मशहूर मराठी अभिनेता अतुल परचुरे का हुआ निधन: जानिए उनकी जिंदगी और संघर्ष की कहानी
Atul Parchure Death : मराठी एक्टर अतुल परचुरे का निधन हो गया है. अतुल परचुरे ने न केवल मराठी इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया, बल्कि बॉलीवुड की प्रमुख फिल्मों जैसे शाहरुख खान की ‘बिल्लू’, सलमान खान की ‘पार्टनर’, और अजय देवगन की ‘ऑल द बेस्ट’ में भी यादगार भूमिकाएं निभाई.

Atul Parchure Death : मराठी फिल्मों और थिएटर के जाने-माने अभिनेता अतुल परचुरे का 57 साल की उम्र में निधन हो गया. हालांकि उनकी मौत के पीछे की सटीक वजह अब तक सामने नहीं आई है, लेकिन यह खबर उनके फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के लिए बेहद दुखदाई रही. अतुल परचुरे ने न केवल मराठी इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया, बल्कि बॉलीवुड की प्रमुख फिल्मों जैसे शाहरुख खान की ‘बिल्लू’, सलमान खान की ‘पार्टनर’, और अजय देवगन की ‘ऑल द बेस्ट’ में भी यादगार भूमिकाएं निभाई.
अतुल परचुरे के परिवार की तरफ से अब तक उनके निधन को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है. लगभग एक साल पहले, मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि वे कैंसर से जूझ रहे थे. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एक यूट्यूब इंटरव्यू के दौरान अतुल ने खुलासा किया था कि डॉक्टरों ने उनके लीवर में 5 सेमी का ट्यूमर पाया था.
कैंसर की जंग
अतुल परचुरे ने अपने कैंसर के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा था कि उनकी शादी के 25 साल पूरे होने के बाद, जब वे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड यात्रा पर गए थे, तब तक वे ठीक थे. लेकिन यात्रा के कुछ दिन बाद, वे खाना नहीं खा पा रहे थे और तब उन्हें अपनी सेहत के बिगड़ने का अंदेशा हुआ. उन्होंने कई डॉक्टरों से परामर्श लिया और आखिरकार अल्ट्रासोनोग्राफी से पता चला कि उनके लीवर में एक 5 सेमी का ट्यूमर था, जो कैंसर का रूप ले चुका था.
गलत इलाज ने बढ़ाई मुसीबतें: अतुल की दर्दभरी कहानी
अतुल ने यह भी बताया कि उनका शुरुआती इलाज गलत तरीके से किया गया था, जिसके कारण उनकी हालत और खराब हो गई. गलत इलाज ने उनके पैंक्रिया को प्रभावित किया और वे चलने-फिरने में असमर्थ हो गए. इसके बाद डॉक्टरों ने सर्जरी करने के बजाए उन्हें डेढ़ महीने तक इंतजार करने को कहा, जिससे उनकी हालत और खराब हो गई. बाद में, उन्होंने डॉक्टर बदलकर सही इलाज और कीमोथेरेपी करवाई, जिससे उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ.
अंतिम दिनों में अस्पताल में भर्ती
मराठी अभिनेता जयवंत वाडकर, जो अतुल को बचपन से जानते थे, ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने बताया कि अतुल मराठी नाटक ‘सूर्याची पिल्लै’ में काम करने वाले थे और वे एक साथ रिहर्सल कर रहे थे. लेकिन पांच दिन पहले ही अतुल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से वे फिर कभी लौट नहीं पाए.
अतुल परचुरे की असमय मृत्यु ने मराठी और बॉलीवुड इंडस्ट्री दोनों को शोक में डाल दिया है. उनकी यादगार भूमिकाएं और जीवन के संघर्ष उनके प्रशंसकों और सहयोगियों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी.