राजनीति से जुड़ी फिल्मों से कंगना ने की तौबा, Emergency की मेकिंग को लेकर छलका एक्ट्रेस का दर्द
एक एक्सक्लूसिव बातचीत में, कंगना रनौत कहती हैं कि उन्हें इस फिल्म के लिए एक कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा. एक्ट्रेस ने कहा कि वह फिर कभी कोई राजनीतिक फिल्म नहीं बनाएंगी.

'मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ़ झांसी' (Manikarnika: The Queen of Jhansi) के बाद 'इमरजेंसी' (Emergency) कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की दूसरी निर्देशित फिल्म है और पहली बार की तरह इस बार भी वह विवादों में घिर गईं. जबकि यह फिल्म पिछले साल सितंबर में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी. लेकिन CBFC द्वारा दिए जाने वाले सर्टिफिकेट जैसी फोर्मलिटी को पूरा करने में विफलता के कारण कटौती की मांग करते हुए इसकी रिलीज रोक दी थी. पंजाब के शिरोमणि अकाली दल ने भी फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग करते हुए CBFC को एक कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें दावा किया गया था कि यह 'सांप्रदायिक तनाव भड़का सकता है' और 'गलत सूचना, नफरत और सामाजिक कलह फैला सकता है.'
अब, News18 Shosha के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में, कंगना कहती हैं कि उन्हें इस फिल्म के लिए एक कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा. उसके बीच उन्होंने एक बड़ा जरुरी सबक सीखा है. एक्ट्रेस ने कहा, 'मैं फिर कभी कोई राजनीतिक फिल्म नहीं बनाउंगी. मैं बहुत इंस्पायर्ड नहीं हूं. इसे बनाना बहुत कठिन रहा. अब मुझे समझ में आया कि बहुत से लोग ऐसा क्यों नहीं करते, खासकर रियल लाइफ के करैक्टर पर.. ऐसा कहने के बाद, मुझे लगता है कि अनुपम खेर जी 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में मनमोहन सिंह के रूप में अद्भुत थे. यह उनकी बेस्ट परफॉरमेंस में से एक है. लेकिन अगर आप मुझसे पूछें, तो मैं ऐसा दोबारा कभी नहीं करूंगी.'
रोना का मन होता था
'इमरजेंसी' की मेकिंग के दौरान भी उन्हें जिन संघर्षों से गुजरना पड़ा, उसके बावजूद उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने इसे कभी भी काम के रास्ते में नहीं आने दिया. कंगना ने कहा, 'मैंने इस सेट पर कभी अपना आपा नहीं खोया. अगर आप प्रोड्यूसर हैं, तो आप किस पर अपना आपा खोएंगे? एक डायरेक्टर के रूप में, मैं किसी प्रोड्यूसर के साथ लड़ सकती थी, लेकिन अगर आप दोनों के रूप में काम कर रहे हैं, तो आप किससे लड़ सकते हैं? मैं ज़ोर से कहना चाहती थी कि मुझे और पैसे की ज़रूरत है और मैं खुश नहीं हूं पर मैं कहां जाके रोती? किसको क्या बोलती?.'
बेसहारा महसूस करती थी
लेकिन कंगना ने ऐसे हालत में उन्हें गुस्सा और बेबसी अक्सर उन्हें घेर लेती है. वह कहती है, 'हम महामारी के दौरान शूटिंग कर रहे थे. मेरे पास मेरा इंटरनेशनल टीम थी और वे बहुत स्ट्रिक्ट माने जाते हैं. उनके पास स्ट्रिक्ट कॉन्ट्रैक्ट्स थे और उन्हें हर हफ्ते के अंत तक अपने पेमेंट की जरूरत थी. चूंकि वे मेरी फिल्म के लिए लॉक थे, इसलिए मुझे उन्हें पेमेंट करना पड़ा, भले ही मैं शूटिंग नहीं कर रही थी और फिर, असम में बाढ़ आई. मेरे पास अन्य मुद्दे भी थे जिनसे मैं निपट रही थी. मैं इस फिल्म को बनाने के लिए स्ट्रगल कर रही थी. मैं अपने आप में बेसहारा और निराशा महसूस करती थी. लेकिन मैं अपनी हताशा किसे दिखाती क्योंकि वहां कोई नहीं था.' लेकिन कंगना को यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि ऐसे समय में उनका परिवार उनके साथ था. खासकर उनकी बहन रंगोली चंदेल जो उनकी बात सुन लेती थी.