भारतीय रेलवे का प्राउड मोमेंट: अब देश में दौड़ेंगी 164 वंदे भारत ट्रेनें, बनेगा नया स्पीड और टेक्नोलॉजी रिकॉर्ड
भारतीय रेलवे ने चार नई वंदे भारत ट्रेनों को मंजूरी दी है, जिससे देश में इन ट्रेनों की कुल संख्या बढ़कर 164 हो जाएगी. फिलहाल 156 वंदे भारत सेवाएं देशभर में चल रही हैं. नई ट्रेनों को बेंगलुरु–एर्नाकुलम, फिरोजपुर–दिल्ली, लखनऊ–सहारनपुर और वाराणसी–खजुराहो रूट पर चलाया जाएगा.
भारतीय रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस नेटवर्क के विस्तार को मंजूरी दे दी है. चार नई वंदे भारत ट्रेनों (कुल आठ सेवाओं) को हरी झंडी मिलने के बाद देश में इन ट्रेनों की कुल संख्या बढ़कर 164 हो जाएगी. फिलहाल भारतीय रेल नेटवर्क पर 156 वंदे भारत सेवाएं संचालित हो रही हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ये नई ट्रेनों को मंजूरी मिलने के साथ ही रेलवे अब देश के विभिन्न हिस्सों में तेज, आधुनिक और आरामदायक रेल यात्रा के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है. चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) द्वारा निर्मित वंदे भारत ट्रेनों ने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रेल यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदल दिया है. पहली वंदे भारत एक्सप्रेस 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-प्रयागराज-वाराणसी रूट पर शुरू हुई थी.
कौन-कौन से रूट पर चलेंगी नई वंदे भारत ट्रेनें
रेल मंत्रालय द्वारा जिन चार नई ट्रेनों को मंजूरी दी गई है, वे निम्नलिखित रूटों पर चलेंगी—
- KSR बेंगलुरु–एर्नाकुलम वंदे भारत एक्सप्रेस (26651/26652)
- फिरोजपुर कैंट–दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस (26461/26462)
- लखनऊ–सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस (26503/26504)
- वाराणसी–खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस (26421/26422)
इन रूटों के शुरू होने से दक्षिण भारत, उत्तर भारत और मध्य भारत के बीच तेज और आरामदायक रेल संपर्क और बेहतर होगा.
वंदे भारत एक्सप्रेस की तकनीकी खूबियां
वंदे भारत ट्रेनें ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक से तैयार की गई हैं और इनमें यात्रियों की सुरक्षा, आराम और सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है. नई मंजूर ट्रेनों में भी वही अत्याधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं जो मौजूदा मॉडलों में हैं -
- कवच (KAVACH) सिस्टम से लैस - यह स्वदेशी टक्कर-रोधी तकनीक है.
- उच्च गति क्षमता - 180 किमी/घंटा डिजाइन स्पीड और 160 किमी/घंटा परिचालन गति.
- यूवी-सी लैंप आधारित एयर डिसइंफेक्शन सिस्टम - वातानुकूलन में संक्रमण नियंत्रण.
- सेमी-पर्मानेंट कपलर और झटके-रहित सफर.
- स्वचालित दरवाजे, सीसीटीवी कैमरे, और आपातकालीन संवाद प्रणाली (टॉक-बैक यूनिट्स).
- बेहतर फायर सेफ्टी - इलेक्ट्रिकल कैबिनेट और टॉयलेट में एयरोसोल आधारित फायर सिस्टम.
- दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष शौचालय.
- ड्राइवर-गार्ड वॉइस रिकॉर्डिंग और कोच कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम (CCMS).
रेल मंत्रालय का दावा है कि ये सुविधाएं न केवल सुरक्षा बढ़ाती हैं बल्कि यात्रा को और अधिक “स्मूद और भविष्यवादी” बनाती हैं.
वंदे भारत 4.0: भारत से दुनिया तक का लक्ष्य
वर्तमान में रेलवे नेटवर्क पर वंदे भारत 3.0 ट्रेनें चल रही हैं. लेकिन अब मंत्रालय वंदे भारत 4.0 पर काम कर रहा है, जिसे अगले 18 महीनों के भीतर लॉन्च करने की योजना है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा, “वंदे भारत 4.0 विश्व स्तर के मानक तय करेगा. हमारा लक्ष्य है कि यह ट्रेन गुणवत्ता, आराम और प्रदर्शन के हर स्तर पर इतनी उन्नत हो कि दुनिया के देश भी इसे अपनाना चाहें.” सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत 4.0 में ऊर्जा दक्षता, गति, शोर नियंत्रण और यात्री सुविधाओं में कई नए सुधार होंगे. यह ट्रेन भारत की तकनीकी क्षमता और रेलवे आधुनिकीकरण का प्रतीक बनने जा रही है.
भारत की रेल यात्रा में नया युग
2019 में वंदे भारत के सफर की शुरुआत से लेकर आज तक, यह ट्रेन भारतीय रेल की पहचान बन चुकी है. जहां एक ओर यह ट्रेन राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी सेवाओं का आधुनिक विकल्प बनकर उभरी है, वहीं दूसरी ओर इसने यात्रियों में ‘इंडियन बुलेट ट्रेन’ जैसा अनुभव पैदा किया है. रेलवे मंत्रालय का कहना है कि आने वाले समय में वंदे भारत ट्रेनें देश के हर राज्य तक पहुंचाई जाएंगी, ताकि भारत का रेल नेटवर्क न केवल सबसे बड़ा बल्कि सबसे तेज़ और सुरक्षित भी बन सके.





