कौन हैं ब्रिटिश सिख बिजनेसमैन गुरप्रीत सिंह रेहाल, जिन पर ब्रिटेन ने लगाया बैन? क्यों हुई कार्रवाई
ब्रिटेन ने अपने Domestic Counter-Terrorism Regime के तहत पहली बार ब्रिटिश-सिख बिजनेसमैन गुरप्रीत सिंह रेहाल पर कड़ा प्रतिबंध लगाया है. गुरप्रीत पर आरोप है कि वे एक ऐसे नेटवर्क से जुड़े हैं, जो कथित रूप से कट्टरपंथी गतिविधियों और फंडिंग में शामिल था. सरकारी आदेश के बाद उनकी संपत्तियां फ्रीज कर दी गई हैं और उन्हें किसी भी कंपनी के प्रबंधन से दूर रहने को कहा गया है.;
ब्रिटेन सरकार ने चौंकाने वाला कदम उठाते हुए ब्रिटिश-सिख व्यवसायी गुरप्रीत सिंह रेहाल पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है. HM Treasury कि इस कार्रवाई में रेहाल की संपत्तियों को फ्रीज करना, व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाना और उनसे जुड़े समूहों की जांच शामिल है. आरोप है कि रेहाल कथित रूप से उस नेटवर्क से जुड़े थे, जिस पर कट्टरपंथी वित्तपोषण का शक है. Morecambe FC के अधिग्रहण के दौरान सुर्खियों में आए रेहाल पर इस कार्रवाई ने पूरे समुदाय में हलचल मचा दी है.
कौन हैं Gurpreet Singh रहल?
Gurpreet Singh Rehal एक ब्रिटिश-सिख व्यवसायी हैं. ब्रिटिश सरकार द्वारा घोषित प्रतिबंध सूची में इस शख्स का नाम पहली बार आया है. वे ब्रिटेन की स्पोर्ट्स इन्वेस्टमेंट फर्म Panjab Warriors से जुड़े थे. इस फर्म ने हाल ही में ब्रिटिश फुटबॉल क्लब Morecambe FC का अधिग्रहण किया था. इस अधिग्रहण के दौरान Rehal का वर्णन कंसल्टेंसी रोल के रूप में किया गया था.
ब्रिटेन ने क्यों लगाया बैन?
ब्रिटिश सरकार (HM Treasury) ने Rehal पर एसेट फ्रीज (asset freeze) लगा दी है. इसका मतलब उनकी ब्रिटेन में सारी संपत्तियों और आर्थिक संसाधनों सीज कर दिया है. इसके अलावा उन्हें किसी कंपनी का डायरेक्टर बनने या किसी कंपनी की मैनेजमेंट/रनिंग में शामिल होने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. उस समूह Babbar Akali Lehar पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जो कथित रूप से Babbar Khalsa से जुड़ा बताया जा रहा है.
आरोप क्या है?
ब्रिटेन सरकार ने कहा है कि Rehal उन संगठनों (Babbar Khalsa और Babbar Akali Lehar से जुड़े पाए गए हैं, जो भारत में सक्रिय कट्टरपंथी व आतंकवादी समूह माने जाते हैं. आरोप है कि उन्होंने इन समूहों या उनसे जुड़े नेटवर्क को वित्तीय सहायता, फंडिंग या अन्य संसाधन मुहैया कराया है. हथियारों या अन्य सैन्य सामग्री की खरीद में मदद करने का भी ब्रिटिश पुलिस को शक है.
ब्रिटिश सरकार का यह कहना है कि यह कार्रवाई पहली बार है, जब उसने खुद के Domestic Counter-Terrorism Regime के तहत किसी व्यक्ति या समूह पर फंडिंग रोकने का कदम उठाया है.
फैसले का असर
Morecambe FC और Panjab Warriors ने तुरंत कहा कि Rehal अब उनकी फर्म या क्लब से पूरी तरह अलग हो चुका है. उनकी कंसल्टेंसी रोल भी रद्द कर दी गई है. यह कार्रवाई दिखाती है कि ब्रिटिश सरकार अब वित्तीय और निवेश नेटवर्क के जरिए आतंकवाद या उग्रवाद की फंडिंग को रोकने के लिए बहुत सख्त हो चुकी है.
ब्रिटेन ने 2025 के अंत में एक बड़ा कदम उठाया है. पहली बार अपनी घरेलू आतंकवाद–निरोधी व्यवस्था (Domestic Counter-Terrorism Regime) का इस्तेमाल करते हुए ब्रिटिश-सिख व्यवसायी Gurpreet Singh Rehal और उनसे जुड़े समूह Babbar Akali Lehar पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह Babbar Khalsa की फंडिंग, भर्ती व हथियारों की आपूर्ति में सहयोग दिया है. साथ ही, उन्हें किसी भी ब्रिटिश कंपनी का हिस्सा बनने या प्रबंधन करने से भी रोका गया है. इस फैसले के बाद Morecambe FC सहित उनकी व्यावसायिक हिस्सेदारी तुरंत समाप्त कर दी गई है. यह पहल दिखाती है कि ब्रिटिश सरकार आतंकवाद के वित्तीय स्रोतों को रोकने के लिए निवेश, बैंकिंग और ट्रेड नेटवर्क पर भी नजर रख रही है.