'केबीसी' में आए पहले आदिवासी कंटेस्टेंट, जीतेंगे 1 करोड़ रुपये?
जिस इलाके में लोगों के पास टीवी भी नहीं है, उस इलाके के आदिवासी समाज के बेटे बंटी वाडिवा इस एपिसोड में अमिताभ बच्चन के सामने वाली हॉटसीट पर बैठेंगे।

साल 2020 से अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति’ के साथ जुड़े हुए हैं! स्टार प्लस के साथ शुरू हुए इस शो का सफर अब सोनी टीवी के साथ आगे बढ़ रहा है। यह एक ऐसा क्विज रियलिटी शो है जिसने मिडिल क्लास परिवार के दिल में बड़े सपने देखने की उम्मीद जगाई है। 4 सितंबर को ऑन एयर होने वाले कौन बनेगा करोड़पति 16 के एपिसोड में आप कुछ ऐसा देखने वाले हैं जो इस शो के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। जिस इलाके में लोगों के पास टीवी भी नहीं है, उस इलाके के आदिवासी समाज के बेटे बंटी वाडिवा इस एपिसोड में अमिताभ बच्चन के सामने वाली हॉटसीट पर बैठेंगे।
शेयर किया गया है वीडियो
अब आगे बंटी वाडिवा और उनकी किस्मत तय करेगी कि वो इस शो से एक करोड़ रुपये जीत पाते हैं या नहीं लेकिन सोनी टीवी के शेयर किए एक वीडियो में दिखाया गया है कि अमिताभ बच्चन, बंटी से एक करोड़ रुपये के लिए सवाल पूछ रहे हैं। दरअसल, एक करोड़ के सवाल तक पहुंचने के बाद भी आगे का रास्ता कंटेस्टेंट के लिए काफी मुश्किल होता है। अगर वे एक करोड़ के लिए पूछे गए सवाल का गलत जवाब देते हैं तो उन्हें 1 करोड़ से सीधे 3 लाख पर आना पड़ता है। ऐसे में कई बार सही जवाब पता होने के बावजूद रिस्क लेने की जगह कंटेस्टेंट 50 लाख लेकर शो क्विट करने का फैसला लेते हैं।
गांव वालों की खास प्लानिंग
बंटी वाडिवा केबीसी के अपने सफर से बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उनका पूरा गांव उनके केबीसी जैसे शो में शामिल होने की खबर से बहुत उत्साहित है। वाडिवा ने कहा, 'हमारे गांव में ज्यादा लोगों के पास टीवी नहीं है और जिनके पास टीवी है, उनके पास सोनी टीवी जैसे महंगे चैनल का पैकेज नहीं हैं लेकिन मुझे केबीसी के बारे में पता था। मैंने इस शो के कुछ एपिसोड देखे थे। गांव में सबको इस शो के बारे में पता है। जब मेरा एपिसोड ऑन एयर होगा, तब चौराहे पर गांववाले बड़ी स्क्रीन लगाने वाले हैं ताकि हर कोई मेरा एपिसोड देख सके।'
260 रुपये से सीधे करोड़पति?
बंटी ने आगे बताया, 'मेरे बैंक खाते में सिर्फ 260 रुपये थे लेकिन अब हमारे अच्छे दिन आ गए हैं। मेरा पूरा परिवार खुश है। दरअसल, मैं ही नहीं, हमारे गांव में हर कोई पढ़ना चाहता है लेकिन वहां 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ता है। वहां से हर दिन हम अपने गांव नहीं आ सकते और शहर में रहकर पढ़ाई करना बहुत महंगा है। लोग इतना पैसा नहीं खर्च कर सकते और इसलिए इच्छा होने के बावजूद वे अपने बच्चों को आगे नहीं पढ़ा पाते हैं।'