क्‍या होता है Sonic Weapon, कैसे करता है काम और इंसानों का कर सकता है कितना नुकसान?

एम्पलीफायर सदियों से मौजूद हैं, और भीड़ को काबू में करने के लिए इस तकनीक का उपयोग 1990 के दशक की शुरुआत में हुआ था. 2004 में, अमेरिका की सेना ने पहली बार ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया जो इराक में बहुत लंबी दूरी पर अपने काम को अंजाम देने में सक्षम थे.;

( Image Source:  Meta AI )
Edited By :  प्रवीण सिंह
Updated On : 21 March 2025 6:30 AM IST

यूरोप का छोटा सा देश सर्बिया इन दिनों सरकार विरोधी प्रदर्शनों को लेकर चर्चा में है. लेकिन एक और बात की चर्चा हो रही है वो है प्रतिबंधित सोनिक वेपन के इस्‍तेमाल की, जिसे भीड़ को तितर बितर करने के लिए इस्‍तेमाल करने का आरोप है. हालांकि सर्बिया के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसिक ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी पुलिस ने बेलग्रेड में इसका इस्तेमाल किया. उन्होंने एक बयान में कहा, "मुझे विदेश में इस हथियार को देखने का अवसर मिला है, और यह एक जबरदस्‍त आवाज पैदा करता है. लेकिन शनिवार 15 मार्च की रात को बेलग्रेड की सड़कों पर ऐसी कोई आवाज सुनाई नहीं दी है.''

बता दें कि सर्बिया में व्यापक भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोपों सहित कई मुद्दों पर वुसिक और उनकी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कुछ सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए सोनिक हथियार का इस्तेमाल किया जो कि देश के पुलिस कानून के तहत प्रतिबंधित है.

हालांकि साउंड एम्पलीफायर सदियों से मौजूद हैं, और भीड़ को काबू में करने के लिए इस तकनीक का उपयोग 1990 के दशक की शुरुआत में हुआ था. 2004 में, अमेरिका की सेना ने पहली बार विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया जो इराक में बहुत लंबी दूरी पर तेज़ आवाज़ें प्रक्षेपित करने में 5सक्षम थे.

सोनिक वेपन क्या है?

सोनिक वेपन यानी ध्वनि हथियार को Acoustic Weapons भी कहा जाता है, जो बहुत ही तेज आवाज पैदा कर सकते हैं. इनका इस्‍तेमाल विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने, भीड़ को तितर-बितर करने या सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है. इनमें से कुछ हथियार बहुत ही हाई फ्रिक्‍वेंसी की ध्वनि उत्पन्न करते हैं जो दर्दनाक होती है, जबकि अन्य लो फ्रिक्‍वेंसी (Infrasound) का उपयोग करते हैं जिससे सिरदर्द, मतली और चक्कर आने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं.

कैसे काम करते हैं ये हथियार?

यह हथियार आधुनिक ट्रांसड्यूसर्स (Transducers) का उपयोग करते हैं, जो बिजली को ध्वनि ऊर्जा में बदल देते हैं. इस प्रॉसेस में एक ऐसी साउंड वेव उत्पन्न होती है जो किसी खास जगह पर केंद्रित की जा सकती है. पुलिस और सैन्य बल इन हथियारों को नियंत्रित करके उनकी तीव्रता, फ्रिक्‍वेंसी और प्रभाव की को बदल सकते हैं.

कितने तरह के होते हैं सोनिक हथियार?

  • लॉन्ग-रेंज एकॉस्टिक डिवाइस (LRAD): यह एक पावरफुल उपकरण है जो बहुत ही ज्‍यादा तेज आवाज पैदा कर सकते हैं. इसकी आवाज 160 डेसिबल (dB) तक जा सकती है, जो इंसानी कानों के लिए बहुत नुकसानदेह होती है. बता दें कि एक जेट इंजन की आवाज लगभग 130-140 डेसिबल होती है.
  • मॉस्किटो डिवाइस (Mosquito Device): यह विशेष रूप से युवाओं को प्रभावित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह हाई फ्रिक्‍वेंसी वाली आवाज उत्पन्न करता है जो केवल 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों को सुनाई देती है और दर्दनाक होती है.
  • इन्फ्रासोनिक हथियार (Infrasonic Weapons): यह बहुत कम फ्रिक्‍वेंसी की आवाज उत्पन्न करते हैं, जो सुनाई नहीं देती लेकिन सिरदर्द, मतली और चक्कर जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकती है. इस तकनीक पर अभी भी शोध जारी है.

सोनिक हथियारों का इंसानों के स्वास्थ्य पर क्‍या होता है असर?

  • बहरापन (Hearing Loss): 120 डेसिबल से अधिक तीव्रता वाली ध्वनि पूरी तरह से बहरा बना सकती है.
  • टिनिटस (Tinnitus): यह एक स्थिति है जिसमें कानों में लगातार घंटी बजने जैसी ध्वनि सुनाई देती है.
  • सिरदर्द और मतली: तेज आवाल दिमाग और कानों के अंदरूनी हिस्‍सों पर असर डाल सकते हैं, जिससे संतुलन बिगड़ सकता है.
  • अन्य प्रभाव: अत्यधिक तीव्र ध्वनि के संपर्क में आने से उल्टी, ब्‍लड प्रेशर में वृद्धि और कान से खून बहने जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

साउंड की फ्रिक्‍वेंसी

  • इन्फ्रासाउंड (Infrasound) – 20Hz से कम फ्रीक्वेंसी, जो सुनाई नहीं देती लेकिन महसूस की जा सकती है.
  • ऑडिबल साउंड (Audible Sound) – 20Hz से 20kHz तक की फ्रीक्वेंसी, जो मनुष्य सुन सकता है.
  • अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – 20kHz से अधिक फ्रीक्वेंसी, जो मनुष्य के कान सुन नहीं सकते.

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