बांग्लादेश में हर दिन हो रही हिंदुओं की हत्या! बुधवार को खालिदा जिया के जनाजे पर जयशंकर का जाना अहम क्यों?

बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हो रहे हमलों और हत्याओं के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के जनाजे में शामिल होना कूटनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है. एक तरफ अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत संवेदनशील समय में बांग्लादेश के प्रति औपचारिक सम्मान और संवाद का संदेश दे रहा है. जयशंकर की मौजूदगी यह दिखाती है कि भारत हालात पर नजर रखते हुए भी पड़ोसी देश से रिश्तों का दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं करना चाहता.;

( Image Source:  Social Media )
Edited By :  सागर द्विवेदी
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बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बीएनपी प्रमुख बेगम खालिदा जिया के निधन के बाद भारत की ओर से बड़ा कूटनीतिक कदम सामने आया है. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ढाका जाकर उनके राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होंगे और भारत की ओर से संवेदनाएं व्यक्त करेंगे. यह दौरा ऐसे वक्त हो रहा है, जब भारत-बांग्लादेश संबंध पहले से ही तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं.

80 वर्षीय खालिदा जिया का मंगलवार सुबह ढाका के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. बीएनपी की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, 'BNP Chairperson and former Prime Minister Begum Khaleda Zia is no more.' उनके निधन को बांग्लादेश की राजनीति के एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है.

बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली शख्सियत

पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी खालिदा जिया 1991 में बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं. इसके बाद 1991-96 और 2001-06 तक उन्होंने देश की सत्ता संभाली. उनका राजनीतिक जीवन शेख हसीना के साथ तीखी प्रतिद्वंद्विता के लिए जाना जाता है, जिसमें दशकों तक सत्ता का संघर्ष चलता रहा.

पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खालिदा जिया के निधन पर शोक जताया. उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन का समाचार जानकर अत्यंत दुख हुआ. उनके परिवार और बांग्लादेश की जनता के प्रति हमारी हार्दिक संवेदनाएं. ईश्वर उनके परिवार को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.'

बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्याओं से बढ़ा तनाव

खालिदा जिया के निधन के बीच बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों ने चिंता और बढ़ा दी है. मयमनसिंह जिले में एक हिंदू सुरक्षा गार्ड बजेंद्र बिस्वास (42) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. आरोपी नोमान मियां उसी फैक्ट्री में तैनात अंसार सदस्य था.

कैसे हुई हत्या?

पुलिस के मुताबिक, दोनों फैक्ट्री परिसर में स्थित अंसार बैरक में मौजूद थे. बातचीत के दौरान आरोपी ने मजाक में सरकारी शॉटगन तान दी, तभी गोली चल गई जो बजेंद्र बिस्वास की जांघ में लगी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

पहले भी हो चुकी हैं दो हत्याएं

इस घटना से पहले 18 दिसंबर को दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी और बाद में शव को जला दिया गया. कुछ ही दिनों बाद एक और हिंदू व्यक्ति की हत्या की खबर आई. लगातार तीन घटनाओं ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

देशभर में विरोध प्रदर्शन

हिंदुओं की हत्याओं के बाद ढाका, चटगांव समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए. अल्पसंख्यक संगठनों और नागरिक समूहों ने न्याय, सुरक्षा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. हालांकि बांग्लादेश सरकार इन घटनाओं को “अलग-अलग आपराधिक मामले” बता रही है, लेकिन भारत और मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताई है.

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