जिंदा रहते रक्तदान, हादसे में मौत के बाद दे गया 4 लोगों को नई जिंदगी
सड़क हादसे में घायल लोगों की जान बचाने के लिए वह 18 साल की उम्र से ही रक्तदान कर रहा था. जब खुद उसकी सड़क हादसे में मौत हुई तो उसके पिता ने उसका अंगदान किया है.

ऐसा जीवन दाता शायद ही आपने कभी सुना या देखा होगा. जब तक वह जिंदा था, हमेशा रक्तदान करता था और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करता था. इस प्रकार उसने दर्जनों लोगों की जान बचाई. अब जब खुद एक हादसे में उसकी मौत हुई तो अंगदान कर वह 4 लोगों को नया जीवन दे गया. हम बात कर रहे है दिल्ली के अनीश की बनर्जी की. अंगदान के बाद उसके पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. पहले उनका बेटा एक शरीर में जिंदा था, अब चार लोगों के शरीर में है. बीते सप्ताह अनीश बनर्जी एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था.
उसे एम्स के प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए खूब कोशिश की. बावजूद इसके गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया. चूंकि डॉक्टरों को अनीश की हिस्ट्री पता थी. इसलिए डॉक्टरों ने अनीश के पिता को अंगदान की जानकारी दी. उसके पिता भी तत्काल राजी हो गए और अंगदान के लिए मंजूरी दे दी. पिता की मंजूरी मिलने के बाद अनीश के डेड शरीर से दिल निकाल कर एम्स में ही भर्ती एक मरीज को लगाया गया. वहीं लिवर सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल अस्पताल में भर्ती मरीज को मिला है. इसी प्रकार एक किडनी एम्स में ही भर्ती एक अन्य मरीज को और दूसरी किडनी सफदरजंग अस्पताल में भर्ती मरीज के शरीर को लगाई गई है.
पिता ने दी अंगदान को मंजूरी
अनीश के पिता ने बताया कि उनका बेटा 26 साल का था और वह 18 साल की उम्र से ही रक्तदान कर रहा था. खासतौर पर किसी सड़क दुर्घटना की सूचना पर वह खुद ही अस्पताल पहुंच जाता. यदि वह खुद योग्य होता तो रक्तदान कर देता, यदि उस समय वह नहीं कर पाता तो अपने दोस्तों मित्रों को बुलाकर रक्तदान कराता था. चूंकि मदद करना उसका स्वभाव था, इसलिए जब सड़क हादसे में उसकी खुद की मौत हुई तो उन्होंने उसके स्वभाव को देखते हुए उसके अंगदान को मंजूरी दे दी.