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60 साल के बूढ़े या 60 साल के जवान! शाहरुख और आमिर के बाद सलमान खान भी बने सीनियर सिटीजन, कहां से लाते हैं 40 वाला जोश?

मेल एक्टर्स का करियर आमतौर पर ज्यादा लंबा चलता था. लेकिन 60 साल की उम्र में लोग उन्हें 'पुराना' मानने लगते थे, और बड़े सितारे भी धीरे-धीरे पीछे छूट जाते थे. उदाहरण के लिए, पिछले सदी के सबसे बड़े सितारे अमिताभ बच्चन को ही देखिए. उनका करियर का पीक 1970 और 1980 के दशक में था.

60 साल के बूढ़े या 60 साल के जवान! शाहरुख और आमिर के बाद सलमान खान भी बने सीनियर सिटीजन, कहां से लाते हैं 40 वाला जोश?
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( Image Source:  ANI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 27 Dec 2025 12:28 PM

1965 का साल हिंदी सिनेमा के लिए बहुत खास था. उस साल सुनील दत्त की मसाला से भरपूर फिल्म 'वक्त' और देव आनंद की गहरी सोच वाली फिल्म 'गाइड' रिलीज हुई थी. इसी साल तीन ऐसे बच्चे पैदा हुए जो आगे चलकर बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारे बने आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान. महज 25 साल के अंदर ही इन तीनों ने इंडस्ट्री में तहलका मचा दिया. अब, 60 साल बाद, यानी 2025 में, ये तीनों 60 साल के हो चुके हैं. आमिर खान मार्च में, शाहरुख खान नवंबर में और सलमान खान दिसंबर में इस उम्र को छू चुके हैं.

एक सामान्य नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए 60 की उम्र में रिटायरमेंट का समय होता है. लेकिन कलाकारों के लिए कोई रिटायरमेंट की तय उम्र नहीं होती. पहले सितारों के लिए भी एक तरह की उम्र सीमा हुआ करती थी. खासकर महिला एक्ट्रेस के साथ यह ज्यादा सख्त था. 30 साल की उम्र आते-आते उनका स्टारडम खत्म मान लिया जाता था. अगर वे शादी कर लेतीं या मां बन जातीं, तो उनका करियर और जल्दी खत्म हो जाता था, जैसे उनकी 'मौत' की खबर आ गई हो.

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60 की उम्र और पुरुष सितारों का करियर

मेल एक्टर्स का करियर आमतौर पर ज्यादा लंबा चलता था. लेकिन 60 साल की उम्र में लोग उन्हें 'पुराना' मानने लगते थे, और बड़े सितारे भी धीरे-धीरे पीछे छूट जाते थे. उदाहरण के लिए, पिछले सदी के सबसे बड़े सितारे अमिताभ बच्चन को ही देखिए. उनका करियर का पीक 1970 और 1980 के दशक में था. वे जल्दी ही सुपरस्टार बन गए लेकिन कई वजहों से जैसे राजनीति में जाना, उसके विवाद, वीडियो कैसेट के दौर में खुद को बदल न पाना, और नए यंग स्टार्स की मांग की वजह से अमिताभ धीरे-धीरे हाशिए पर चले गए.

बुरे दौर से गुजरे

  1. 1988 में 'शहंशाह' के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला और 1982 की 'कुली' एक्सीडेंट के बाद थोड़ी वापसी हुई, लेकिन 1990 के दशक में खानों जैसे युवा रोमांटिक हीरो आने के बाद वे पुराने जमाने के सितारे लगने लगे. जब अमिताभ 60 के हुए, तब तक वे अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर चुके थे और उससे उबर भी चुके थे. लेकिन इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ी. उन्हें टीवी जैसे 'छोटे' माध्यम में जाना पड़ा, जहां वे 'कौन बनेगा करोड़पति' के होस्ट बने. टीवी की सफलता फिल्मों में नहीं बदली, जब तक कि वे 2000 में 'मोहब्बतें' में एक स्ट्रिक्ट प्रिंसिपल की भूमिका नहीं निभाते, जहां उनका मुकाबला युवा शाहरुख खान से था.
  2. अमिताभ ने कुछ फिल्मों में लीड रोल किया, लेकिन लगातार सफलता नहीं मिली. वे ऋषि कपूर की तरह करैक्टर एक्टर बन गए. ऋषि कपूर ने 1989 की 'चांदनी' में लीड रोल किया था, लेकिन तीन साल बाद 1992 में शाहरुख की पहली फिल्म 'दीवाना' में वे शाहरुख के सामने फीके पड़ गए. 1990 के दशक में ऋषि दूसरे हीरो की भूमिका करते रहे, फिर 2000 के दशक में चरित्र रोल में आ गए. 60 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते उन्होंने 2012 में शानदार काम किया 'अग्निपथ' में खतरनाक विलेन रऊफ लाला, 'हाउसफुल 2' में मजेदार करैक्टर और 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' में पैशनेट प्रिंसिपल.'
  3. अमर-अकबर-एंथोनी की तरह, विनोद खन्ना ने 1980 के मध्य में ओशो आश्रम में जाने के लिए फिल्में छोड़ दीं, जिससे उनका चलता करियर रुक गया. वापसी की, लेकिन ज्यादा दिनों नहीं चली. 60 की उम्र में वे तीनों में सबसे कम सफल थे, एक के बाद एक औसत फिल्में करते रहे. सिर्फ 'वांटेड' (2009) और 'दबंग' सीरीज जैसी फिल्मों में नजर आए, जो सलमान की स्टार पावर पर चल रही थी. ऋषि कपूर के आखिरी सालों में उनका मानना था कि लीड रोल के लिए फाइनेंस मिलना मुश्किल है, जब तक फिल्म में खान जैसे बड़े सितारे न हों. उनकी जनरेशन के अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ और संजय दत्त ने भी साउथ फिल्मों में साइड रोल या विलेन किए.
  4. एक अपवाद हैं 68 साल के सनी देओल 2023 में 'गदर 2' से उन्होंने धमाकेदार वापसी की. इस साल की शुरुआत में 'जाट' से उतना कमाल नहीं हुआ, लेकिन जनवरी 2026 में आने वाली 'बॉर्डर 2' से उम्मीद है कि वे फिर छा जाएंगे. हालांकि 'गदर 2' से पहले एक दशक से ज्यादा समय तक उनकी कोई बड़ी हिट नहीं थी, जबकि तीनों खानों ने 30-35 सालों में उतार-चढ़ाव के बावजूद अपनी स्टारडम को ज्यादा स्थिर रखा है.

खानों के लिए 60 ही है 40 के बराबर

ये तीनों खान उस समय इंडस्ट्री में आए जब भारत लिबरलाइजेशन की ओर बढ़ रहा था. नई पीढ़ी के दर्शक खुद को स्क्रीन पर देखना चाहते थे, और इन तीनों युवा, जोशीले हीरो में उन्हें अपना अक्स नजर आया. 1990 और 2000 के शुरुआती सालों में रोमांटिक फिल्मों ने उन्हें सुपरस्टार बनाया. लेकिन नई सदी ने नई चुनौतियां दी 35 साल की उम्र के बाद ज्यादातर सितारों में थकान दिखने लगती थी. एक वजह थी एक साथ दर्जनों फिल्में करना. आमिर खान पहले ऐसे लीड हीरो थे जिन्होंने एक समय में सिर्फ एक फिल्म करने का फैसला लिया, जो तब सुसाइड जैसा लगता था. लेकिन 2001 की 'लगान' की बड़ी सफलता ने सबको गलत साबित कर दिया. 2000 के दशक में कॉरपोरेट कंपनियां इंडस्ट्री में आईं, जिससे फिल्में ज्यादा प्रोफेशनल हुईं. इससे आमिर, शाहरुख और सलमान को भी कम फिल्में करने की आजादी मिली. लेकिन दर्शकों की नई उम्मीदें भी बढ़ीं.

बेहतर क्वालिटी और आर्ट

सलमान को सबसे बड़ी चुनौती 2000 के शुरुआती सालों में मिली, जब उनका दौर थोड़ा कमजोर था. उनके पिता सलीम खान ने उन्हें चेताया और मेहनत करने को कहा. सलमान ने अपने सिंगल स्क्रीन वाले फैंस को समझा और 'दबंग', 'वांटेड', 'भारत' जैसी मसाला फिल्मों से शानदार कमबैक किया. शाहरुख की असली परीक्षा 2015 के बाद आई, जब 'फैन', 'जब हैरी मेट सेजल' और 'जीरो' फ्लॉप हुईं. उन सालों में शाहरुख ने कहा कि स्टारडम अब रहस्य से बदलकर आसानी से अवेलेबल होने में है. उन्होंने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को नई जनरेशन के स्टार्स बताया. शाहरुख ने भी यही किया फिल्मों, ऐड्स, इवेंट्स, शादियों और इंटरव्यू में हर जगह नजर आए. 2019 में ब्रेक लिया, फिर कोविड में सोचा-समझा. उसके बाद नया तरीका अपनाया. 'पठान' और 'जवान' जैसी एक्शन फिल्मों में खुद को अलग रखा कम इंटरव्यू, ज्यादा समय फिल्म पर, पैपराजी से चेहरा छुपाना. इससे दर्शकों में उनकी कमी खलने लगी. प्रमोशन कम होने से उनकी हर खबर वायरल हो जाती थी.

क्या ये एक्टर्स कर पाएंगे कमाल?

अब उनकी आने वाली फिल्में, जैसे 2026 में रिलीज होने वाली 'किंग' जिसमें उनकी बेटी सुहाना खान भी हैं, बहुत चर्चा में रहती हैं.शाहरुख को थोड़ा समय लगा, लेकिन अब वे तीनों खानों में सबसे आगे हैं. दूसरी ओर, आमिर खान बिल्कुल उलटा कर रहे हैं खुद को बहुत अवेलेबल बना रहे हैं, जैसे पहले शाहरुख करते थे और सलमान? वे अभी भी अपने बेफिक्र अंदाज में हैं, जो उनकी घमंडी लेकिन प्यारी स्टार इमेज से बिल्कुल मैच करता है. 'एनिमल' और 'धुरंधर' जैसी फिल्मों की सफलता के बाद भी रणबीर कपूर या रणवीर सिंह 60 की उम्र में इस लेवल की सुपरस्टारडम हासिल कर पाएंगे या नहीं, यह कहना मुश्किल है. लेकिन अगर कर पाए, तो उन्हें पता होगा कि रास्ता किसने बनाया – ये तीन खान!.

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