एक ही गांव में 5 बच्चों की मौत से हड़कंप, रहस्यमय बीमारी की दहशत
जांच में पाया गया है कि मौत के शिकार हुए सभी बच्चे कुपोषण के शिकार थे. इसके चलते उनकी इम्युनिटी कम थी. ऐसे में वह चिकनगुनिया की बीमारी से लड़ नहीं पाए.

बिहार के अररिया जिले के एक ही गांव में एक हफ्ते के अंदर पांच बच्चों की संदिग्ध बीमारी की वजह से मौत हो गई है. इस खबर से अररिया जिले में नहीं, राज्य मुख्यालय पर भी हड़कंप मच गया है. आनन फानन में डॉक्टरों की टीम बनाकर गांव में भेजा गया है. यह टीम गांव के सभी बच्चों की जांच कर रही है. वहीं किसी भी तरह की बीमारी की संभावना पर बच्चों को जिला मुख्यालय के अस्पताल में लाकर उनका इलाज किया जा रहा है. चूंकि इस संदिग्ध बीमारी से मरने वाले सभी बच्चे 10 साल से भी कम उम्र के हैं, इसलिए इस खबर से लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर दहशत में आ गए हैं.
मामला अररिया के रानीगंज ब्लॉक में मछुआ गांव का है. गांव में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने कैंप करना तो शुरू ही कर दिया है, पटना मेडिकल कॉलेज से भी 12 डॉक्टरों की टीम पहुंची है. डॉक्टरों की प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस रहस्यमय बीमारी के शिकार हुए सभी बच्चे कुपोषण के शिकार थे और हाल के कुछ दिनों के अंदर चिकनगुनिया की चपेट में भी आए थे. जानकारी के मुताबिक वार्ड नंबर 11 में रहने वाले यह सभी बच्चे महा दलित परिवारों से संबंध रखते थे. वहीं, इनके घर वाले मेहनत मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से परिवार का पालन पोषण करते थे.
इम्युनिटी कम होने से हुई मौतें
गांव में पहले से ही कैंप कर रहे सिविल सर्जन केके कश्यप ने बताया कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उनकी जांच में चिकनगुनिया बुखार होने की पुष्टि हुई है. इसी के साथ यह भी पाया गया है कि इस गांव में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता औसत से भी कम है. आशंका है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से ही इन बच्चों की मौत हुई है. गांव में कैंप कर रहे एक और डॉक्टर ने बताया कि गांव में अब भी आधा दर्जन से ऐसे बच्चे हैं जो, चिकनगुनिया जैसी बीमारी से पीड़ित हैं. इन बच्चों को विशेष निगरानी में ले लिया गया है. इसी प्रकार कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो दिखने में तो स्वस्थ नजर आ रहे हैं, लेकिन आशंका है कि वह भी बीमार हैं.