य साम्राज्ञी'की उपाधि से सम्मानित किया था.सितारा का सितारा जहां फिल्म इंडस्ट्री में बुलंदियों पर था.वहीं उनका जीवन काफी तन्हा रहा.उन्होंने चार शादियां की लेकिन उनकी चारों शादियां टूट गई.

नौकरानी को दे दिया था गोद

8 नवंबर 1920 में जन्मी 'कथक क्वीन' सितारा देवी का असली नाम धनलक्ष्मी था.उनका जन्म धनतेरस त्यौहार के दिन हुआ था. माता-पिता ने लक्ष्मी का सौभाग्य मानते हुए सितारा का नाम धनलक्ष्मी रखा. उनके पिता वैष्णव विद्वान और कथक नर्तक थें. उन्हीं के जरिए ये प्रतिभा उनके बच्चों तक पहुंची. लेकिन जब सितारा का जन्म हुआ तब उनका मूंह थोड़ा टेढ़ा था.जिसकी वजह से उनके माता-पिता ने उन्हें एक नौकरानी को गोद दे दिया.हालांकि कुछ समय के बाद उस नौकरानी ने सितारा को उनके माता-पिता को वापस दे दिया.

टूटी पहली शादी

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सितारा देवी की शादी 8 साल की उम्र में हो गई थी. लेकिन उन्होंने अपनी शादी का विरोध करते हुए अपनी शिक्षा जारी रखी ये बात उनके ससुराल वालों को बिल्कुल पसंद नहीं आई और इस वजह से उनकी पहली शादी टूट गई.अपनी कला को जारी रखते हुए उन्होंने एक स्कूल में परफॉरमेंस दी थी. जहां टीचर्स को उनकी परफॉरमेंस खूब पसंद आई और उन्हें एक डांस टीचर के रूप में रख लिया.

छोड़ दिया था फिल्मों में काम

बाद में सितारा मुंबई आ गईं यहां,उन्होंने दर्शकों को नृत्य कला से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया,जिसमें रवींद्रनाथ टैगोर भी शामिल थे.जिन्होंने उनके प्रदर्शन की तारिफ की और उन्हें एक शॉल और पैसे उपहार में दिए. बारह साल की उम्र में सितारा देवी ने अपना फ़िल्मी करियर शुरू किया और कई हिंदी फ़िल्मों में नज़र आईं. 'नगीना' (1951) और 'मदर इंडिया' (1957) सहित फिल्मों में नृत्य कला का योगदान दिया.सितारा ने 23 फिल्मों में काम किया था उनकी आखिरी फिल्म 'मदर इंडिया' थी.हालांकि उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली क्योंकि वह अपने शास्त्रीय कथक ट्रेनिंग पर ध्यान देना चाहती थीं.

चार शादी

बता दें कि सितारा ने दूसरी शादी एक्टर नजीर अहमद खान से की लेकिन यह शादी पर लंबे समय तक चल नहीं पाई और उनका तलाक हो गया.नजीर से शादी के दौरान उन्होंने इस्लाम कबूल किया था और तलाक के बाद सितारा नजीर के चचेरे भाई फिल्म निर्माता आसिफ से शादी की.हालांकि ये शादी भी नहीं चल पाई.एक इंटरव्यू में सितारा ने बताया था कि वह आसिफ की रंगीनमिजाजी की वजह से उनसे अलग हुईं थी, क्योंकि आसिफ ने लाहौर में दूसरी शादी कर ली थी.फिर आसिफ ने 'मुग़ल-ए-आज़म' की एक्ट्रेस निगार सुल्तान से शादी कर ली थी. इस बात को सितारा बर्दाश्त नहीं कर पाई और उन्होंने आसिफ से दूरी बनाना शुरू कर दिया. बाद में सितारा ने चौथी शादी एक गुजराती प्रताप बारोट से की थी.जिनसे उनका एक बेटा हुआ रंजीत बारोट लेकिन ये शादी भी नहीं चल पाई.

ठुकरा दिया था पद्म विभूषण

सितारा देवी ने 60 से 70 दशक की एक्ट्रेस को कथक सिखा चुकी हैं. उन्हें पद्मश्री और कालीदास जैसे सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. लेकिन उन्होनें पद्म विभूषण लेने से मना कर दिया था. उन्होनें कहा था कि वह भारत रत्न से कम कोई और सम्मान नहीं लेगीं. साल 2014 में सितारा देवी ने अंतिम सांस ली थी. बता दें कि साल 2021 में सितारा देवी की 101 बर्थ एनिवर्सरी पर उनकी बायोपिक की अनाउंसमेंट हुई थी. हालांकि अभी तक फिल्म को लेकर कोई अपडेट नहीं आई है.

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