'बुखार, सर्दी या पैर में हो फ्रैक्चर...' हर हाल में Sushmita Sen ने निभाई अपनी कमिटमेंट्स
यूट्यूब चैनल पर दिए एक इंटरव्यू में सुष्मिता सेन ने बताया कि कैसे उन्होंने मिस यूनिवर्स बनने के बाद उन्हें उनके काम के प्रति डिसिप्लिन सिखाया गया. इस दौरान एक्ट्रेस ने बताया कि चाहे बुखार हो या फ्रैक्चर उन्होंने हार हाल में अपने काम प्रति सभी कमिटमेंट्स को पूरा किया.

सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) को 1994 में 'मिस यूनिवर्स' का ताज पहनाया गया था और वह यह खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. सुष्मिता सिर्फ़ 18 साल की थी. जब इस पल ने उनकी ज़िंदगी बदल दी और हाल ही में एक बातचीत में सुष्मिता ने बताया कि कैसे मिस यूनिवर्स के तौर पर उनकी ट्रेनिंग ने उन्हें डिसिप्लिन सिखाया और जीवन भर के लिए उनके काम करने के तरीके को आकार दिया.
शिप्रा नीरज के यूट्यूब चैनल पर राइजिंग एबव द ऑड्स सेशन के दौरान सुष्मिता ने याद किया कि 18 साल की उम्र में मिस यूनिवर्स जीतने के बाद उन्हें सिखाया गया था कि उन्हें अपने काम के प्रति कमिटमेंट्स का सम्मान करना चाहिए, चाहे सिचुएशन कैसे भी हों. उन्होंने शेयर किया, '18 साल की उम्र में, मुझे सिखाया गया था कि भले ही आपको बुखार, सर्दी, पैर में फ्रैक्चर या कुछ और हो, आपकी लिमोसिन में हमेशा तीन डॉक्टर और ऑक्सीजन सिलेंडर होंगे, लेकिन आप कभी भी काम करने से मना नहीं करेंगे. हम हमेशा काम पर जाएंगे और अपनी कमिटमेंट्स का सम्मान करेंगे और उन्हें पूरा करने के लिए तैयार रहेंगे.'
हर दिन काम पर जाना पड़ा
सुष्मिता ने याद किया कि इसी दौरान उन्हें अमेरिका में चिकनपॉक्स, मलेरिया और कुछ अन्य बीमारियां हुईं, लेकिन उन्होंने कभी काम करना बंद नहीं किया. उन्होंने कहा, '18 साल की उम्र में, मैं अमेरिका में चिकनपॉक्स से पीड़ित हो गई थी. मिस यूनिवर्स की जर्नी शुरू करने का यह कैसा तरीका है! मैं बहुत ही मुश्किल दौर से गुज़री और उसके बाद हर दिन काम पर गई. मुझे 104 बुखार, मलेरिया और हर भारतीय समस्या थी जिसकी आप अमेरिका में कल्पना कर सकते हैं, और मैं हर दिन काम पर गई. इससे मुझे पता चला कि चाहे कुछ भी हो आपको अपनी कमिटमेंट्स को पूरा करना होगा.'
इस फिल्म से रखा बॉलीवुड में कदम
सुष्मिता 1990 के दशक से ही एंटरटेनमेन्ट का हिस्सा रही हैं. उन्हें आखिरी बार उनकी वेब सीरीज आर्या के तीसरे सीजन में देखा गया था. 1975 में हैदराबाद में जन्मी सुष्मिता 1994 में मिस यूनिवर्स का ताज पहनने के बाद 1996 में 'दस्तक' फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन उन्हें पहचान 1997 की फिल्म 'बीवी नं. 1' से मिली, जिसमें उन्होंने सलमान खान और करीना कपूर के साथ काम किया. इसके बाद उन्होंने कई सफल फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा, जैसे 'आंखें' (2002), 'मैं हूं ना' (2004), 'समय' (2003), 'मैंने प्यार क्यों किया' (2005) अन्य फ़िल्में उनके करियर का हिस्सा रही.