मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है, इसी आवाज के लिए दिया गया था जहर, आसान नहीं था लता दीदी का यह सफर
लता दीदी ने करीब 30,000 से अधिक गाने गाए और उन्हें कई पुरस्कार मिले, जिनमें भारत रत्न, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं. उन्हें स्वर कोकिला कहा जाता है, लेकिन लता मंगेशकर का जीवन बेहद मुश्किल भरा रहा है.

मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है. यह बात लता मंगेशकर के लिए एकदम सच है. लता मंगेशकर को स्वर कोकिला कहा जाता है. उन्होंने न केवल संगीत की दुनिया में बल्कि एक्टिंग में भी हाथ आजमाया. मात्र 13 साल की उम्र में उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, जिसके कारण उन्हें पैसों के लिए कम उम्र में ही काम करना पड़ा. लता मंगेशकर का जन्म जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था. चलिए इस खास मौके पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से.
पहला हिट गाना
लता जी ने अपने करियर में कई बार संघर्ष का सामना किया. उनकी आवाज़ को कुछ समय के लिए अनसुना किया गया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत से खुद को साबित किया. लता जी का पहला बड़ा हिट गाना "आयेगा आने वाला" था, जो 1958 की फिल्म "महल" में था. यह गाना इतना फेमस हुआ कि लोगों ने इसे बार-बार गाना शुरू कर दिया था.
नेहरू जी भी रो पड़े
साल 1962 में हुए चीन हमले के अगले साल 26 जनवरी 1963 के दिन लता मंगेशकर ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ देशभक्ति गाना गाया था, जिसे सुन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की आंखें नम हो गई थीं.
जहर देकर की थी मारने की कोशिश
लता जी ने अपनी आवाज़ से सबका दिल जीत लिया था. ऐसे में वाजिब है कि उनके दुश्मन भी हों. ऐसे में अपनी जलन को शांत करने के लिए लता मंगेशकर को जहर देकर मारने की भी कोशिश की गई थी. जहर के कारण वह करीब 3 महीने तक बेड पर थीं. इस दौरान वह कुछ करने की हालात में नहीं थीं.
गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम
लता मंगेशकर ने करीब 50,000 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. ऐसे में लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 25,000 से ज्यादा गानों को अपनी आवाज़ देने का रिकॉर्ड है.
लता दीदी क्यों पहनती थीं सफेद साड़ी?
लता मंगेशकर को ज्यादातर सफेद रंग की कॉटन साड़ी पहने देखा गया है. इस पर उनका कहना था कि मेरी पर्सनैलिटी पर सफेद रंग ही जंचता है. इस बारे में एक बार लता दीदी ने बताया था कि जल्दबाजी के कारण वह रिकॉर्डिंग के लिए पीले या ऑरेंज कलर की क्रेप शिफॉन साड़ी पहनकर स्टूडियो चली गई थीं. जब उन्हें रिकॉर्डिस्ट ने देखा, तो कहा कि यह साड़ी आप पर जंच नहीं रही है. इसके बाद से ही लता जी ने रंग-बिरंगी साड़ियों से दूरी बना ली थी.