300 डंक भाई को, 700 डंक बहन को! खेत में खेल रहे मासूमों की ततैयों के हमले ने ली जान

फॉरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट में सामने आया कि लड़के को लगभग 300 डंक लगे थे, जबकि उसकी छोटी बहन को 700 से ज्यादा डंक मारे गए थे. डॉक्टरों ने बताया कि इतने डंक झेलना किसी छोटे बच्चे के लिए असंभव था. वन विभाग ने बताया कि हमला करने वाले ततैया वेस्पा वेलुटिना निग्रिथोरैक्स प्रजाति के थे.;

Edited By :  रूपाली राय
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चीन के युन्नान प्रांत से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां 28 जून को एक गांव में सात साल का लड़का और उसकी दो साल की छोटी बहन, दोनों ही ततैयों (हॉर्नेट्स) के हमले का शिकार हो गए. दोनों मासूम बच्चों की जान इस हमले में चली गई. यह दोनों बच्चे अपने दादा-दादी के साथ गांव में रहते थे. उनके माता-पिता झेजियांग प्रांत में प्रवासी मजदूर के रूप में काम करते थे और परिवार की जिम्मेदारी दादा-दादी पर थी. घटना वाले दिन बच्चों की दादी उन्हें साथ लेकर खेत में मक्की की फसल काटने गई थी.

खेत में काम करने के दौरान बच्चे पास के देवदार के जंगल की ओर खेलते-खेलते चले गए. यहीं पर अचानक उन पर ततैयों के झुंड ने हमला कर दिया. बच्चों की दर्दभरी चीखें सुनकर गांव का एक शख्स मदद के लिए दौड़ा, लेकिन उसे भी ततैयों ने डंक मार दिया. वह भागकर दादी के पास पहुंचा और पूरी घटना बताई. दादी तुरंत दौड़कर बच्चों के पास पहुंचीं और उन्हें बचाने की कोशिश की. उन्होंने पहले अपने पोते को ततैयों से निकालकर सुरक्षित किया और फिर पोती को बचाने की कोशिश की.

खत्म हो चुकी थी मासूमों की जिंदगी 

लेकिन तब तक हालात काफी बिगड़ चुके थे. जब तक मेडिकल मदद पहुंची, छोटी बच्ची ने दम तोड़ दिया. लड़के को तुरंत अस्पताल ले जाया गया और आईसीयू में भर्ती किया गया. डॉक्टरों ने भरसक कोशिश की लेकिन अगले ही दिन उसकी भी मौत हो गई. इस हमले में दादी को भी गंभीर चोटें आईं और उन्हें एक हफ्ते तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा. जब बच्चों के माता-पिता को यह खबर मिली और वे घर लौटे, तब तक दोनों मासूमों की जिंदगी खत्म हो चुकी थी. पिता, जिनकी पहचान सिर्फ यांग नाम से हुई, ने रोते हुए कहा, 'मेरे बच्चों के पूरे शरीर पर डंक थे सिर, हाथ, पैर, पीठ और पेट शरीर का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं था, जो बचा हो.'

बच्चों को लगे सैकड़ों डंक

फॉरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट में सामने आया कि लड़के को लगभग 300 डंक लगे थे, जबकि उसकी छोटी बहन को 700 से ज्यादा डंक मारे गए थे. डॉक्टरों ने बताया कि इतने डंक झेलना किसी छोटे बच्चे के लिए असंभव था. वन विभाग ने बताया कि हमला करने वाले ततैया वेस्पा वेलुटिना निग्रिथोरैक्स प्रजाति के थे, जिन्हें आम भाषा में पीले पैरों वाले हॉर्नेट कहा जाता है. इन्हें गांव के ही एक किसान ली ने पाल रखा था, ली इन ततैयों के क्रिसलिस (लार्वा) को स्थानीय व्यंजन के तौर पर बेचता था. ली ने बताया कि उसने इस काम में लगभग 50,000 युआन का निवेश किया था और वह पिछले दो साल से इन्हें पाल रहा था, लेकिन पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई थी. हादसे के बाद ली ने सभी ततैयों को नष्ट कर दिया. पुलिस ने ली को एक हफ्ते तक हिरासत में रखा और बाद में जमानत पर छोड़ दिया। जांच अभी भी जारी है। ली ने शोक संतप्त परिवार को 40,000 युआन (लगभग ₹4.4 लाख) मुआवजे के रूप में दिए और कहा कि वह इससे ज्यादा देने में सक्षम नहीं है.

अधिकारियों ने लगाया प्रतिबंध

वन विभाग ने यह भी बताया कि ली ने ततैयों की इस प्रजाति को पालने के लिए जरूरी पंजीकरण नहीं कराया था, जबकि यह स्थानीय नियमों के तहत अनिवार्य है. इस हादसे के बाद प्रशासन ने पूरे क्षेत्र में निरीक्षण शुरू कर दिया है और पीले पैरों वाले हॉर्नेट पालने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. 

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